सितंबर में मानसून की विदाई के दौरान औसत से ज्यादा बारिश होने से हर्षिल, मुखवा, दराली, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुखी गांव में सेब के पेड़ों में नमी आ गई थी। जिससे सितंबर आखिरी में अचानक पेड़ों से सभी पत्ते झड़ गये और अक्टूबर शुरूआत में जब सेब तोडऩे का वक्त था। उस वक्त सेबों में स्केब (एक तरह की फफूंद) लग गई। जिससे किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। जिसके चलते अधिकांश काश्तकारों को बड़ा झटका लगा।