संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने चेतावनी जारी की है कि भारत-पाकिस्तान पर टिड्डी दलों का हमला जल्द ही हो सकता है। एफएओ की यह चेतावनी भारत के लिए दोहरी मुसीबत का संकेत है। पहले ही भारत में कई टिड्डी दल जमे हुए हैं और आने वाले दिनों में प्रजनन की स्थिति में हैं। ऐसे में, उत्तर-पूर्व सोमालिया से आने वाले नए टिड्डी दल किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाले हैं।
15 जुलाई को सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि एफएओ के 13 जुलाई के अपडेट के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तरी सोमालिया से टिड्डी दल भारत-पाकिस्तान की ओर बढ़ेंगे। अनुमान लगाया गया है कि ये टिड्डी दल जुलाई के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह में राजस्थान में प्रवेश कर सकते हैं। वहीं, राजस्थान के कुछ इलाकों में पहले से मौजूद टिड्डी दल प्रजनन कर सकते हैं।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस साल टिड्डी दलों को नियंत्रण में करने के लिए 11 अप्रैल 2020 से कार्रवाई शुरू की थी और 14 जुलाई 2020 तक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों में लोकल सर्किल कार्यालयों द्वारा 1,68,315 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण कार्य किया गया है। 14 जुलाई 2020 तक, राज्य सरकारों द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में 1,47,321 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण कार्य किया गया है। इस तरह 14 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में 3,15,636 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया।
14 -15 जुलाई, 2020 की मध्यरात्रि में, राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू और सीकर जिलों में 27 स्थानों, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 1 स्थान, गुजरात के कच्छ जिले में 2 स्थानों पर नियंत्रण कार्यक्रम चलाया गया। इसके अलावा, संबंधित राज्य कृषि विभाग ने भी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और बहराइच जिलों में 2 स्थानों पर और 14 समूहों में 15 जुलाई -15 जुलाई 2020 को राजस्थान के पाली जिले में 1 स्थान पर छोटे समूहों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चलाया।
बताया गया है कि राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में 15 ड्रोन के साथ 5 कंपनियों को कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए तैनात किया गया है। साथ ही, राजस्थान में एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है। भारतीय वायु सेना भी एमआई -17 हेलीकॉप्टर का उपयोग करके टिड्डे विरोधी ऑपरेशन में परीक्षण कर रही है।
इस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में कोई महत्वपूर्ण फसल नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में कुछ मामूली फसल का नुकसान हुआ है।
इस विज्ञप्ति में बताया गया कि 15 जुलाई को राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, पाली और सीकर और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और बहराइच जिलों में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीले टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि वयस्क झुंड कुछ समय प्रजनन कर नए टिड्डी दलों को जन्म देते हैं।