पानी में खड़े होकर खेतों के लिए पानी मांग रहे युवा किसान, बुजुर्ग अनशन पर

हरियाणा के सिरसा जिले के पांच गांवों के बेहरवाला (ऐलनाबाद) में किसान रजबाहे (छोटी नहर) की टेल तक पानी पहुंचाने की मांग कर रहे हैं
सिरसा के ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी के पानी में धरना देते किसान, जबकि आमरण अनशन पर बैठे किसान। फोटो: शील भारद्वाज
सिरसा के ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी के पानी में धरना देते किसान, जबकि आमरण अनशन पर बैठे किसान। फोटो: शील भारद्वाज
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शील भारद्वाज

हरियाणा के सिरसा जिले के पांच गांवों के बेहरवाला (ऐलनाबाद) के किसान रजबाहे (छोटी नहर) की टेल तक पानी पहुंचाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को धार देते हुए युवा किसान जहां चलती नहर में धरने पर बैठ गए हैं। वहीं, बुजुर्ग किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। अखिल भारतीय स्वामीनाथन किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा और सरकार किसानों के खिलाफ जिद पर अड़ी रही तो सिरसा में सिंचाई विभाग के आफिस पर ताला ठोंक दिया जाएगा।

सिरसा जिले के गांव तलवाड़ा, काशी का बास, नीमला, बेहरवाला, धोलपालिया के किसान रजबाहे की टेल (अंतिम छोर) तक नियमित रूप से पानी पहुंचाने की मांग को लेकर 10 दिन से ऐलनाबाद में धरने पर बैठे हैं। अखिल भारतीय स्वामीनाथन किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार व प्रकाश सिहाग ममेरा प्रदर्शनकारियों की अगुआई कर रहे हैं।

रविवार से किसानों ने बरसाती पानी से भरी नहर में धरना शुरू कर दिया। साथ ही 11 बुजुर्ग किसान नहर किनारे आमरण अनशन पर बैठ गए। आठ दिन तक किसानों ने नहर के बाहर धरना दिया और नौवें दिन से नहर के पानी में बैठ गए। ये किसान अपने इलाके के रजबाहे में टेल तक नियमित रूप से पानी पहुंचाने की मांग कर रहे हैं।

ये किसान नियमित रूप से नहरी पानी का माल (उगाही) भरते हैं, लेकिन 15 साल से टेल तक भाखड़ा का पानी नहीं पहुंचता। विकल का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी पिछले गांवों के किसानों से रिश्वत लेकर उनके धान के खेतों की सिंचाई करवा देते हैं और इन पांच गांवों के किसानों को एक बूंद भी पानी नहीं मिलता।

सोमवार को भी प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। किसान नेता विकल पचार ने कहा कि अगर सरकार समय रहते किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में घरों से माताओं-बहनों व बच्चों को भी पानी में धरना देना पड़ेगा। उस दौरान अगर किसी भी किसान को, माता-बहन या बच्चों को कोई जहरीला जानवर काट लेता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन व हरियाणा सरकार की होगी।

वहीं किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रकाश सिहाग ममेरा ने कहा की सिंचाई विभाग के सभी अधिकारियों की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से इनकी आय से अधिक सम्पत्ति की भी जांच करवाई जाए और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। प्रकाश ममेरा ने कहा कि हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि भी इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों का पैसा लूट रहे हैं।

भीम साईं ने कहा कि जहां हरियाणा सरकार अपने आप को किसान हितेषी बताती है वहीं आज किसानों को अपनी मांगों को लेकर कहीं टंकी पर चढऩा पड़ता है तो कहीं पानी में धरना देना पड़ता है। धरने के 10वें दिन शहीद भगत सिंह युवा क्लब मिठनपुरा के डॉ कुलदीप मुंदलिया भी पहुंचे और किसानों को समर्थन दिया। इस दौरान किसान महावीर गोदारा, सुरेंद्र, सतपाल भाकर, साहब राम मील, सुधीर, विनोद आदि पांच गांवों के किसान भारी संख्या में मौजूद रहे।

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