छत्तीसगढ़ में धान खरीद की तारीख बढ़ाने की मांग उठी

छत्तीसगढ़ किसान सभा का आरोप है कि राज्य में अभी तक 3.17 लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान अपनी धान की फसल नहीं बेच पाए हैं
File Photo: Agnimirh Basu
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अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने राज्य में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कहा है कि राज्य में अभी तक 3.17 लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान संग्रहण केंद्रों में अव्यवस्था के कारण अपनी धान की फसल नहीं बेच पाए हैं, जबकि 31 जनवरी 2024 को धान की सरकारी खरीद का अंतिम दिन है। 

सभा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में यदि औसत भूमिधारिता को ध्यान में रखा जाएं, तो इन 3.17 लाख किसानों द्वारा उत्पादित धान की मात्रा लगभग 10 लाख टन है और राज्य सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर इस धान की कुल कीमत 3,100 करोड़ रुपए होती है। जिससे किसान वंचित हो रहे हैं।

सभा के संयोजक संजय पराते, सह संयोजक ऋषि गुप्ता और वकील भारती ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि यदि सरकारी खरीदी की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाती, तो इन छोटे किसानों को अपनी फसल खुले बाजार में औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।  

उल्लेखनीय है कि सरकारी आदेश के अनुसार कल धान खरीदी का अंतिम दिन है। किसान सभा नेताओं ने कहा है कि धान उपार्जन से बचने के लिए राज्य सरकार ने अनेक तरह के बहाने बनाकर खरीदी की रफ्तार धीमी की है। यदि राज्य सरकार द्वारा लागू 21 क्विंटल प्रति एकड़ के पैमाने को भी गणना में लिया जाएं, तो ऐसे किसानों की संख्या 6 लाख से ऊपर पहुंच जाती है, जो अभी तक अपना पूरा धान नहीं बेच पाए हैं। ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा को बढ़ाने की जरूरत है।

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