मार्च 2026 तक चलेगा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, सतत विकास लक्ष्य हासिल करेंगे गांव

इस योजना पर करीब 5,911 करोड़ रुपए का खर्च आएगा जिसमें केंद्र का हिस्सेदारी 3,700 करोड़ रुपए और राज्य सरकारों द्वारा 2,211 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगें
मार्च 2026 तक चलेगा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, सतत विकास लक्ष्य हासिल करेंगे गांव
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रखने के लिए मंजूरी दे दी है। इस योजना से 2.78 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।

इस योजना पर करीब 5,911 करोड़ रुपए का खर्च आएगा जिसमें केंद्र का हिस्सेदारी 3,700 करोड़ रुपए और राज्य सरकारों द्वारा 2,211 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगें। इस बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक इस परियोजना की मदद से 1.36 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, आगे भी इसकी मदद से 1.65 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने की योजना है। 

इस परियोजना के तहत जनप्रतिनिधियों की कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि इस योजना के दायरे में देश के सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को लाया जाएगा। इसमें उन क्षेत्रों के ग्रामीण स्थानीय शासन से जुड़ी संस्थाएं भी शामिल होंगी, जहां पंचायतें मौजूद नहीं हैं।

इस योजना में एसडीजी के प्रमुख सिद्धांत यानी सबको साथ लेकर चलना, सबसे पहले दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचना और व्यापक कवरेज, लैंगिक समानता के साथ-साथ प्रशिक्षण, प्रशिक्षण मॉड्यूल और सामग्री सहित क्षमता निर्माण के सभी क्रियाकलापों को डिजाइन में शामिल किया जाएगा।

कितनी फायदेमंद होगी यह योजना

पीआइबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना के तहत राष्ट्रीय महत्व के विषयों प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत गांवों में गरीबी मुक्त और आजीविका के संसाधनों में वृद्धि, स्वास्थ्य, बच्चों के अनुकूल सुविधाएं, जल उपलब्धता, स्वच्छता और हरियाली, गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक सुरक्षा, सुशासन और महिला एवं पुरुषों की समानता को ध्यान में रखते हुए विकास को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जाएगी।

यह योजना ग्राम सभाओं को नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर समूहों के सामाजिक समावेशन के साथ प्रभावी संस्थानों के रूप में कार्य करने के लिए मजबूत करेगी। इससे पर्याप्त मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे के साथ राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना होगी।

सरकार की मानें तो इस योजना के विस्तार से सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के तहत पंचायतों को मजबूत करने से सामाजिक न्याय, समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पंचायती राज संस्थाओं द्वारा ई-गवर्नेंस के अधिक उपयोग से बेहतर सेवा वितरण और पारदर्शिता हासिल करने में मदद मिलेगी।

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