
गाजा पट्टी में कृषि संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र (यूएनओएसएटी) द्वारा किए गए एक जियोस्पैटियल आकलन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि गाजा की कुल कृषि भूमि का केवल पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा खेती के लिए उपलब्ध है। इस गंभीर स्थिति ने खाद्य उत्पादन क्षमता को और भी कमजोर कर दिया है और क्षेत्र में अकाल का खतरा गहरा गया है।
एफएओ के मुताबिक 2025 के अप्रैल तक गाजा की कुल कृषि भूमि के 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से को नुकसान पहुंच चुका है, अर्थात 15,053 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से 12,537 हेक्टेयर अब नहीं बची है। इसके अलावा जो जमीन अभी बची है, उसमें से भी 77.8 प्रतिशत कृषि भूमि तक पहुंच पाना किसानों के लिए आसान नहीं है।
इस सर्वे में कहा गया है कि गाजा में अब केवल 688 हेक्टेयर (4.6 प्रतिशत) भूमि ही खेती के लिए उपलब्ध है। यह स्थिति विशेष रूप से राफाह और गाजा के उत्तरी क्षेत्रों में और भी गंभीर हो गई है, जहां लगभग सारी कृषि भूमि खराब हो चुकी है।
उच्च-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करके और पूर्व-संघर्ष बेंचमार्क के खिलाफ आकलन किया गया, जिसमें पाया गया कि गाजा की 71.2 प्रतिशत ग्रीनहाउस संरचनाओं को भी भारी नुकसान हुआ है। राफाह में ग्रीनहाउसों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां अप्रैल 2025 में नुकसान की दर 86.5 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि दिसंबर 2024 में यह आंकड़ा 57.5 प्रतिशत था। गाजा शहर में सभी ग्रीनहाउस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
इसके अलावा खेतों में सिंचाई के काम आने वाले कुओं की स्थिति भी बहुत दयनीय है। गाजा के 82.8 प्रतिशत कुएं भी बर्बाद हो चुके हैं, जो कि दिसंबर 2024 में 67.7 प्रतिशत था। इससे खाद्य उत्पादन की संभावनाएं और भी कम हो गई हैं।
गाजा के पहले कृषि क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान था, जो कि करीब 10 प्रतिशत था। 560,000 से अधिक लोग पूरी तरह या आंशिक रूप से कृषि, पशुपालन, या मछली पकड़ने पर निर्भर थे। अब यह व्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी है, जिससे न केवल बुनियादी ढांचा नष्ट हुआ है, बल्कि वहां के लाखों लोग अपनी रोजी-रोटी से भी हाथ धो बैठे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र में हुए नुकसान और क्षति की कुल राशि 2023 से लेकर अब तक 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। इसमें 835 मिलियन डॉलर की क्षति और 1.3 बिलियन डॉलर का नुकसान शामिल है। पुनर्निर्माण की आवश्यकताएं लगभग 4.2 बिलियन डॉलर तक आंकी गई हैं। सीजफायर टूटने के बाद इन आंकड़ों में और भी वृद्धि हो सकती है, जो गाजा के किसानों, मवेशी पालकों और मछुआरों के पुनर्निर्माण की चुनौती को और बढ़ा देता है।
एफएओ और यूएनओएसएटी द्वारा किए गए ताजा आकलन के साथ ही संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा क्लासीफिकेशन रिपोर्ट (आईपीसी) ने भी चेतावनी दी है कि गाजा की पूरी आबादी, जो लगभग 2.1 मिलियन है, अब भुखमरी के संकट का सामना कर रही है। 19 महीने से चल रहे संघर्ष, बड़े पैमाने पर विस्थापन और मानवीय सहायता पर गंभीर प्रतिबंधों के कारण, 2025 के अप्रैल से मई तक 93 प्रतिशत आबादी (1.95 मिलियन लोग) को संकट या उससे भी खराब स्थिति में रखा गया है। इनमें से 925,000 लोग (44 प्रतिशत) आईपीसी के चरण 4 (आपातकालीन) में और 244,000 लोग (12 प्रतिशत) आईपीसी के पांचवे (आपातकाल) में हैं। चरण 5 में लोग भुखमरी और अकाल के शिकार हो रहे हैं, और स्थिति वास्तव में तबाही का रूप ले चुकी है।
आगे के पूर्वानुमानों के अनुसार, 11 मई से सितंबर 2025 तक, लगभग 470,000 लोग (22 प्रतिशत) आईपीसी के पांचवें में हो सकते हैं, जो अकाल और भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। इस संकट के बीच, गाजा की कृषि व्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर निवेश और स्थिर समर्थन की आवश्यकता है, ताकि किसानों और स्थानीय समुदायों को उम्मीद की किरण मिल सके।