हमारे बारे में - डाउन टू अर्थ
डाउन टू अर्थ हमारे पर्यावरण प्रबंधन के तरीके में बदलाव लाने, स्वास्थ्य की रक्षा करने और सभी के लिए आजीविका और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का परिणाम है। हमारा मजबूत विश्वास है कि हम चीजों को अलग तरीके से कर सकते हैं और करना भी चाहिए। ताकि आप दुनिया बदलने के लिए तैयार हों। हमारा मानना है कि सूचना नए कल के लिए एक ताकतवर संचालक है।
डाउन टू अर्थ की शुरुआत पर्यावरणविद् अनिल अग्रवाल ने की थी, जिनका सपना था कि हम अपनी चुनौतियों से अवगत हों और उनका मानना था कि हम दुनिया में बदलाव ला सकते हैं। इसकी शुरुआत 1992 में एक प्रिंट पत्रिका के रूप में हुई थी - हमारी पहली आवरण कथा परस्पर जुड़ी दुनिया में पारिस्थितिक वैश्वीकरण पर केंद्रित थी। तब से हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं (या नहीं) क्योंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में अधिक जागरूक है और फिर भी स्थानीय और वैश्विक पर्यावरण प्रबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए कम तैयार है।
डाउन टू अर्थ प्रिंट में उपलब्ध है – हर पखवाड़े हम आपके लिए हमारे आस-पास की दुनिया पर विस्तृत विश्लेषण और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। आप इस प्रिंट संस्करण को डिजिटल रूप में भी प्राप्त कर सकते हैं – इसे अपने आईपैड पर डाउनलोड करें या पीडीएफ कॉपी प्राप्त करें। दुनिया भर के सभी प्रकाशकों की तरह हम अपनी वेबसाइट और प्रिंट संस्करण के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन हमारा मानना है कि हमें दोनों की आवश्यकता है – और हमें उम्मीद है कि आप सहमत होंगे। हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे प्रिंट/डिजिटल ग्राहकों को विशेष सामग्री मिले – जिसमें मासिक बच्चों की पत्रिका गोबर टाइम्स भी शामिल है। अक्टूबर 2016 से हमने डाउन टू अर्थ, हिंदी मासिक पत्रिका का प्रकाशन भी शुरू किया। कुछ समय बाद हमने डाउन टू अर्थ, हिंदी की वेबसाइट भी शुरू की, ताकि अपनी बात भारत के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके।
डाउन टू अर्थ की टीम कुशल और जोशीली है। यह जानती है कि आप नए विचारों के लिए तरसते हैं; आप जानना चाहते हैं कि हमारी दुनिया में क्या बदलाव हो रहा है जो अच्छे के लिए है। यह भी जानती है कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम आशा रखें। हम देखते हैं कि लोग जंगलों, खेतों और कारखानों में किस तरह काम करके बदलाव ला रहे हैं। हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि हमारी दुनिया की विकास प्रयोगशाला में इन छोटे-छोटे प्रयोगों को कैसे बढ़ाया जा सकता है। हमारे अनुभव में, विस्तार के लिए हमेशा किसी नीति, नियम या विनियमन में बदलाव की आवश्यकता होती है। हमारा उद्देश्य प्रभाव के लिए यह समझ प्रदान करना है।
हम जानते हैं कि हम बदलाव लाते हैं। हम यह इसलिए जानते हैं क्योंकि हमारे लेखों का इस्तेमाल नीति को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है। यथास्थिति को चुनौती देने के लिए किया जाता है। जो संभव है, उसके बारे में लोगों को बताने के लिए किया जाता है। हम जानते हैं कि आप हमारी स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं। हमें आपका भरोसा है। हमारी जानकारी का मकसद है। यह विश्वसनीय है।
हम आपकी मदद के बिना अपना काम जारी नहीं रख सकते। पहला, हमें अपने विचारों को आगे बढ़ाने में आपकी भागीदारी की आवश्यकता है। हमारे पास हर घर में पहुंचने के लिए मार्केटिंग की ताकत नहीं है। हम भाषा द्वारा भी सीमित हैं। लेकिन हम जानते हैं कि अगर आप हमारे संदेशवाहक, गुणक और हमारे मित्र बन सकते हैं, तो आप हमारा संदेश फैला सकते हैं। हमारी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं। हमारे शब्दों को अमल में ले जा सकते हैं। हमें वह करने में मदद करें जो असंभव लगता है। नामुनकिन को मुमकिन करें ताकि हमारा वर्तमान और भविष्य सुरक्षित हो।
और दूसरा यह कि मैं इस बारे में स्पष्ट रूप से कहूंगी कि हमें सदस्यता के मामले में आपके समर्थन की आवश्यकता है। हम इसके बिना यह नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि आप हम पर विश्वास करेंगे और डाउन टू अर्थ में योगदान देंगे। हमारे सदस्यता विकल्पों का लिंक यहां है।
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सुनीता नारायण
(
sunita@cseindia.org)