16.7 करोड़ साल पुराना जीव, जिसमें सांप जैसे जबड़े और छिपकली जैसा शरीर पाया गया।
स्कॉटलैंड के आइल ऑफ स्काई में 2016 में इसका जीवाश्म खोजा गया था।
यह एक नया विलुप्त स्क्वामेट समूह “परवीरैप्टोरिडे” का हिस्सा है, जो अब तक अधूरे अवशेषों से जाना जाता था।
वैज्ञानिकों में बहस जारी है कि क्या यह सांपों का पूर्वज है या स्वतंत्र रूप से सांप जैसी विशेषताएं विकसित हुईं।
यह खोज सांपों और छिपकलियों के विकास को लेकर नई समझ और नए सवाल खड़े करती है।
विज्ञान की दुनिया में हाल ही में एक अद्भुत खोज हुई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी छिपकली की जीवाश्म खोजी है, जिसमें सांप जैसी जबड़े और दांत तो हैं, लेकिन शरीर और पैरों की बनावट एक साधारण छिपकली जैसी है।
इस नए जीव का नाम ब्रुग्नाथैर एल्गोलेंसिस रखा गया है, जिसका अर्थ है "एल्गोल का नकली सांप"। यह नाम स्कॉटलैंड की एक प्राचीन भाषा गेलिक से लिया गया है, क्योंकि यह जीव स्कॉटलैंड के आइल ऑफ स्काई नामक द्वीप पर मिला है।
आखिर यह जीव क्या है?
ब्रुग्नाथैर एल्गोलेंसिस लगभग 16 इंच लंबा था और यह जुरासिक काल (लगभग 16.7 करोड़ साल पहले) में धरती पर मौजूद था। इसका सिर और दांत सांप जैसे थे जो तेज, मुड़े हुए और शिकार को पकड़ने के लिए बने हुए। लेकिन इसका शरीर छोटा था और उसमें पूरी तरह विकसित चार पैर थे, ठीक वैसे ही जैसे किसी आम छिपकली में होते हैं।
यह खोज क्यों खास है?
नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित यह शोध जीव विज्ञान के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छिपकली और सांप दोनों के लक्षणों को एक साथ दिखाता है। वैज्ञानिकों को अब तक लगता था कि सांप, समय के साथ धीरे-धीरे अपने हाथ-पैर खोते गए और लंबे, पतले शरीर वाले बन गए। लेकिन ब्रुग्नाथैर की खोज ने इस सोच को चुनौती दी है।
यह जीव स्क्वामाटा नामक समूह का हिस्सा था, जिसमें सभी सांप और छिपकलियां आती हैं। लेकिन यह एक विशेष, पहले से ज्ञात लेकिन अधूरे जीवाश्मों पर आधारित समूह परवीरैप्टोरिडे का पहला पूरा जीव है।
पहले मिले टुकड़ों में कुछ हड्डियां सांप जैसी थीं और कुछ गेको (एक प्रकार की छिपकली) जैसी। तब वैज्ञानिकों को लगा था कि ये दो अलग-अलग जानवरों के अवशेष हैं। लेकिन अब पता चला है कि वे सभी हड्डियां एक ही जीव की थीं – ब्रुग्नाथैर एल्गोलेंसिस।
कैसा था इसका जीवन?
ब्रुग्नाथैर अपने समय के हिसाब से एक बड़ा शिकारी था। यह छोटे जीवों का शिकार करता था, जैसे कि अन्य छिपकलियां, शुरुआती स्तनधारी और शायद छोटे डायनासोर के बच्चे भी। इसकी सांप जैसे दांत और जबड़े इसे शिकार पकड़ने में मदद करते थे।
खोज की कहानी
इस जीवाश्म की खोज 2016 में स्कॉटलैंड के आइल ऑफ स्काई में हुई थी। इसे नेशनल म्यूजियम्स स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक स्टिग वॉल्श ने खोजा था। इसके बाद लगभग 10 साल तक वैज्ञानिकों ने इस जीव को सावधानीपूर्वक तैयार किया, स्कैन किया और उसका अध्ययन किया। उन्होंने इसके लिए आधुनिक तकनीक जैसे कि कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) और शक्तिशाली एक्स-रे का उपयोग किया।
क्या यह सांपों की पूर्वज है?
वैज्ञानिकों के बीच अब भी इस बात पर चर्चा जारी है कि क्या ब्रुग्नाथैर सांपों का सीधा पूर्वज था या नहीं। दो प्रमुख विचार सामने आए हैं:
यह सांपों का एक दूर का पूर्वज हो सकता है, जिससे पता चलता है कि सांपों की उत्पत्ति की प्रक्रिया बहुत जटिल थी। या फिर यह एक "स्टेम-स्क्वामेट" हो सकता है, यानी छिपकलियों और सांपों का एक पुराना रिश्तेदार जिसने स्वतंत्र रूप से सांप जैसी विशेषताएं विकसित कीं।
अगर दूसरा विचार सही है, तो इसका मतलब यह होगा कि सांपों जैसे जबड़े और दांत वाली बनावट विकास के दौरान अलग-अलग समयों में कई बार विकसित हुई, जिसे वैज्ञानिक समानांतर विकास कहते हैं।
विज्ञान के लिए क्या है नई सीख?
इस खोज ने एक बार फिर यह साबित किया है कि प्रकृति का विकास सीधा या सरल नहीं होता। कभी-कभी जीवों में अलग-अलग विशेषताएं एक साथ पाई जाती हैं, जिनसे हम पहले भ्रमित हो सकते हैं। शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि यह जीव हमें काफी आगे ले जाता है, लेकिन यह अंतिम उत्तर नहीं देता। फिर भी, यह हमें सांपों की उत्पत्ति को समझने के और करीब ले आया है।
ब्रुग्नाथैर एल्गोलेंसिस की खोज ने हमें न केवल एक नया जीव दिखाया है, बल्कि यह भी बताया है कि सांप और छिपकलियों का विकास कितना जटिल और रहस्यमय है। यह हमें भविष्य में और खोजों के लिए प्रेरित करता है। विज्ञान में हर नई खोज, एक नया सवाल भी खड़ा करती है और यही विज्ञान की सबसे खूबसूरत बात है।