उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू होने की संभावना।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश, 3500 मीटर से ऊपर बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा।
दिल्ली-एनसीआर में ठंड और कोहरा बढ़ा, तापमान 10 डिग्री से नीचे, वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची।
पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में शीतलहर और घना कोहरा, सुबह और रात के समय दृश्यता बेहद कम।
घने कोहरे और प्रदूषण से फेफड़ों व आंखों पर असर, अस्थमा और सांस रोगियों के लिए विशेष सतर्कता जरूरी।
दिसंबर का आधे से ज्यादा महीना बीत चुका है, लेकिन अब जाकर उत्तर भारत में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। लंबे समय से सूखे मौसम के बाद भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज सुबह, यानी 20 दिसंबर, 2025 को कई राज्यों में बारिश, बर्फबारी, घना कोहरा और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की है। इसका असर पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों और समुद्री तटों तक दिखाई दे रहा है।
इस समय वातावरण में दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हैं। पहला जम्मू और उसके आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती प्रसार के रूप में 3.1 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है। वहीं दूसरा दक्षिण-पश्चिम ईरान और आसपास के क्षेत्रों में 5.8 किमी तक फैला हुआ है। इन दोनों पश्चिमी विक्षोभों के कारण उत्तर भारत में मौसम में बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है, जिसमें हवाओं की गति 105 नॉट तक पहुंच रही है। यही कारण है कि पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार बढ़ गए हैं।
उत्तराखंड में शीतलहर, बारिश और बर्फबारी के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। लंबे समय से राज्य में बारिश नहीं होने के कारण यह खबर किसानों और पर्यावरण के लिए राहत भरी मानी जा रही है। हालांकि मैदानी जिलों में घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा है और हरिद्वार व उधम सिंह नगर में शीत दिवस जैसी स्थिति बन सकती है।
कैसा रहेगा हिमाचल प्रदेश का मौसम?
हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहा, जिससे न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया। लेकिन मौसम में बदलाव के संकेत मिलते ही बिलासपुर में घना कोहरा और मंडी के बल्ह क्षेत्र में मध्यम कोहरा देखा गया। राज्य के 10 शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है।
शिमला स्थित मौसम केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि 20 और 21 दिसंबर को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसके अलावा चंबा और लाहौल-स्पीति के ऊंचे इलाकों में भी हल्की बर्फबारी संभव है। इसके बाद सप्ताह के बाकी दिनों में मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान है।
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में भारी बारिश व जमकर बर्फबारी के आसार
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और आसपास के पश्चिमी हिमालयी इलाकों में अगले चार दिनों तक कहीं-कहीं बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। विशेष रूप से 21 दिसंबर को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और जमकर बर्फबारी हो सकती है। इससे पर्वतीय सड़कों पर फिसलन और यातायात बाधित होने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मौसम का रुख
दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने ठिठुरन बढ़ा दी है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और कोहरा और भी बढ़ सकता है। हालांकि 20 दिसंबर को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में मौसम के शुष्क रहने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर की एक और बड़ी समस्या वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) है। कई इलाकों में एक्यूआई 300 से 450 के बीच दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं।
पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य
पंजाब में 20 से 22 दिसंबर के बीच कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है और कई जिलों में शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है। बिहार, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में भी रात और सुबह के समय घने से बहुत घने कोहरा छाए रहने का अंदेशा जताया गया है। कुछ हिस्सों में 24 और 25 दिसंबर को भी कोहरे का असर देखा जा सकता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
घना कोहरा केवल दृश्यता ही नहीं घटाता, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद नुकसानदायक है। कोहरे में मौजूद सूक्ष्म कण और प्रदूषक फेफड़ों में जाकर उनकी कार्यक्षमता कम कर देते हैं। इससे खांसी, घरघराहट और सांस फूलने की समस्या बढ़ जाती है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। इसके अलावा कोहरे में मौजूद प्रदूषण आंखों की झिल्ली को प्रभावित करता है, जिससे आंखों में जलन, लालिमा और सूजन हो सकती है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार ,उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है, लेकिन इसके बाद अगले पांच दिनों में तापमान दो से चार डिग्री तक गिर सकता है। पूर्वी भारत में अगले चार दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, जबकि उसके बाद हल्की गिरावट दर्ज की जा सकती है। महाराष्ट्र, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों तक तापमान के लगभग स्थिर रहने की संभावना है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 19 दिसंबर, 2025 को गुजरात के राजकोट में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दक्षिण भारत और समुद्री क्षेत्र
दक्षिण भारत के समुद्री क्षेत्रों में भी मौसम सक्रिय है। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और केरल तट के पास बना चक्रवाती प्रसार अब मन्नार की खाड़ी में स्थित है। इसके कारण मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन क्षेत्र में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है। तूफानी हवाओं को देखते हुए विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने साथ ही आज, आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की भी आशंका जताई है।
कुल मिलाकर, उत्तर भारत में मौसम तेजी से बदल रहा है। पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड व कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है। जहां एक ओर बारिश और बर्फबारी से जलस्रोतों और कृषि को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कोहरा, ठंड और प्रदूषण आम जनजीवन और स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन सकते हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।