सालाजार पिट वाइपर (ट्राइमेरेसुरस लेसपेड) काजीरंगा की एक नई खोजी गई प्रजाति है जिसका शरीर चमकीला हरा है और सिर पर लाल-नारंगी धारियां हैं।  फोटो साभार: एक्स, हिमंत बिस्वा सरमा
वन्य जीव एवं जैव विविधता

असम के काजीरंगा में मिला असली हैरी पॉटर सांप 'सालाजार पिट वाइपर'

Dayanidhi

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सालाजार पिट वाइपर पाया गया है, जिसका नाम लोकप्रिय 'हैरी पॉटर' श्रृंखला के सालाजार स्लीथेरिन के नाम पर रखा गया है। पिट वाइपर विषैले सांपों में से एक है, जो अपनी आंख और नाक के बीच स्थित ऊष्मा-संवेदी पिट अंग के कारण पहचाना जाता है।

पूर्वोत्तर भारत में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान घास के मैदानों, दलदलों, बाढ़ के मैदानों और खड़ी ढलानों के अपने विविध और अनोखे बनावट के साथ, 1,307 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह उद्यान स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों और सरीसृपों की एक विस्तृत विविधता के लिए एक आदर्श निवास स्थान है। जिसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण वन्यजीव पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया है।

लोकप्रिय "हैरी पॉटर" श्रृंखला का सालाजार स्लीथेरिन हाल ही में पाए गए सालाजार पिट वाइपर पार्क के राजमार्ग क्षेत्र में खोजा गया था। जैसे-जैसे अलग-अलग मौसम आते-जाते हैं, हर साल पार्क में नई प्रजातियां सामने आती जाती हैं और पाई जाती हैं। एक नई प्रजाति, सालाजार पिट वाइपर की खोज ने सरीसृप अनुभाग की सूची में इसे जोड़ दिया है।

पार्क की जबरदस्त जैव विविधता हर साल नई प्रजातियों की खोज से बढ़ रही है, जिससे यह वन्यजीवों को देखने के लिए एक बेहतरीन जगह बन गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 24 से अधिक उभयचर प्रजातियां और 74 से ज्यादा सरीसृप प्रजातियां काजीरंगा में निवास करती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सालाजार पिट वाइपर (ट्राइमेरेसुरस लेसपेड) काजीरंगा की एक नई खोजी गई प्रजाति है जिसका शरीर चमकीला हरा है और सिर पर लाल-नारंगी धारियां हैं। सबसे पहले, इस प्रजाति को अरुणाचल प्रदेश में देखा गया था और शोधकर्ताओं ने इसे सालाजार स्लीथेरिन से मिलते-जुलते होने के कारण इसका नाम सालाजार पिट वाइपर रखा गया। ट्राइमेरेसुरस सालाजार नामक नई प्रजाति पूर्वोत्तर राज्य में एक साल से भी कम समय में खोजी गई सरीसृपों की पांचवीं प्रजाति है।

बेंगलुरु के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और अन्य शोधकर्ताओं द्वारा की गई इस खोज को जूसिस्ट मैट्रिक्स एंड इवोल्यूशन के एक अंक में प्रकाशित किया गया।

इसकी खोज के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि यह ट्राइमेरेसुरस लेसपेडे प्रजाति का है, जिसमें आकृति विज्ञान के साथ-साथ पारिस्थितिक रूप से विविध प्रजातियों वाले करिश्माई विषैले सांप शामिल हैं।

दुनिया भर में नई-नई खोजों से जैव विविधता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी क्रम में इस साल फरवरी में, वैज्ञानिकों की एक टीम ने अमेजन वर्षावन में हरे एनाकोंडा की एक नई प्रजाति की खोज की थी। वैज्ञानिकों ने 26 फुट लंबे हरे एनाकोंडा का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा सांप माना जाता है।

शोध में वैज्ञानिकों ने कहा हमने अब तक का सबसे बड़ा एनाकोंडा देखा है, जो बहुत मोटा है, आठ मीटर लंबा और 200 किलोग्राम से अधिक भारी है, जिसका सिर एक आदमी के सिर से भी बड़ा है।