उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान के कारण फसलों के पकने में कठिनाई आ सकती है।  
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अरुणाचल में भारी बारिश, उत्तर में सामान्य से अधिक तापमान, मौसम विभाग ने किसानों को क्या दी सलाह

13 फरवरी 2025 को मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश का अंदेशा जताया है

Dayanidhi

पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और कश्मीर तथा इनसे सटे इलाकों के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार के रूप में सक्रिय है। उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 130 से 140 नॉट्स तक की रफ्तार से उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवाएं लगातार चल रही हैं।

वहीं एक चक्रवाती प्रसार लंबे अरसे से पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों के निचले स्तरों पर जारी है। इन सभी मौसमी गतिविधियों के चलते 13 और 14 फरवरी के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ बारिश और बर्फबारी तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है

जबकि आज, यानी 13 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, यहां 70 मिमी तक बरस सकते हैं बादल। कल भी अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश दर्ज की गई।

अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते विभाग ने किसानों को सुझाव दिया है कि यदि वे फसलों की कटाई कर रहें हैं तो उसे रोक दें और पहले से काटी गई फसल को नुकसान से बचाने के लिए अच्छी तरह से ढके। वहीं, किसानों से सरसों समेत अन्य खड़ी फसलों, सब्जियों और बागवानी फसलों के खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था करने को कहा गया है।

13 व 14 फरवरी के दौरान नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग इलाकों में भी हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कई इलाकों में अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।

वहीं, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में धीरे -धीरे एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने और उसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का अनुमान है। इसी दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की कमी और उसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।

न्यूनतम तापमान में उतार-चढ़ाव संबंधी मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में एक से तो डिग्री सेल्सियस की गिरावट तथा पूर्वी भारत में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।

आने वाले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट और उसके बाद एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना जताई गई है।

वहीं, राजधानी दिल्ली में आज, 13 फरवरी को न्यूनतम तापमान लुढ़कर 10 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, यानी 12 फरवरी को रायलसीमा के कुरनूल में अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस रहा।

सामान्य से अधिक तापमान का फसलों और पालतू पशुओं पर बुरा असर

मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान के कारण फसलों के पकने में कठिनाई आ सकती है। बालियों में बीज कम भर सकते हैं और दाने भुरभुरे हो सकते हैं, जिससे गेहूं और जौ जैसी फसलों में फूल आने और दाने भरने जैसे अहम विकास के चरणों के दौरान पैदावार कम हो सकती है। सरसों और चने जैसी फसलों के समय से पहले पकने से पैदावार में कमी आ सकती है।

वहीं, प्याज, लहसुन और टमाटर जैसी सब्जियों में कंद या जड़ तथा फूल आने के दौरान बुरा असर पड़ सकता हैं, जिसके कारण परागण में कमी हो सकती है और उनकी गुणवत्ता और उपज कम हो सकती है। सेब और गुठलीदार फलों जैसी बागवानी फसलें गर्म तापमान के कारण समय से पहले खिल सकती हैं, जिसके कारण फलों की गुणवत्ता खराब हो सकती है।

उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान के कारण सरसों और चने जैसी फसलों के समय से पहले पकने से पैदावार में कमी आ सकती है।

पालतू पशुओं को गर्मी के तनाव का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए देखभाल और भोजन के तरीकों में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी, जबकि मत्स्य पालन में पानी की गुणवत्ता बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

15 फरवरी तक उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग इलाकों में सुबह के समय घने कोहरे से छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं। वहीं आज सुबह तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में घने से लेकर बहुत घना कोहरा छाया रहा। कोहरे की वजह से सुबह के समय तटीय आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दृश्यता शून्य मीटर तथा अमरावती में दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।