बंगाल की खाड़ी में सुस्पष्ट कम दबाव क्षेत्र सक्रिय, जिसके प्रभाव से दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में गरज के साथ बारिश।
तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश के आसार, मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया।
आंध्र प्रदेश, कोकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र और आंतरिक कर्नाटक में भी बिजली गिरने और हल्की बारिश के आसार।
नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अचानक तेज बारिश व वज्रपात की चेतावनी, सतर्क रहने की सलाह।
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, आने वाले दिनों में तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरने और ठंड बढ़ने की संभावना।
नवंबर 2025 की शुरुआत के साथ ही देश के विभिन्न भागों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से पूर्वी समुद्री क्षेत्रों में बने निम्न दबाव और चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति के कारण दक्षिण तथा पूर्वोत्तर राज्यों में बादल और बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के द्वारा आज सुबह, पांच नवंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा है कि उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के म्यांमार तथा बांग्लादेश तटों पर एक सुस्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए बांग्लादेश के तटीय इलाकों के निकट रहने की संभावना है।
इसके अलावा दक्षिण बांग्लादेश, आंध्र प्रदेश के तट के पास पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर हरियाणा के ऊपर भी ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। ये सभी मौसमी गतिविधियां मिलकर कई राज्यों में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की गतिविधियों को बढ़ा सकती हैं।
दक्षिण भारत में भारी बारिश
इन मौसमी गतिविधियों के चलते आज, पांच नवंबर, 2025 को तमिलनाडु, पुदुच्चेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं। मौसम विभाग ने इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
वहीं आज, आंध्र प्रदेश और तटीय क्षेत्रों में गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। आंतरिक कर्नाटक, कोकण और गोवा तथा मध्य महाराष्ट्र में भी कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
इस दौरान इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें, खुले स्थानों में लंबे समय तक खड़े होने से बचें और बिजली गिरने की आशंका वाले समय में सुरक्षित स्थानों पर रहें।
पूर्वोत्तर राज्यों में भी मौसम सक्रिय
मौसम विभाग की मानें तो आज, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी गरज के साथ बारिश व वज्रपात होने के प्रबल आसार हैं। इन इलाकों में नमी की मात्रा ज्यादा होने और चक्रवाती हवाओं का प्रसार बने रहने से बारिश का दौर कभी-कभी अचानक तेज हो सकता है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर
उत्तर भारत के मौसम में सर्दी का असर दिखने लगा है, जहां एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पाकिस्तान और आस-पास के इलाकों में सक्रिय है। इसकी वजह से जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले कुछ दिनों में बादल छाने, हल्की बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की हल्की संभावना बनी हुई है।
वहीं आज, पांच नवंबर को उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में ठंडी हवाओं का दौर जारी है। पहाड़ी इलाकों में रातें अब ठंडी होने लगी हैं और सुबह की शुरुआत सर्द हवाओं के साथ हो रही है। हालांकि दिन के समय धूप राहत दे रही है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
पहाड़ी इलाकों में तापमान में गिरावट रिकॉर्ड की जा रही है। सुबह व शाम के समय कोहरे की हल्की परत और नमी पड़ सकती है। वहीं, कुमाऊं और गढ़वाल के कुछ हिस्सों में उत्तरी हवाओं के चलते सर्दी बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश व बर्फबारी हो सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व इससे सटे एनसीआर के मौसम की बात करें तो नवंबर महीने में भी अभी कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार नहीं दिख रहे हैं। दिन का तापमान सामान्य के आसपास रहने का अनुमान है। जबकि रात के तापमान के सामान्य से नीचे बने रहने का पूर्वानुमान है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जो लोगों की परेशानियां बढ़ा रहा है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
उत्तर भारत में फिलहाल न्यूनतम तापमान में ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है, लेकिन अगले तीन से चार दिनों में उत्तर और मध्य भारत में तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। पूर्वी भारत में भी अगले कुछ दिनों में रातें थोड़ा ठंडी होने लगेंगी।
कुछ राज्यों में सुबह के समय कोहरे के हालात
असम, मेघालय और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने के आसार हैं। हालांकि कोहरा बहुत घना नहीं है, लेकिन सड़कों पर वाहन चालकों को गति नियंत्रित रखने और हेडलाइट्स का उचित उपयोग करने की सलाह दी गई है।
लोगों के लिए सतर्कता सुझाव
तटीय और समुद्री इलाकों में मछुआरों को सलाह है कि वे समुद्र में न जाएं। बिजली गिरने की आशंका वाले क्षेत्रों में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का खुली जगहों में उपयोग न करें। कच्चे मकानों और खुले खेतों में काम करने वाले लोग मौसम चेतावनी के दौरान सुरक्षित आश्रय लें। शहरी क्षेत्रों में पानी भरने की स्थिति में यातायात प्रभावित होने का भी अंदेशा जताया गया है।
कुल मिलाकर नवंबर की शुरुआत में देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम की स्थिति अलग-अलग बनी हुई है। जहां दक्षिण और पूर्वोत्तर में बारिश और गर्जन की गतिविधियां जारी रह सकती हैं, वहीं उत्तर भारत में कुछ दिनों बाद तापमान में गिरावट से कड़ाके की ठंड का दौर और स्पष्ट रूप से महसूस हो सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार, आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव की संभावना बनी रहेगी।