देश के अधिकतर इलाकों में, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, मौसम लगातार शुष्क बना हुआ है, सूखी ठंड से लोगों से लेकर फसलों तक पर बुरा असर पड़ने लगा है।  
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उत्तर भारत में शुष्क शीत लहर व कोहरा, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख में पारा शून्य से नीचे

उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान तीन से छह डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।

Dayanidhi

देश के अधिकतर इलाकों में, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, मौसम लगातार शुष्क बना हुआ है, सूखी ठंड से लोगों से लेकर फसलों तक पर बुरा असर पड़ने लगा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक पाला पड़ने से ठिठुरन बढ़ गई है। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि अगले सात दिनों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जो पश्चिमी हिमालयी हिस्सों और आसपास के मैदानी इलाकों के मौसम को बदल सकता है। फिलहाल मौसम के शुष्क बने रहने का अनुमान लगाया गया है।

उत्तर के कुछ हिस्सों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ दिनों से जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम तापमान एक से पांच डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा रहा है।

वहीं, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान तीन से छह डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य भारत के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान छह से 12 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है।

विभाग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, केरल के कन्नूर में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पंजाब के आदमपुर में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है।

वहीं, अगले चार दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में भी कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और उसके बाद धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का पूर्वानुमान लगाया गया है। अगले पांच दिनों के दौरान महाराष्ट्र और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं।

कहां-कहां रहेगा शीतलहर का प्रकोप

मौसम विभाग की मानें तो 25 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों को हाड़ कपाने वाली शीत लहर से छुटकारा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। 20 और 21 दिसंबर को पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में शीत लहर का प्रकोप रहेगा।

22 दिसंबर तक पंजाब के कुछ हिस्सों में लोगों को शीत लहर का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। आने वाली 25 दिसंबर तक जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में शीत लहर का सितम रहेगा, 21 दिसंबर को हरियाणा और चंडीगढ़ में, 22 और 23 दिसंबर को पश्चिमी राजस्थान में लोगों को शीत लहर का कहर झेलना पड़ सकता है।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

24 दिसंबर तक पंजाब, हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में देर रात से लेकर सुबह तक घने कोहरे का कहर रहने का अंदेशा जताया गया है। वहीं, 20 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में, 20 से 22 दिसंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान और झारखंड में, 21 और 22 दिसंबर को पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा बिहार में देर रात से सुबह के समय तक घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है

वहीं देर रात से आज सुबह तक पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड के अलग-अलग इलाकों में मध्यम कोहरा छाया रहा। कोहरे के चलते उत्तर प्रदेश के आगरा में दृश्यता 500 मीटर रही।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर में लंबे अरसे से मौसम शुष्क बना हुआ है, आज भी यहां आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय सतही हवाओं की रफ्तार के चार किमी प्रति घंटे से कम रहने का अनुमान है। यहां सुबह के समय धुंध व मध्यम से घना कोहरा देखा गया।

विभाग ने कहा है कि दोपहर के समय पूर्व दिशा से चलने वाली हवा की रफ्तार आठ किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। शाम और रात होते-होते उत्तर दिशा से चलने वाली हवा की रफ्तार के एक बार फिर से चार किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी, जिसके कारण शाम और रात में धुंध व हल्का कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।

कहां बरसेंगे बादल?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तर की ओर बढ़ गया है। इससे जुड़ा ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से औसतन 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।

इसके उत्तर की ओर बढ़ते रहने और अगले 12 घंटों के दौरान पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव क्षेत्र में तब्दील होने का पूर्वानुमान है। इसके बाद, इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने तथा अगले 24 घंटों तक दबाव के और तेज होने की आशंका जताई गई है।

उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बादलों के जमकर बरसने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है, यहां सात सेमी (70) मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है।

समुद्र में हलचल

वहीं समुद्र में हलचल जारी है, आज भी उत्तरी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटों और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 19 दिसंबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा रायलसीमा के अलग-अलग इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।