पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तराखंड में पिछले दो दिन बारिश और बर्फबारी के बाद आज से मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना है। पर्वतीय जनपदों में बदले मौसम के कारण हुई बारिश और बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावट आने से शीतलहर चलने लगी है जिसके कारण ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के सभी जनपदों में शीतलहर की आशंका जताई है।
वहीं जम्मू और कश्मीर में मौसमी बदलाव की बात करें तो यहां के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के बाद, घाटी में शीतलहर जारी है, जिससे रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। गुलमर्ग के कुछ हिस्सों में तापमान शून्य से 9.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है। जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में भी पारा लुढ़क गया है। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है।
वहीं हिमाचल प्रदेश के शिमला व राज्य के कुछ हिस्सों में आठ दिसंबर को इस साल सर्दी के सीजन की पहली बर्फबारी हुई। साल 2010 से अब तक के आंकड़ों को देखें तो आठ दिसंबर को यह पहली बर्फबारी है। साल 2012 में 12 दिसंबर को और साल 2010 में 10 दिसंबर को सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। राज्य में लंबे अरसे के बाद बर्फबारी और बारिश हुई पर यह लंबे सूखे से निपटने के लिए काफी नहीं है।
वहीं पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती प्रसार के रूप में निचले स्तरों पर उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इसके कारण उत्तर प्रदेश में तेजी से मौसम का मिजाज बदल रहा है। पारे में भी गिरावट रिकॉर्ड की जा रही है। मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान है कि आज उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं।
कहां रहेगा शीत लहर का प्रकोप?
उत्तर भारत के जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 10 और 11 दिसंबर को शीत लहर चलने की आशंका जताई गई है।
वहीं 10 दिसंबर को उत्तराखंड, 10 से 13 दिसंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान, 10 और 11 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, 10 से 12 दिसंबर के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, 10 से 13 दिसंबर के दौरान पश्चिमी राजस्थान, 11 से 13 दिसंबर के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश में शीत लहर का प्रकोप रहने की आशंका जताई गई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग का अपडेट देखें तो कल, केरल और माहे के कन्नूर में अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पंजाब के अमृतसर और पूर्वी राजस्थान के उदयपुर डबोक में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में 10 दिसंबर तक, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, बिहार, झारखंड में 11 दिसंबर तक देर रात से लेकर सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं।
वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 12 दिसंबर तक, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 से 12 दिसंबर की देर रात से सुबह के समय तक घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।
कोहरे की वजह से आज सुबह उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के मालदा, बागडोगरा प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य मीटर, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता शून्य मीटर, भागलपुर और पटना हर जगह दृश्यता 500 मीटर, पंजाब के अमृतसर में दृश्यता 200 मीटर, त्रिपुरा के कैलाशहर, अगरतला प्रत्येक जगह दृश्यता 200 मीटर, असम के धुबरी, जोरहाट हर जगह दृश्यता 500 मीटर, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के पानागढ़, बांकुरा, कालीकुंडा प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर, झारखंड के जमशेदपुर में दृश्यता 500 मीटर, पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बख्शी के तालाब प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सरसावा में दृश्यता 500 मीटर रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर बना कम दबाव का क्षेत्र, मध्य स्तरों तक फैले चक्रवाती प्रसार के साथ बना हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है। इसके बाद इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखने और 11 दिसंबर के आसपास श्रीलंका-तमिलनाडु तटों से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधि को देखते हुए, 10 से 13 दिसंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरने तथा तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
11 और 12 दिसंबर के दौरान इन हिस्सों के अलग-अलग इलाकों में तेज हवाओं के साथ बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। 11 से 13 दिसंबर के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और रायलसीमा के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश तथा वज्रपात होने की आशंका जताई गई है।
समुद्र में उथल-पुथल
कम दबाव और चक्रवाती प्रसार के चलते आज, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के अधिकांश इलाकों और दक्षिण-पूर्व तथा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के निकटवर्ती हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति में तब्दील होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, नौ दिसंबर को पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा लक्षद्वीप के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, नौ दिसंबर को लक्षद्वीप के अगाथी हवाई अड्डा में 2 सेमी, केरल के सीताथोड (पठानमथिट्टा जिला) में 2 सेमी बारिश दर्ज की गई।