उत्तर व मध्य भारत में तापमान में तेज गिरावट और कई जगह शीतलहर की आशंका।
उत्तराखंड और हिमाचल के पर्वतीय इलाकों में पाला, धुंध और शून्य से नीचे तापमान।
दिल्ली–एनसीआर में ठंड से मामूली राहत, लेकिन वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर बनी हुई।
देशभर के कई राज्यों में सुबह घनी धुंध, कई शहरों में दृश्यता 200 मीटर तक सीमित।
दक्षिण भारत और अंडमान-निकोबार में कम दबाव के क्षेत्र से भारी बारिश और तेज हवाओं का अंदेशा।
भारत में नवंबर का अंतिम सप्ताह इस बार तापमान में तेज गिरावट, पहाड़ी इलाकों में पाला और मैदानों में धुंध व कोहरे के साथ सामने आया है। दूसरी ओर, दक्षिण भारत और द्वीपों पर एक नए कम दबाव के क्षेत्र के कारण भारी बारिश और तेज हवाओं के आसार बने हुए है। मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, यानी 22 नवंबर, 2025 को जारी ताजा अनुमान देशभर के मौसम में बड़े बदलावों की ओर संकेत कर रहा है।
उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में तापमान में गिरावट
पश्चिम और मध्य भारत में अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके बाद तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। इसके विपरीत, उत्तर-पश्चिम भारत में इसी दौरान रात के तापमान में दो से चार डिग्री तक की गिरावट आ सकती है। देश के बाकी हिस्सों में तापमान के लगभग सामान्य बने रहने का पूर्वानुमान है।
पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में 22 और 23 नवंबर को शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में पूरे सप्ताह हल्की से मध्यम धुंध का असर दिखाई देगा, जो सुबह और शाम के समय दृश्यता को प्रभावित कर सकता है।
उत्तराखंड में शुष्क मौसम और कड़ाके की सर्दी
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड में 26 नवंबर तक मौसम शुष्क रहेगा। दिन और रात दोनों के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। देहरादून सहित मैदानी क्षेत्रों में सुबह और शाम को बढ़ती धुंध के कारण दृश्यता कम हो रही है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। बद्रीनाथ में तापमान गिरकर माइनस छह डिग्री तक पहुंच चुका है, जिससे स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश: धूप खिली लेकिन पारा शून्य से नीचे
हिमाचल प्रदेश में दिन के समय धूप खिली रहने के बावजूद सुबह और शाम हाड़ कपांने वाली ठंड महसूस की जा रही है। राज्य के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। लाहौल-स्पीति में रोहतांग दर्रा पानी जमने और ब्लैक आइस बनने के कारण बंद कर दिया गया है, जिससे आवाजाही प्रभावित हो रही है।
शिमला मौसम केंद्र के अनुसार, राज्य में 27 नवंबर तक आसमान साफ रहने का अनुमान है। साथ ही, अगले दो से तीन दिनों में ऊंचे पहाड़ी इलाकों में अधिकतम तापमान में दो से पांच डिग्री की गिरावट आ सकती है। राज्य के 27 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है।
दिल्ली-एनसीआर: ठंड से मामूली राहत लेकिन प्रदूषण गंभीर स्तर पर
राजधानी दिल्ली में 21 नवंबर को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 0.4 डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.1 डिग्री कम है। हवा की गति बेहद कम रहने से ठंड का असर रात में कुछ कम महसूस हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, 22 नवंबर को न्यूनतम तापमान के 12 डिग्री और अधिकतम के 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। अगले दिन पारे में एक से दो डिग्री और गिरावट आ सकती है।
हालांकि तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, लेकिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी गंभीर स्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज सुबह तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इससे सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
देश के कई हिस्सों में सुबह की धुंध, कई जगह दृश्यता 200 मीटर
आज सुबह तड़के देश के कई इलाकों में धुंध की स्थिति देखी गई। असम और मेघालय के कुछ स्थानों पर मध्यम कोहरा दर्ज किया गया, जबकि पंजाब, ओडिशा, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की धुंध रही। बारापानी, अमृतसर, ग्वालियर, वाराणसी, पूर्णिया और झारसुगुड़ा में दृश्यता सिर्फ 200 मीटर रिकॉर्ड की गई।
धुंध न केवल दृश्यता घटाती है बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ती है। इसलिए, इन इलाकों में सुबह के समय यात्रा करते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर, चक्रवातीय प्रणाली ने बढ़ाई चिंता
दक्षिण-पूर्व एशिया के पास मलक्का जलडमरूमध्य के ऊपर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवात आज भी सक्रिय है। इसके कारण अगले 24 घंटों में दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। 24 नवंबर के आसपास इसके डिप्रेशन में बदलने और उसके बाद पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर और अधिक मजबूत होने का अनुमान है।
आज, 22 नवंबर, 2025 को केरल, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश होने की आशंका है। विभाग ने इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
चक्रवाती प्रसार के चलते अंडमान और निकोबार द्वीपों में वज्रपात होने तथा 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल सकती हैं। वहीं, तटीय आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश व बिजली गिरने का अंदेशा जताया गया है।
कुल मिलाकर, देश का उत्तरी भाग ठंड और धुंध की चपेट में है, जबकि दक्षिण भारत और द्वीपीय क्षेत्र बारिश और संभावित चक्रवाती स्थितियों से प्रभावित हो सकते हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें और आवश्यक सावधानियां बरतें।