मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में 15 और 16 नवंबर को शीतलहर का प्रकोप तेज रहेगा।
पंजाब, बिहार, असम-मेघालय और पश्चिम मध्य प्रदेश में सुबह दृश्यता 500 मीटर तक सीमित, अगले 5 दिन कोहरा जारी रहने की आशंका।
उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर में तापमान कई जगह शून्य के नीचे ताबो माइनस 5.3 डिग्री और कुकुमसेरी माइनस 4.1 डिग्री दर्ज।
तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और माहे में भारी बारिश के साथ गरज-चमक का अंदेशा कई जिलों में येलो अलर्ट जारी।
ठंड और कोहरे से स्वास्थ्य के लिए खतरे बढ़े, दक्षिण में भारी बारिश से यातायात, बिजली आपूर्ति और फसलों को नुकसान की आशंका।
देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम तेजी से बदल रहा है। नवंबर के मध्य में एक ओर उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर का प्रकोप बढ़ रहा है, वहीं दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के द्वारा आज सबुह, 15 नवंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि आने वाले कुछ दिनों में कई राज्यों में तापमान में गिरावट, कोहरा तथा बारिश की गतिविधि में बढ़ोतरी दिख सकती है। इस मौसमी बदलाव का असर न केवल आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा, बल्कि खेती, यातायात और अन्य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव महसूस किया जा सकता है।
उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर
15 और 16 नवंबर को शीतलहर की स्थिति सबसे अधिक देखने को मिलेगी। मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में शीतलहर चलने के बहुत अधिक आसार बने रहेंगे। कुछ हिस्सों में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे सुबह और रात के समय सर्दी का असर अधिक महसूस होगा।
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मौसमी बदलाव की बात करें तो आज 15 नवंबर, 2025 पहाड़ों में हल्के कोहरे के बीच सर्द मौसम बना हुआ है। तड़के कड़क सर्दी से लेकर दिन में खिली धूप और शाम तक फिर से बढ़ता ठंड का प्रकोप, मौसम अपने अपने कई रंग दिखाने लगा है।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाला पड़ने से सर्दी के सितम में बढ़ोतरी हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो आने वाले कई दिनों तक मौसम के ऐसे ही बने रहने का पूर्वानुमान है। उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है लेकिन रातें कंपकंपाने लगी हैं। ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में पारा पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
वहीं हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर में मौसम का मिजाज देखें तो यहां सुबह व शाम सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है। ताबो में रात का तापमान माइनस 5.3, कुकुमसेरी में माइनस 4.1, केलांग में माइनस 3.6 और कल्पा में 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों तक मौसम के साफ रहने का पूर्वानुमान लगाया है। कल, 14 नवंबर को ऊना में तापमान 28.2 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व इससे सटे एनसीआर में सर्द हवाओं की वजह से पारे में लगातार गिरावट देखी जा रही है, ठंड में बढ़ोतरी का अहसास हो रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, वाले कुछ दिनों तक कोहरे और धुंध की चादर छाने के आसार हैं। यहां प्रदूषित हवा ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के भी पार पहुंच गया है।
आज, 15 नवंबर को दिल्ली में अधिकतम तापमान के 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है। दिल्ली के तापमान में और गिरावट आने की आशंका जताई गई है, न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में अगले 24 घंटों तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन उसके बाद तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। इससे रात और सुबह के समय ठंड में और तेजी आएगी। देश के अन्य हिस्सों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट
दक्षिण भारत में इस समय मानसून के उत्तर-पूर्वी चरण के कारण बारिश सक्रिय है। श्रीलंका के दक्षिणी हिस्से और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार तथा बांग्लादेश के इलाकों में मौजूद दूसरा चक्रवात बारिश के लिए अनुकूल स्थितियां बना रहे हैं।
आने वाले दिनों में तमिलनाडु, केरल और द्वीप समूहों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही तमिलनाडु और पुडुचेरी में बिजली गिरने के साथ गरज-चमक की आशंका भी जताई गई है। इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है। विभाग ने कहा है कि भारी बारिश से जलजमाव, यातायात में बाधा, बिजली आपूर्ति पर असर और फसलों को नुकसान जैसी परिस्थितियां बन सकती हैं।
कोहरे का असर और दृश्यता में कमी
मौसम विभाग की मानें तो अगले पांच दिनों तक उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों में हल्के से मध्यम कोहरा छाने के आसार हैं। पहले ही कई इलाकों में सुबह के समय दृश्यता में कमी आई है। पंजाब, असम और मेघालय, बिहार और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में 500 मीटर तक ही दृश्यता दर्ज की गई।
कोहरे का सबसे बड़ा खतरा सड़क और रेल यातायात पर पड़ता है। कम दृश्यता की वजह से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए गाड़ियों की गति नियंत्रित रखना, हेडलाइट-फॉग लाइट का सही उपयोग करना और सड़क पर अतिरिक्त सावधानी बरतना जरूरी है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और सावधानियां
ठंड में अचानक वृद्धि का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। लंबे समय तक ठंड में रहने से सर्दी-जुकाम, नाक बहना, नाक से खून आना जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सचेत किया है कि कभी भी शरीर में कंपकंपी को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह शरीर में गर्मी कम होने का पहला संकेत है। ऐसे में तुरंत घर या किसी गर्म स्थान पर चले जाना चाहिए।
अत्यधिक ठंड में फ्रॉस्टबाइट का खतरा भी रहता है। इसमें त्वचा पीली, कठोर और सुन्न हो जाती है और बाद में काले रंग के फफोले उभर आते हैं। यह समस्या हाथ-पैर की उंगलियों, नाक और कान जैसे खुले हिस्सों पर अधिक देखने को मिलती है। गंभीर मामलों में तत्काल चिकित्सकीय सहायता आवश्यक होती है।
किसानों और पशुपालकों को भी सावधान रहने की जरूरत है। ठंडी हवाओं और पाले की आशंका से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। पशुओं के लिए भी गर्म स्थान और पर्याप्त भोजन-पानी की व्यवस्था करना जरूरी है, ताकि वे मौसम के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रहें।
कृषि और अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव
मौसम में इस तरह के तीव्र बदलावों का खेती, जल आपूर्ति, पशुधन, यातायात और ऊर्जा क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। शीतलहर लहर से सब्जियों और अन्य फसलों पर पाले का प्रभाव पड़ सकता है। बारिश वाले क्षेत्रों में धान और सब्जी फसलों को नुकसान की आशंका रहती है। भारी बारिश से सड़कों पर पानी भरने और यातायात में देरी हो सकती हैं।
बदलते मौसम की यह अवधि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। एक ओर उत्तर व मध्य भारत ठंड की चपेट में आ रहा है, वहीं दक्षिण भारत में बारिश का दौर जारी है। ऐसे में आम जनता, किसान, वाहन चालक और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। मौसम से जुड़ी जानकारी पर ध्यान देकर और आवश्यक सावधानियां अपनाकर कई तरह की परेशानियों और जोखिमों से बचा जा सकता है।