सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी राज्यों खासकर, जम्मू और कश्मीर में भारी बारिश व जमकर बर्फबारी होने के आसार हैं  
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मौसम का मिजाज: पहाड़ो पर जमकर बारिश-बर्फबारी, मैदानों में कोहरा व शीतलहर का प्रकोप

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 31 दिसंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि पहाड़ों पर बर्फबारी व मैदानी इलाकों में गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है

Dayanidhi

  • सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश, बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मौसम अस्थिर बना हुआ है।

  • जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल-उत्तराखंड में बर्फबारी, जबकि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश संभव।

  • उत्तर भारत में शीतलहर और शीत दिवस की स्थिति, बिहार में गंभीर शीत दिवस का खतरा बढ़ गया है।

  • उत्तर भारत व पूर्वी राज्यों में घने से बहुत घना कोहरा, सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होने की आशंका।

  • अत्यधिक ठंड और कोहरे से स्वास्थ्य, कृषि, बिजली आपूर्ति प्रभावित, लोगों को सावधानी व मौसम विभाग की सलाह मानने की जरूरत।

साल 2025 के अंतिम दिन में देश के मौसम में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत से लेकर पूर्वी, मध्य और दक्षिण भारत तक अलग-अलग मौसमी गतिविधियां सक्रिय हैं, जिनका सीधा असर आम जनजीवन, कृषि, स्वास्थ्य, यातायात और बिजली आपूर्ति पर पड़ने के आसार हैं। विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश, बर्फबारी, ठंड और कोहरे की स्थिति बनी हुई है।

पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम का प्रभाव

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 31 दिसंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर ऊंचाई में सक्रिय है। इसके साथ ही उत्तर हरियाणा और उससे सटे पंजाब के ऊपर लगभग 12.6 किमी की ऊंचाई पर उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम बह रही है, जिसमें हवाओं की गति लगभग 140 नॉट तक पहुंच रही है। इस तरह की मौसमी गतिविधियां पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मौसम को अस्थिर बना रही है।

भारी बारिश बारिश और जमकर बर्फबारी के आसार

उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, 31 दिसंबर और एक जनवरी, 2026 के दौरान जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में वज्रपात होने, गरज के साथ भारी बारिश और जमकर बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। इससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ जमने, रास्तों के बंद होने और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।

इसी अवधि में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 31 दिसंबर से दो जनवरी, 2026 तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व वज्रपात होने का अंदेशा जताया गया है

मैदानी हिस्सों जैसे पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 31 दिसंबर और एक जनवरी को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में 31 दिसंबर यानी आज, कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

बारिश के साथ-साथ आज, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में आंधी-तूफान व बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी, इसके बाद अगले तीन दिनों में फिर तीन से चार डिग्री की गिरावट आ सकती है।

मध्य भारत में अगले तीन दिनों में तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ सकता है। वहीं पूर्वी भारत में पहले 24 घंटों तक तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है, उसके बाद धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री की वृद्धि संभव है।

गुजरात और महाराष्ट्र में भी शुरुआत में कोई खास बदलाव नहीं होगा, फिर हल्की गिरावट और उसके बाद धीरे-धीरे तापमान बढ़ने की संभावना है। देश के शेष हिस्सों में अगले सात दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 30 दिसंबर, 2025 को केरल के पुनालूर में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के नौगांव में न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस रहा।

शीतलहर और शीत दिवस की चेतावनी

31 दिसंबर, 2025 को कुछ राज्यों में शीतलहर की स्थिति बन सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में कहीं-कहीं शीतलहर चलने का अंदेशा जताया गया है।

वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में शीत दिवस (कोल्ड डे) की स्थिति रह सकती है। बिहार के कुछ हिस्सों पर शीत दिवस से लेकर गंभीर शीत दिवस तक की स्थिति बन सकती है।

घने कोहरे का कहर

31 दिसंबर को देश के कई हिस्सों में घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। इसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम शामिल हैं।

घने कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम हो सकती है, जिससे हवाई, रेल और सड़क यातायात प्रभावित होने की आशंका है। हाईवे और रेलवे रूट्स पर देरी हो सकती है और वाहन चलाने में कठिनाई आएगी। यदि सावधानी न बरती जाए तो सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य पर मौसम का असर

घने कोहरे में मौजूद सूक्ष्म कण और प्रदूषक तत्व फेफड़ों में जाकर सांस संबंधी समस्याएं बढ़ा सकते हैं। इससे खांसी, घरघराहट और सांस फूलने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य सांस से संबंधित रोगों से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से जोखिम भरी हो सकती है। इसके अलावा, आंखों में जलन, लालिमा और सूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

पाले और फ्रॉस्टबाइट का खतरा

अत्यधिक ठंड में लंबे समय तक खुले रहने से फ्रॉस्टबाइट हो सकता है। इसमें त्वचा पीली, सख्त और सुन्न हो जाती है और गंभीर स्थिति में उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक या कानों पर काले छाले पड़ सकते हैं। गंभीर फ्रॉस्टबाइट में तुरंत चिकित्सकीय सहायता आवश्यक होती है।

सावधानियां और सुझाव

विभाग ने गर्म कई परतों वाले ऊनी कपड़े पहनने की सलाह दी है। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढककर रखें क्योंकि शरीर की अधिक गर्मी इन्हीं हिस्सों से निकलती है।

विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियां खाएं और पर्याप्त मात्रा में गर्म तरल पदार्थ लें। घने कोहरे में अनावश्यक बाहर निकलने से बचें और वाहन चलाते समय फॉग लाइट का उपयोग करें।

कृषि, बिजली और अन्य क्षेत्रों पर असर

मौसम में इस बदलाव का असर कृषि, फसलों, पशुधन, जल आपूर्ति, यातायात और बिजली क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। घने कोहरे और नमी के कारण कुछ स्थानों पर बिजली लाइनों में ट्रिपिंग होने की आशंका जताई गई है।

समुद्री और दक्षिणी क्षेत्र की स्थिति

दक्षिण भारत और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में पूर्वी हवाओं का एक ट्रफ बना हुआ है। इसके साथ ही उत्तर केरल के आसपास ऊपरी हवा में चक्रवाती प्रसार सक्रिय है। इसके कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने के साथ आंधी-तूफान और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।

इसके अलावा उत्तरी ओमान तट और आसपास के समुद्री क्षेत्रों में 45 से 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं। विभाग ने मछुआरों को इस दौरान समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी है।

कुल मिलाकर, देश के विभिन्न हिस्सों में ठंड, बारिश, बर्फबारी और कोहरे का असर साफ दिखाई दे रहा है। ऐसे में सभी लोगों को मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना चाहिए और आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो और स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।