हर साल 27 अगस्त को दुनिया भर में विश्व झील दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि झीलें सिर्फ खूबसूरत नजारे नहीं हैं, बल्कि हमारी धरती की जीवन रेखाएं हैं। ये न केवल इंसानों के लिए पानी का मुख्य स्रोत हैं, बल्कि लाखों जीव-जंतुओं और पौधों की जीवनशैली का भी आधार हैं।
साल 2024 में संयुक्त राष्ट्र ने झीलों की अहमियत को देखते हुए प्रस्ताव ए /आरईएस /79/142 पारित किया और 27 अगस्त को आधिकारिक रूप से विश्व झील दिवस घोषित किया। इस दिन की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) को सौंपी गई। इसका उद्देश्य है दुनिया भर में सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और सिविल सोसाइटी को झील संरक्षण की दिशा में सक्रिय करना।
झीलों का महत्व – आंकड़ों में
🌐 धरती पर 11 करोड़ 70 लाख से अधिक झीलें मौजूद हैं।
🌍 ये धरती की लगभग चार फीसदी भूमि को ढकती हैं।
💧 झीलों में दुनिया की 90 फीसदी सतही मीठे या ताजे पानी की आपूर्ति मौजूद है।
🐟 पिछले 50 सालों में 85 फीसदी मीठे पानी की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।
ये आंकड़े बताते हैं कि झीलें हमारे लिए कितनी जरूरी हैं और क्यों हमें इनके संरक्षण पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
झीलों के सामने चुनौतियां
आज झीलें कई तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं, उद्योगों, कृषि और घरों से निकलने वाला कचरा और रसायन झीलों को गंदा कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान की वजह से झीलें सूख रही हैं और ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, साल 2050 तक झीलों से निकलने वाली मीथेन गैस कई गुना बढ़ सकती है। अनुमान है कि 2050 तक झीलों के पारिस्थितिकीय अहमियत में 20 फीसदी की गिरावट हो सकती है। कृषि, उद्योग और घरेलू जरूरतों के लिए पानी की अधिक खपत झीलों पर दबाव बढ़ा रही है।
क्यों जरूरी हैं झीलें?
झीलें हमारी जीवनशैली और पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, पीने के पानी का सबसे आसान स्रोत, कृषि और सिंचाई का आधार, उद्योगों के लिए जल आपूर्ति करती हैं झीलें। मछलियों, पौधों और वन्य जीवन का घर, जैव विविधता और जलवायु संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं झीलें।
यदि अभी कदम नहीं उठाए गए तो झीलों में पानी की गुणवत्ता और मात्रा दोनों घट जाएंगी। प्रदूषण दोगुना हो सकता है। मीथेन उत्सर्जन से पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों पर गंभीर असर पड़ेगा। लाखों प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो सकती हैं।
क्या किया जाना चाहिए?
विश्व झील दिवस का सबसे बड़ा संदेश यही है कि हम सबको मिलकर इनकी रक्षा करनी होगी। इसके लिए:
✅ झीलों में कचरा और प्रदूषण फैलाना बंद करना होगा।
✅ सूखी और प्रदूषित झीलों का पुनरुद्धार करना होगा।
✅ कृषि और उद्योगों में पानी का सतत उपयोग सुनिश्चित करना होगा।
✅ जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयास तेज करने होंगे।
✅ लोगों में शिक्षा और जागरूकता बढ़ानी होगी ताकि हर कोई झीलों की अहमियत समझे।
झीलें केवल पानी के स्रोत नहीं हैं, बल्कि धरती की जीवन रेखाएं हैं। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण बढ़ रहा है, झीलों का संरक्षण और भी जरूरी हो गया है। विश्व झील दिवस 2025 हमें यह अवसर देता है कि हम मिलकर यह संकल्प लें – झीलों की रक्षा करेंगे, उन्हें बचाएंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखेंगे।