अंतरतारकीय आगंतुक: थ्री आई/एटलस सौरमंडल में आया तीसरा अंतरतारकीय वस्तु है।
धूमकेतु जैसी संरचना: नासा की तस्वीरों में इसका धुंधला कोमा और धूल की पूंछ साफ़ दिखाई दे रही हैं, यह सामान्य धूमकेतु जैसा व्यवहार करता है।
एलियन तकनीक की अफवाहें खारिज: कुछ दावों के बावजूद नासा ने पुष्टि की कि इसमें कोई तकनीकी संकेत नहीं हैं, यह पूरी तरह प्राकृतिक धूमकेतु है।
सुरक्षित दूरी: थ्रीआई/एटलस पृथ्वी के लिए खतरा नहीं है, इसकी दूरी लगभग 27.5 करोड़ किलोमीटर।
सौरमंडल से गुजरता प्राचीन मेहमान: वैज्ञानिकों के अनुसार यह धूमकेतु संभवतः हमारे सौरमंडल से भी पुराना है और अब अपनी अंतरतारकीय यात्रा जारी कर रहा है।
नासा ने हाल ही में अंतरिक्ष से हासिल की गई नई तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें थ्रीआई/एटलस नामक एक दुर्लभ अंतरतारकीय वस्तु दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक ऐसा धूमकेतु है, जो हो सकता है हमारे सौरमंडल से भी पुराना है। इस खोज ने वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता दोनों में गहरी उत्सुकता जगाई है।
थ्री आई/एटलस को पहली बार जुलाई में चिली स्थित एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (एटलस) दूरबीन ने देखा था। इसकी अनोखी कक्षा देखकर पता चला कि यह हमारे सौरमंडल का स्थायी सदस्य नहीं है, बल्कि किसी दूर-दराज तारे या क्षेत्र से गुजरता हुआ यहां पहुंचा है। अंतरतारकीय वस्तुओं को पहचानना दुर्लभ होता है और यही वजह है कि यह खोज वैज्ञानिकों के लिए बेहद रोमांचक है।
अब तक केवल तीन ही अंतरतारकीय वस्तुएं लोगों के द्वारा देखी गई हैं :
1आई/‘ओउमुआमुआ (2017)
2आई/बोरिसोव (2019)
और अब थ्री आई/एटलस (2024)
इन सभी ने हमारे सौरमंडल में प्रवेश किया और फिर अपनी राह पर आगे बढ़ते रहे।
धूमकेतु की संरचना और नई तस्वीरों का महत्व
वैज्ञानिकों के अनुसार धूमकेतु आमतौर पर बर्फ, धूल और चट्टानी पदार्थों से बने होते हैं। जब वे किसी तारे जैसे हमारे सूर्य के करीब आते हैं, तो गर्मी के कारण उनकी बर्फ पिघलने लगती है और गैस व धूल बाहर निकलने लगती है। इसी प्रक्रिया से धूमकेतु का पहचान चिन्ह उसकी चमकदार कोमा और पूंछ दिखाई देती है।
नासा द्वारा जारी की गई नई तस्वीरों में थ्री आई/एटलस भले ही थोड़ा धुंधला दिख रहा हो, लेकिन उसकी कोमा और धूल की पूंछ साफ दिखाई देती है। इससे पुष्टि होती है कि यह वास्तव में एक सामान्य धूमकेतु जैसा व्यवहार कर रहा है।
क्या यह एलियन तकनीक है? नासा का जवाब
इस धूमकेतु ने दुनिया का ध्यान इसलिए भी खींचा क्योंकि एक वैज्ञानिक ने दावा किया कि थ्री आई/एटलस संभवतः किसी एलियन सभ्यता की तकनीक हो सकता है। उनकी बात का आधार वस्तु की कक्षा, संरचना और कुछ असामान्य मापदंड थे।
लेकिन नासा ने इन दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। नासा का कहना है कि यह वस्तु एक धूमकेतु की तरह ही व्यवहार कर रही है। हमें इसमें किसी भी तरह के तकनीकी संकेत नहीं मिले हैं। यह सिर्फ एक मित्रतापूर्ण सौरमंडलीय आगंतुक है।
यह एक धूमकेतु है, दिखता भी धूमकेतु जैसा है और व्यवहार भी धूमकेतु जैसा ही करता है।
नासा ने यह भी बताया कि नासा का मुख्य लक्ष्य ब्रह्मांड में जीवन के संकेत ढूंढना है और यह प्रयास लगातार जारी है। उन्होंने मंगल ग्रह पर रोवर द्वारा मिली चट्टानों में संभावित सूक्ष्मजीवी जीवन के पुराने संकेतों का उदाहरण भी दिया।
सुरक्षित दूरी से गुजरता अंतरतारकीय यात्री
नासा ने यह भी स्पष्ट किया कि थ्रीआई/एटलस पृथ्वी के लिए किसी प्रकार का खतरा नहीं है। यह हमारे ग्रह से लगभग 27.5 करोड़ किलोमीटर की सबसे नजदीकी दूरी से होकर गुजरेगा जो कि बेहद सुरक्षित है।
हवाई विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री के अनुसार थ्री आई/एटलस का सूर्य के सबसे पास आने का समय अक्टूबर में था। अब यह पृथ्वी के पास से गुजरने के बाद धीरे-धीरे सौरमंडल से बाहर निकल जाएगा और अपनी अंतरतारकीय यात्रा जारी रखेगा।
थ्रीआई/एटलस की खोज और उसकी नई तस्वीरें खगोल विज्ञान के क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना हैं। अंतरतारकीय वस्तुएं हमें यह समझने में मदद करती हैं कि अन्य तारामंडलों में किस तरह की सामग्री और परिस्थितियां मौजूद हैं।
नासा की टीम ने साफ कर दिया है कि यह धूमकेतु पूरी तरह प्राकृतिक है,किसी एलियन तकनीक का प्रमाण नहीं। फिर भी, ऐसे मेहमान हमारी जिज्ञासा बढ़ाते हैं और हमें ब्रह्मांड में जीवन की संभावनाओं और रहस्यों की ओर देखने के लिए प्रेरित करते हैं।