अब, जापान के एक छोटे से क्षेत्र पर किए गए मिशिगन विश्वविद्यालय के अध्ययन से पता चला है कि भूकंप की उत्पत्ति के लिए फॉल्ट जोन चट्टानों के गुण वास्तव में मायने रखते हैं। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, जेम्स सेंट जॉन
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भूकंप उत्पन्न करने के लिए जिम्मेवार हैं फॉल्ट जोन वाले में चट्टानें: अध्ययन

जापान में भूकंप के कारणों पर अध्ययन से पता चला है कि फॉल्ट जोन में चट्टानों की संरचना भूकंप उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण है

Dayanidhi

साल 2025 में जवरी से लेकर फरवरी महीने में भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। 26 फरवरी को तड़के असम के मोरीगांव जिले में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए। लेकिन ये भूकंप आते क्यों हैं?

भूकंप महाद्वीपीय प्लेटों के बीच की दरारों पर आते हैं, जहां एक प्लेट दूसरी के नीचे गोता लगा रही होती है। हर एक प्लेट के बीच दबाव बनता है, जिसे फॉल्ट स्ट्रेस कहते हैं। जब यह दबाव इतना बढ़ जाता है कि वह निकल जाता है, तो प्लेटें खिसक जाती हैं और एक-दूसरे से टकराती हैं, जिससे भूकंप आता है।

शोधकर्ताओं का लंबे समय से मानना है कि यह बल भूकंप का मुख्य कारण है। लेकिन एक और बल भी इसमें शामिल है, प्लेट इंटरफेस के साथ फॉल्ट जोन में चट्टानों के गुण। इसमें चट्टान की संरचना के साथ-साथ जोन के साथ चट्टानों की व्यवस्था भी शामिल है।

अब, जापान के एक छोटे से क्षेत्र पर किए गए मिशिगन विश्वविद्यालय के अध्ययन से पता चला है कि भूकंप की उत्पत्ति के लिए फॉल्ट जोन चट्टानों के गुण वास्तव में मायने रखते हैं।

शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया कि उनकी टीम ने टोक्यो सहित जापान के पूर्वी क्षेत्र के आंकड़ों को देखा। यह क्षेत्र उस जगह पर स्थित है जहां फिलीपीन सी प्लेट उत्तरी अमेरिकी प्लेट और प्रशांत प्लेट के बीच में स्थित है।

शोध के मुताबिक, वहां आने वाले भूकंप आमतौर पर छोटे होते हैं और लगभग 60 से 70 किलोमीटर की गहराई पर आते हैं, जो काफी गहरा है। टोक्यो में महसूस किए जाने वाले भूकंपों में से लगभग आधे भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस फॉल्ट लाइन के साथ चट्टान की सामग्री पतली है, जिसका अर्थ है कि चट्टानों के भीतर खनिज अलग-अलग परतों में व्यवस्थित हैं।

साइंस एडवांसेज में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि चट्टानों के गुण भूकंप के निर्माण में दोष तनाव के साथ-साथ समान रूप से योगदान दे सकते हैं।

शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि सबडक्शन जोन के सक्रिय क्षेत्रों का पता लगाना जहां भूकंप आने के आसार जयादा होते है। यह जांचना कि इन क्षेत्रों में भूकंप क्यों आते हैं, शोधकर्ताओं को बेहतर भूकंप चेतावनी प्रणाली विकसित करने में मदद कर सकता है।

सबडक्शन जोन वह जगह है जहां दो टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और एक प्लेट दूसरी के नीचे खिसक जाती है।

शोध का मुख्य निष्कर्ष यह है कि सबडक्शन जोन प्लेट सीमा में किलोमीटर पैमाने पर पहले की तुलना में बहुत अधिक क्षतिग्रस्त चट्टानें हैं, जो सभी सबडक्शन जोन में भूकंप निर्माण के लिए प्रासंगिक है, जो स्थानीय हिसो में भूकंप के लिए जिम्मेवार हैं।

शोधकर्ताओं ने जिस क्षेत्र की जांच की, वह लगभग हर 25 किलोमीटर पर स्थित बोरहोल सीस्मोमीटर स्टेशनों के एक नेटवर्क द्वारा कवर किया गया है। क्योंकि सीस्मोमीटर बोरहोल में लगभग 100 मीटर की गहराई पर रखे जाते हैं, इसलिए सीस्मोमीटर बहुत छोटे सिग्नल पकड़ सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने चट्टान के पॉइसन अनुपात की गणना करने के लिए बोरहोल सीस्मोमीटर के आंकड़ों का उपयोग किया। यह अनुपात चट्टानों के थ्री डी लोचदार गुणों को मापता है, जो एक स्पंज की तरह होता है। यदि आप एक स्पंज को शुरू-से-अंत तक दबाते हैं, तो स्पंज का मध्य भाग अलग हो जाता है। यदि आप एक स्पंज को खींचते हैं, तो स्पंज का मध्य भाग इकट्ठा हो जाएगा। इस तरह, स्पंज के अंदर की सामग्री विकृत हो जाती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि इस क्षेत्र में, जब इस विशेष दोष वाले इलाकों में चट्टानों को निचोड़ा जाता है, तो वे दूसरी दिशा में अधिक विकृत नहीं होती हैं। इसका मतलब है कि चट्टान एक दिशा में दूसरी दिशा की तुलना में अधिक मजबूत है।

चट्टानों की आंतरिक संरचनाओं को समझना और यह टेक्टोनिक प्लेटों को एक साथ कैसे खिसकाता है, यह समझने के लिए जरूरी है कि भूकंप कैसे और कब आते हैं।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि सबडक्शन जोन पर इन विशेष असामान्य क्षेत्रों को देखना हो सकता है यह समझने के लिए जरूरी है कि भूकंप कहां आ रहे हैं और वे वहां क्यों आ रहे हैं।

शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि वे जापान के तटीय इलाकों से दूर समुद्र तल पर रखे गए सीस्मोमीटर के आंकड़ों की जांच करने की योजना बना रहे हैं ताकि जापान सबडक्शन जोन के और चट्टानों की जांच की जा सके।