रिपोर्ट के मुताबिक, सभी परीक्षण पब्लिक रजिस्ट्रियों में दर्ज होंगे और 12 महीने में परिणाम साझा किए जाएंगे। फोटो साभार: आईस्टॉक
स्वास्थ्य

डब्ल्यूएचओ की नई पहल: क्लिनिकल ट्रायल्स में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

डब्ल्यूएचओ मानकों पर आधारित वैश्विक पहल से क्लिनिकल ट्रायल्स होंगे पारदर्शी, समानतापूर्ण और समुदाय आधारित, मरीजों को मिलेगा सीधा फायदा

Dayanidhi

  • वैश्विक पहल: दुनिया के बड़े मेडिकल फंडर्स ने डब्ल्यूएचओ मानकों को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई।

  • सतत प्रणाली पर जोर: क्लिनिकल ट्रायल्स को राष्ट्रीय स्वास्थ्य व शोध ढांचे में शामिल किया जाएगा।

  • समुदाय की भागीदारी: मरीजों और समुदायों की राय को ट्रायल डिज़ाइन और संचालन में महत्व मिलेगा।

  • पारदर्शिता और जिम्मेदारी: सभी ट्रायल्स पब्लिक रजिस्ट्रियों में दर्ज होंगे और 12 महीने में परिणाम साझा किए जाएंगे।

  • निगरानी और जवाबदेही: छह महीनों के भीतर प्रगति मापने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक सूचकांक विकसित किए जाएंगे।

दुनिया के कुछ सबसे बड़े चिकित्सा अनुसंधान के वित्तपोषकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई है, ताकि नैदानिक परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल्स) की व्यवस्था और अधिक मजबूत हो सके। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि चिकित्सा अनुसंधान केवल वैज्ञानिक प्रयोगों तक सीमित न रहे, बल्कि सीधे तौर पर मरीजों और लोगों को फायदा पहुंचा सके।

यह घोषणा हाल ही में जारी डब्ल्यूएचओ की गाइडेंस फॉर बेस्ट प्रैक्टिसेज फॉर क्लिनिकल ट्रायल्स और ग्लोबल एक्शन प्लान फॉर क्लिनिकल ट्रायल इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (जीएपी-सीटीएस) के बाद आई है। इससे पहले भी डब्ल्यूएचओ ने 2017 में क्लिनिकल ट्रायल्स के परिणामों को सार्वजनिक करने और 2023 में संक्रामक रोगों से निपटने के लिए वैश्विक फंडिंग सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत की थी। इस नई पहल को विश्व स्वास्थ्य सभा (वहां 75.8) के संकल्प के अनुरूप तैयार किया गया है।

सतत प्रणाली में परीक्षण का समावेश

घोषणा पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि क्लिनिकल ट्रायल्स को केवल अस्थायी प्रोजेक्ट की तरह न चलाकर उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य और शोध ढांचे का हिस्सा बनाया जाएगा। परीक्षण को स्थानीय प्राथमिकताओं से जोड़ा जाएगा। जहां संसाधन कम हैं, वहां क्षमता विकसित करने में मदद दी जाएगी। मरीजों और समुदायों को शुरुआत से ही शामिल किया जाएगा ताकि शोध उनकी जरूरतों को पूरा कर सके।

फंड हासिल करने वाले शोधकर्ताओं को आंकड़ों के प्रबंधन, समुदाय की भागीदारी और विविध जनसंख्या को शामिल करने जैसी सबसे अच्छी प्रथाएं (बेस्ट प्रैक्टिसेज) को अपनाने के लिए प्रत्यक्ष सहयोग भी मिलेगा।

रिपोर्ट में शामिल नई रूपरेखा के अनुसार, क्लिनिकल ट्रायल्स इस तरह से डिजाइन किए जाएंगे कि वे वास्तविक प्रमाण की कमी को दूर कर सकें। प्रतिभागियों का चयन विविध समूहों से किया जाएगा, ताकि नतीजे अधिक सार्वभौमिक हों।

मरीजों और समुदायों की राय को महत्व दिया जाएगा। हर प्रोजेक्ट को यह दिखाना होगा कि वह किन जरूरी साक्ष्यों की पूर्ति करेगा और कैसे आंकड़ों को जिम्मेदारी से साझा करेगा। फंडर्स ट्रायल डिजाइन की समीक्षा करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शोध व्यावहारिक, सामान्य उपयोगी और प्रभावशाली हो।

सर्वोच्च मानकों का पालन

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तपोषकों ने यह भी वादा किया है कि सभी परीक्षण अंतरराष्ट्रीय सर्वोच्च मानकों पर पूरे किए जाएंगे। हर परीक्षण को सार्वजनिक रजिस्ट्रियों में दर्ज करना अनिवार्य होगा। परिणामों को पूरा होने के 12 महीने के भीतर साझा करना होगा। शोध की प्रोटोकॉल, सांख्यिकीय योजनाएं और निष्कर्ष खुले मंचों और ओपन-एक्सेस जर्नल्स में प्रकाशित किए जाएंगे। स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान परिणामों को तुरंत साझा करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

पहल से अपेक्षित बदलाव

इस कदम से वैश्विक स्तर पर एक अधिक समन्वित क्लिनिकल ट्रायल प्रणाली विकसित होगी। शोध में अनावश्यक दोहराव को रोका जा सकेगा। फंड का अधिक प्रभावी उपयोग होगा। शोध में विविधता और समानता को सुनिश्चित किया जाएगा। परिणामों की पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे मरीजों और आम जनता का भरोसा मजबूत होगा।

जवाबदेही और प्रगति की निगरानी

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले छह महीनों में सभी हस्ताक्षरकर्ता वित्तपोषक मिलकर मापनीय सूचकांक तय करेंगे। इनकी मदद से यह आंका जा सकेगा कि प्रतिबद्धताओं को कितना सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इससे पूरी शोध व्यवस्था में जवाबदेही भी बनी रहेगी और प्रगति को पारदर्शी तरीके से ट्रैक किया जा सकेगा।

यह पहल केवल एक नीतिगत घोषणा नहीं है, बल्कि चिकित्सा अनुसंधान की दिशा को बदलने वाला कदम है। डब्ल्यूएचओ और दुनिया भर में वित्तपोषकों का यह प्रयास आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक न्यायसंगत, पारदर्शी और समुदाय आधारित बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।