विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डबलिन में तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व सम्मेलन में ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक 2025 नामक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि तम्बाकू नियंत्रण में प्रगति को बनाए रखने और तेज करने के लिए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, क्योंकि उद्योग का बढ़ता हस्तक्षेप तम्बाकू नीतियों और नियंत्रण प्रयासों को चुनौती दे रहा है।
तम्बाकू हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले लेता है। इसलिए रिपोर्ट में तम्बाकू के उपयोग को कम करने के लिए छह डब्ल्यूएचओ एमपावर तम्बाकू नियंत्रण उपायों पर गौर किया गया है। इन उपायों में तम्बाकू के उपयोग और रोकथाम नीतियों की निगरानी करना, धूम्रपान मुक्त कानून के साथ लोगों को तम्बाकू के धुएं से बचाना, तम्बाकू छोड़ने में मदद की पेशकश करना।
पैक लेबल और मीडिया के माध्यम से तम्बाकू के खतरों के बारे में चेतावनी देना, तम्बाकू के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध लगाना और तम्बाकू पर कर बढ़ाना शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 से 155 देशों ने तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिए डब्ल्यूएचओ एमपावर तंबाकू नियंत्रण उपायों में से कम से कम एक को लागू किया है। आज, 6.1 अरब से अधिक लोग, दुनिया की आबादी का तीन-चौथाई हिस्सा, कम से कम एक ऐसी नीति द्वारा संरक्षित हैं, जबकि 2007 में यह संख्या केवल एक अरब थी।
चार देशों ने पूर्ण एमपावर पैकेज को लागू किया है जिनमें ब्राजील, मॉरीशस, नीदरलैंड और तुर्किये शामिल हैं। सात देश एमपावर पैकेज के पूर्ण कार्यान्वयन को हासिल करने से केवल एक कदम दूर हैं, जो तंबाकू नियंत्रण के उच्चतम स्तर को दर्शाता है, जिसमें इथियोपिया, आयरलैंड, जॉर्डन, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, स्लोवेनिया और स्पेन हैं।
डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक 2025 रिपोर्ट को ग्लोबल टोबैको कंट्रोल के लिए 2025 ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज अवार्ड्स के दौरान लॉन्च किया गया। इन पुरस्कारों में तंबाकू के उपयोग को कम करने की दिशा में प्रगति करने वाली कई सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का सम्मान किया गया।
इतना सबकुछ होने के बावजूद भी 110 देशों ने 2022 के बाद से तंबाकू विरोधी अभियान नहीं चलाए हैं। हालांकि वैश्विक आबादी का 36 फीसदी हिस्सा अब उन देशों में रहता है, जिन्होंने सर्वोत्तम अभ्यास अभियान चलाए हैं, जो 2022 में केवल 19 फीसदी था।
रिपोर्ट के मुताबिक, तम्बाकू पर कर, धूम्रपान छोड़ने की सेवाएं और विज्ञापन प्रतिबंध बढ़ रहे हैं, लेकिन कई सुधारों की अभी भी जरूरत है, जिनमें 134 देश सिगरेट पर ज्यादा से ज्यादा कर लगाने में विफल रहे हैं।
2022 से केवल तीन देशों ने करों को सर्वोत्तम स्तर तक बढ़ाया है। वैश्विक स्तर पर केवल 33 फीसदी लोगों के पास लागत-कवर धूम्रपान छोड़ने की सेवाएं उपलब्ध हैं। सर्वोत्तम अभ्यास प्रतिबंध 68 देशों में मौजूद हैं, जो वैश्विक आबादी के 25 फीसदी से अधिक को कवर करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल लगभग 13 लाख लोग सेकेंड हैंड स्मोकिंग या दूसरों के द्वारा धूम्रपान किए जाने से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर से मरते हैं। आज, 79 देशों ने व्यापक धूम्रपान-मुक्त वातावरण लागू किया है, जो दुनिया की एक-तिहाई आबादी को कवर करता है।
2022 से, छह अतिरिक्त देशों (कुक आइलैंड्स, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और उज्बेकिस्तान) ने उद्योग के प्रतिरोध के बावजूद, विशेष रूप से आतिथ्य स्थलों में, सख्त धूम्रपान-मुक्त कानून अपनाए हैं।
भारत में तम्बाकू नियंत्रण और जागरूकता
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने टेलीविजन, रेडियो, प्रिंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित सभी तरह के मीडिया में तम्बाकू विज्ञापन, संवर्धन और प्रायोजन (तापस) को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
मनोरंजन मीडिया में तंबाकू के उपयोग के चित्रण को प्रतिबंधित करने के लिए, भारत सरकार ने 2012 में तंबाकू मुक्त फिल्म और टेलीविजन नियम पेश किए, जिसमें सिनेमा और टेलीविजन जैसे पारंपरिक प्लेटफॉर्म पर गौर किया गया।
साल 2023 में किए गए संशोधन के मुख्य प्रावधानों में शामिल हैं
स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापन: तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग को प्रदर्शित करने वाले किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत और बीच में कम से कम 30 सेकंड तक चलने वाले तम्बाकू विरोधी स्वास्थ्य विज्ञापन दिखाए जाने चाहिए।
स्थिर चेतावनियां: जब भी तम्बाकू उत्पाद या उपयोग दिखाई दें, तो स्क्रीन के नीचे एक स्पष्ट, स्थिर तम्बाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित की जानी चाहिए।
सामग्री के आरंभ और मध्य में तम्बाकू के उपयोग से होने वाले नुकसानों के बारे में कम से कम 20 सेकंड का तम्बाकू विरोधी जानकारी प्रस्तुत की जानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तक फैला करके, भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहा है। हालांकि बिक्री को लेकर तम्बाकू के विज्ञापन को प्रतिबंधित करके और तम्बाकू उद्योग के प्रायोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर मौजूदा राष्ट्रीय तम्बाकू विज्ञापन, संवर्धन और प्रायोजन (तापस) प्रतिबंध को और मजबूत किया जा सकता है।
दुनिया भर में ई-सिगरेट का बढ़ता प्रचलन चिंताजनक
रिपोर्ट में ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (एंड्स) के उपयोग को नियमित करने की प्रवृत्ति बढ़ने की बात कही गई है। एंड्स को नियमित या प्रतिबंधित करने वाले देशों की संख्या 2022 में 122 से बढ़कर 2024 में 133 हो गई है, जो इन उत्पादों के बढ़ते प्रचलन पर गौर कर रहे हैं। हालांकि 60 से अधिक देशों में अभी भी एंड्स पर कोई नियम नहीं है।