प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
स्वास्थ्य

मालदीव में अब नई पीढ़ी नहीं ले पाएगी सिगरेट का कश, सरकार ने लागू किया नया ऐतिहासिक कानून

मालदीव ने धूम्रपान-मुक्त भविष्य की ओर उठाया साहसिक कदम, इसके साथ ही मालदीव दुनिया का पहला देश बन गया है, जहां 2007 के बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति चाहे वो नागरिक हों या सैलानी उन्हें तंबाकू, ई-सिगरेट या वेपिंग के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • मालदीव ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 2007 के बाद जन्मे लोगों के लिए तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

  • इसका उद्देश्य तंबाकू मुक्त पीढ़ी का निर्माण करना है।

  • इस पहल के तहत सिगरेट, ई-सिगरेट और वेपिंग पर भी रोक लगाई गई है, जो देश के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

  • यह कानून मालदीव के नागरिकों के साथ-साथ वहां आने वाले विदेशी सैलानियों पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि मालदीव में आने वाली पीढ़ियां अब सिगरेट और वेपिंग सहित किसी भी अन्य तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।

दुनिया में पहली बार, एक देश ने यह तय कर लिया है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां कभी सिगरेट, तंबाकू से अपने फेफड़े नहीं जलाएंगी। मालदीव ने एक नवंबर 2025 से ऐसा ऐतिहासिक कानून लागू किया है, जिसके तहत 2007 के बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति को तंबाकू खरीदने या इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।

गौरतलब है कि यह कानून मालदीव के नागरिकों के साथ-साथ वहां आने वाले विदेशी सैलानियों पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि मालदीव में आने वाली पीढ़ियां अब सिगरेट और वेपिंग सहित किसी भी अन्य तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।

स्वस्थ भविष्य की दिशा में बड़ा कदम

पांच लाख से कुछ अधिक आबादी वाले इस छोटे से देश में पहले ही ई सिगरेट और वेपिंग पर रोक थी, लेकिन अब इस नए नियम के बाद देश को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का इस बारे में कहना है तंबाकू और वेपिंग पर प्रतिबंध मालदीव सरकार के उस बड़े प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इस कानून पर साल की शुरूआत में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अनुमोदित किया था। इसके साथ ही मालदीव दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने पूरी नई पीढ़ी को धूम्रपान से दूर रखने का फैसला किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि तंबाकू पर यह प्रतिबंध देश में आम लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और तंबाकू-मुक्त पीढ़ी बनाने की दिशा में उठाया एक ऐतिहासिक कदम है। यह प्रतिबंध न केवल सिगरेट या तंबाकू पर, बल्कि ई-सिगरेट और वेपिंग जैसे सभी तम्बाकू उत्पादों पर भी लागू होगा।

कड़े दंड का प्रावधान

इस कानून के तहत दुकानदारों को बिक्री से पहले खरीदार की उम्र की जांच करनी होगी। अगर कोई दुकानदार किसी नाबालिग को तंबाकू बेचेगा तो उसे 50,000 मालदीवियन रूफिया (यानी करीब 2.88 लाख रुपए) का जुर्माना भरना होगा।

वहीं, ई-सिगरेट या वेपिंग करते पकड़े गए व्यक्ति पर 5,000 रूफिया (करीब 29,000 रुपए) का जुर्माना लगेगा।

बता दें कि मालदीव का यह कदम वैश्विक 'टोबैको एंडगेम मूवमेंट' का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सख्त नियमों की मदद से धीरे-धीरे तंबाकू की बिक्री को पूरी तरह बंद करना और लोगों को तम्बाकू से दूर रखना है।

इससे पहले न्यूजीलैंड में भी दिसंबर 2022 में जैसिंडा अर्डर्न की सरकार के दौरान ऐसा ही कानून बनाया था, जिसके तहत 1 जनवरी 2009 के बाद जन्मे लोगों को सिगरेट बेचने पर रोक लगाई जानी थी। लेकिन यह कानून लागू होने से पहले ही 27 फरवरी 2024 को रद्द कर दिया गया।

दुनिया के लिए उदाहरण बना मालदीव

गौरतलब है कि तंबाकू दुनिया के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह हर साल 70 लाख से अधिक लोगों की जान ले रही है। इनमें से करीब 16 लाख ऐसे लोग हैं जो खुद तंबाकू का सेवन नहीं करते लेकिन दूसरों के धुएं के संपर्क में आ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में तम्बाकू का सेवन करने वाले 130 करोड़ लोगों में से करीब 80 फीसदी गरीब और मध्यम आय वाले देशों में रह रहे हैं।

देखा जाए तो मालदीव ने आने वाली पीढ़ियों के लिए तंबाकू पर रोक लगाकर दुनिया को दिखा दिया है कि मजबूत इच्छाशक्ति और नीति के जरिए 'धूम्रपान-मुक्त भविष्य' संभव है। 

1 मालदीवियन रूफिया = 5.75 भारतीय रुपए