🐞किसिंग बग से फैलने वाला चागास रोग अब अमेरिका के 32 राज्यों तक पहुंच चुका है।
🐞यह बीमारी ट्राइपैनोसोमा क्रूजी परजीवी के कारण होती है, जो शरीर में घुसकर दिल और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है।
🐞शुरुआती लक्षण हल्के जैसे बुखार, थकान, सूजी पलकें और सिरदर्द होते हैं, जिन्हें पहचानना मुश्किल है।
🐞वर्षों बाद यह बीमारी दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति पैदा कर सकती है।
🐞शुरुआती अवस्था में बेनजनिडाजोल और निफ़ुर्टिमॉक्स दवाओं से इलाज 80 से 100 फीसदी तक असरदार है।
दुनिया भर में नई-नई बीमारियां फैल रही हैं, जिनमें से कुछ बेहद खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है चागास रोग, जिसे फैलाने वाला कीट 'किसिंग बग' कह लाता है। अब तक यह बीमारी ज्यादातर लैटिन अमेरिका तक ही सीमित थी, लेकिन हाल के सालों में यह धीरे-धीरे अमेरिका के कई राज्यों में फैल चुकी है और डॉक्टरों ने इसे गंभीर खतरा माना है।
बीमारी से बढ़ता खतरा
अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग और रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि चागास रोग अब कम से कम 32 राज्यों में पाया गया है। इनमें कैलिफोर्निया, टेक्सास और फ्लोरिडा जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार यह बीमारी अब अमेरिका में "एंडेमिक" यानी स्थानीय रूप से फैल चुकी है। यह अध्ययन इमर्जिंग इन्फेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
टेक्सास में 2013 से 2023 के बीच 50 से अधिक लोगों को यह रोग स्थानीय रूप से हुआ। कुछ जगहों पर कुत्तों में संक्रमण दर 30 फीसदी तक पाई गई। कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस और सैन डिएगो में किसिंग बग की संख्या लगातार बढ़ रही है। अनुमान है कि अमेरिका में लगभग तीन लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं, लेकिन इनमें से दो फीसदी से भी कम लोगों को इसका पता है।
यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि बिना पहचान और इलाज के यह रोग धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर करता है और कई बार दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है।
चागास रोग क्या है?
चागास रोग एक परजीवी से फैलने वाली बीमारी है। इसे फैलाने वाला परजीवी है ट्रिपैनोसोमा क्रूजी, जो किसिंग बग के मल में पाया जाता है। किसिंग बग आमतौर पर रात में सोते समय इंसान के चेहरे या होंठ के पास काटता है। इसके बाद यह कीट आसपास मल छोड़ देता है। यदि व्यक्ति उस जगह को खुजलाता है तो परजीवी आसानी से त्वचा या आंख की झिल्ली से शरीर में प्रवेश कर जाता है।
क्या है इसके लक्षण?
चागास रोग धीरे-धीरे दो चरणों में विकसित होता है। पहला तीव्र चरण : यह चरण कुछ हफ्तों या महीनों तक रहता है। अक्सर इसके लक्षण हल्के होते हैं या बिल्कुल नजर नहीं आते। सामान्य लक्षणों में बुखार, थकान, शरीर में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, आंखों की पलकें सूजना (इसे रोमाना साइन कहते हैं), सिरदर्द और पेट संबंधी समस्या होना शामिल है।
दूसरा लंबा चरण: यह चरण सालों तक चुपचाप बढ़ता है। कई बार व्यक्ति को पता भी नहीं चलता और अचानक गंभीर जटिलताएं सामने आती हैं। इसके कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है, अनियमित धड़कन, हार्ट फेल होना, स्ट्रोक या दिल का दौरा, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, आंतों में सूजन यही कारण है कि यह रोग खतरनाक माना जाता है।
किन लोगों को अधिक खतरा है?
दक्षिणी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग, जैसे टेक्सास, कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा, एरिज़ोना और लुइजियाना। पुराने या कमजोर निर्माण वाले मकानों में रहने वाले लोग। बाहर खुले में सोने वाले लोग। रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) या अंग प्रत्यारोपण करवाने वाले मरीज। गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे में संक्रमण। पालतू जानवर या जंगली जानवर (जैसे ओपॉसम और रैकून) के संपर्क में आने वाले लोग।
पहचान और इलाज
चागास रोग की पहचान के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। तीव्र चरण में सीधे परजीवी को खोजा जा सकता है। लंबे चरण में खून में एंटीबॉडी की जांच की जाती है।
क्या है इसका इलाज?
इस रोग के इलाज के लिए दो दवाएं इस्तेमाल होती हैं: बेनजनिडाजोल और निफ़ुर्टिमॉक्स। यदि शुरुआत में इलाज कर लिया जाए तो 80 से 100 फीसदी मामलों में रोग को ठीक किया जा सकता है। लंबे समय बाद इलाज शुरू करने पर यह पूरी तरह ठीक तो नहीं होता, लेकिन रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है। गंभीर मामलों में हृदय की दवाइयां, पेसमेकर या यहां तक कि हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।
कैसे करें बचाव?
क्योंकि इसका कोई टीका अभी उपलब्ध नहीं है, इसलिए बचाव के उपाय ही सबसे महत्वपूर्ण हैं। घर की दीवारों और दरवाजों की दरारें सील करें। खिड़कियों पर जाली और स्क्रीन लगाएं। आसपास की गंदगी और जानवरों के घोंसले हटाएं।
जहां खतरा अधिक हो वहां कीटनाशक और मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। रक्तदान और अंग प्रत्यारोपण से पहले जांच जरूर की जानी चाहिए। खतरे वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग समय-समय पर खून की जांच की जानी चाहिए।
चागास रोग अब केवल लैटिन अमेरिका की समस्या नहीं है, बल्कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी धीरे-धीरे फैल रहा है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोग लंबे समय तक लक्षणों को पहचान नहीं पाते और जब तक पता चलता है, तब तक हृदय या पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान हो चुका होता है।
इसलिए जरूरी है कि आम जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाए। डॉक्टरों को इसकी पहचान और इलाज की प्रशिक्षण दी जाए। सरकार और स्वास्थ्य संस्थानों को स्क्रीनिंग और रोकथाम के उपायों पर जोर दिया जाना चाहिए। सही समय पर जांच और इलाज से इस घातक बीमारी से बचाव संभव है।