शोधकर्ताओं ने नस्ल या जातीय समूहों और आणविक उप-प्रकारों के आधार पर स्तन कैंसर के मामलों पर आधारित मृत्यु दर का मूल्यांकन किया है। फोटो साभार: आईस्टॉक
स्वास्थ्य

स्तन कैंसर: पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ी, लेकिन मृत्यु दर में आई कमी

अमेरिका में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर 2010 में 9.70 प्रति 1,00,000 महिलाएं थी, जो 2020 में घटकर 1.47 प्रति 1,00,000 हो गई

Dayanidhi

एक नए शोध के अनुसार, 20 से 49 साल की आयु वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर की दर पिछले दो दशकों में बढ़ रही है, लेकिन शोध में इस आयु वर्ग के रोगियों के मृत्यु दर के आंकड़ों की जांच-पड़ताल की है, जिसमें कमी आने की बात कही गई है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुई अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च (एएसीआर) की वार्षिक बैठक में एक शोध पत्र के माध्यम से किया गया है।

यह शोध वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के सर्जरी विभाग और सार्वजनिक स्वास्थ्य विज्ञान प्रभाग तथा साइटमैन कैंसर सेंटर की अगुवाई में किया गया है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि मृत्यु दर में हाल के रुझानों को समझने के लिए पिछले सालों में हुई प्रगति का आकलन किया जा सकता है। यह भी जाना जा सकता है कि इस आयु वर्ग में कैंसर की बीमारी को कम करने के लिए संसाधनों का कहां-कहां उपयोग किया जाए।

शोध में कहा गया है कि निगरानी, महामारी विज्ञान और अंतिम परिणाम (एसईईआर) प्रोग्राम के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 2010 और 2020 के बीच 20 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं में 11,661 स्तन कैंसर से होने वाली मौतों के आंकड़े शामिल थे। शोधकर्ताओं ने नस्ल और आणविक उप-प्रकारों के आधार पर स्तन कैंसर के मामलों पर आधारित मृत्यु दर का मूल्यांकन किया है।

जिसमें ल्यूमिनल ए, ल्यूमिनल बी, मानव एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर 2 (एचईआर2) बहुत अधिक और ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर शामिल हैं और सालाना प्रतिशत में बदलाव (एपीसी) का उपयोग करके रुझानों में कमी आने का पता लगाया गया है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने प्रत्येक समूह और उप-प्रकार के लिए 10 वर्ष की उत्तरजीविता दर की जांच करके सापेक्ष उत्तरजीविता का भी विश्लेषण किया।

शोध के मुताबिक, सभी उप-प्रकारों और नस्लीय व जातीय समूहों में, कैंसर से संबंधित मृत्यु दर 2010 में 9.70 प्रति 1,00,000 महिलाओं से घटकर 2020 में 1.47 प्रति 1,00,000 हो गई। ल्यूमिनल ए में चार उप-प्रकारों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, जिसमें पूरे समय अवधि में गिरावट देखी गई। साल 2017 में सबसे बड़ी गिरावट (-32.88 फीसदी एपीसी) देखी गई। ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर ने भी इसी तरह की प्रवृत्ति को दिखाया, जिसमें 2018 में सबसे बड़ी गिरावट (-32.82 फीसदी एपीसी) दर्ज की गई।

10 सालों के सापेक्ष उत्तरजीविता विश्लेषण में पाया गया कि गैर-हिस्पैनिक अश्वेत महिलाओं के उत्तरजीविता परिणाम सबसे खराब थे, जबकि गैर-हिस्पैनिक श्वेत महिलाओं और गैर-हिस्पैनिक एशियाई या प्रशांत द्वीप समूह की महिलाओं के उत्तरजीविता परिणाम सबसे अच्छे थे।

अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर से मृत्यु दर को कम करने में जबरदस्त प्रगति देखी गई है, लेकिन अभी भी सुधार की जरूरत है, खासकर असमानताओं को खत्म करने को लेकर।

शोध में कहा गया है कि 2016 के बाद देखी गई अधिक तीव्र गिरावट हो सकता है उपचार के विकल्पों में प्रगति, सटीक चिकित्सा के अधिक उपयोग और 40 से 49 वर्ष की महिलाओं में देखभाल और जांच तक पहुंच को दर्शाती है।

उन्होंने आगे कहा कि स्तन कैंसर की मृत्यु दर में और कमी सुनिश्चित करने के लिए प्रभावशाली शोध करना जारी रखना होगा, जिसमें ट्यूमर विज्ञान और युवा महिलाओं में कार्सिनोजेनेसिस और उपचार प्रतिक्रिया को संचालित करने वाले आणविक तंत्र को समझने के शोध शामिल है।

इसके अलावा 40 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं में जनसंख्या-आधारित जांच और युवा अधिक खतरे वाली महिलाओं की जांच को प्रोत्साहित करना चाहिए और सभी महिलाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उपचार और देखभाल तक पहुंच की जरूरत है।

इस शोध की मुख्य सीमाओं में 10 सालों तक सीमित समय और कुछ नस्लीय या जातीय समूहों में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों की अपेक्षाकृत कम संख्या शामिल है।