अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो कम दबाव क्षेत्र सक्रिय, पूर्वोत्तर भारत में असर दिखने का पूर्वानुमान।
अंडमान-निकोबार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बिजली चमकने व तेज हवाओं के साथ बौछारें-बारिश के आसार।
पश्चिमी विक्षोभ चार नवंबर से उत्तर भारत के मौसम में बदलाव लाएगा, हिमालयी इलाकों में बर्फबारी संभव।
तापमान में तीन से पांच डिग्री की गिरावट, देशभर में ठंडक बढ़ने के संकेत।
दिल्ली-एनसीआर में धुंध और हल्की ठंड के साथ मौसम करवट ले रहा है।
भारत में नवंबर का महीना आमतौर पर शरद ऋतु और ठंड की शुरुआत लेकर आता है। इस समय देश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है और उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने लगते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के द्वारा आज, तीन नवंबर, 2025 के लिए जारी बुलेटिन के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में कई प्रकार की मौसमी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव क्षेत्रों से लेकर उत्तर भारत में सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ तक, हर क्षेत्र पर मौसम की अलग-अलग छाप है।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव क्षेत्र
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर के उत्तर-पूर्वी हिस्से और उसके आस-पास एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। हालांकि यह अनुमान लगाया गया कि इसके अगले 12 घंटों में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए कमजोर पड़ने और समाप्त होने का अनुमान है।
दूसरी ओर, पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और म्यांमार तट के पास एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में म्यांमार और बांग्लादेश तटों पर अगले 48 घंटों तक आगे बढ़ने का पूर्वानुमान है। इसका असर मुख्यतः पूर्वोत्तर भारत और आसपास के समुद्री इलाकों में दिखाई दे सकता है।
देश के विभिन्न हिस्सों में कई ऊपरी हवाओं का चक्रवातीय प्रसार बना हुआ है। इनमें बांग्लादेश और उसके आसपास के इलाकों, पूर्वोत्तर असम और उससे सटे हिस्सों, विदर्भ और मराठवाड़ा के आसपास के इलाके शामिल हैं, जहां ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार सक्रिय हैं।
इन मौसमी गतिविधियों के कारण मध्य और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहने, तथा गरज के साथ हल्की बारिश और बिजली गिरने के आसार हैं।
वहीं आज, तीन नवंबर 2025, को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में वज्रपात होने तथा 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने तथा बौछारें पड़ने के आसार जताए गए हैं। यह क्षेत्र समुद्री तूफानी गतिविधियों के प्रति संवेदनशील है, इसलिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
वहीं आज, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने का पूर्वानुमान है। इससे इन राज्यों में किसानों को अपनी फसल की कटाई और भंडारण के कार्यों में थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ेगी।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग ने बताया है कि मध्य भारत में अगले 48 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। इसके बाद अगले तीन से चार दिनों में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
इसी प्रकार पश्चिम भारत में भी अगले दो दिनों तक तापमान के स्थिर रहने की संभावना है, जिसके बाद अगले दो से तीन दिनों में इसमें दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट संभव है। इस गिरावट के साथ देश के कई हिस्सों में सुबह और रात के समय ठंडक बढ़ेगी, जबकि दिन का तापमान अपेक्षाकृत सुखद रहेगा।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, दो नवंबर, 2025 को तमिलनाडु के मदुरै में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के नागौर में न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
उत्तर-पश्चिम भारत में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
उत्तर भारत के लिए सबसे अहम बदलाव चार नवंबर, 2025 से दिखाई देगा। एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होकर पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम को बदल सकता है। इसके चलते जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में चार नवंबर को बिजली गिरने तथा 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने, बौछारें पड़ने तथा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
इसके अलावा, तीन और चार नवंबर को राजस्थान में, चार नवंबर को उत्तराखंड में तथा चार और पांच नवंबर को हिमाचल प्रदेश में वज्रपात होने, गरज के साथ बारिश तथा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात का अंदेशा जताया गया है।
देश की राजधानी में मौसमी बदलाव की बात करें तो यहां आने वाले दिनों में सर्दी बढ़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी दिल्ली में आज, तीन नवंबर, 2025 को अधिकतम तापमान के 31 डिग्री व न्यूनतम तापमान के 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है। इसके साथ ही दिल्ली में चारों तरफ सुबह से ही कोहरा और धुंध की चादर छाई हुई है।
इन मौसमी गतिविधियों के कारण अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में भी न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है।
कुल मिलाकर, नवंबर 2025 के शुरुआती दिनों में भारत में मौसमी बदलाव दिखने वाला है। एक ओर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का क्षेत्र अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में ठंडक लेकर आने की तैयारी में है। आने वाले सप्ताह में देश के कई हिस्सों में हल्की बारिश, आंधी-तूफान और तापमान में गिरावट के संकेत हैं।
यह समय मौसम के बदलते दौर का प्रतीक है, जब वर्षा ऋतु विदा ले चुकी है और ठंड की दस्तक शुरू हो रही है। किसानों, यात्रियों और आम नागरिकों को इस दौरान मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है, ताकि वे अपनी योजनाएं सुरक्षित और बेहतर ढंग से बना सकें।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, दो नवंबर, 2025 को विदर्भ, असम और मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मराठवाड़ा के अधिकतर इलाकों, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, ओडिशा, कोंकण और गोवा, तेलंगाना, सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई।
वहीं कल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तथा गुजरात के कई इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।
कल कहां कितना बरसा पानी?
कल, दो नवंबर, 2025 को सौराष्ट्र और कच्छ के भावनगर में 3 सेमी, द्वारका में 2 सेमी, कोंकण और गोवा के मुंबई-कोलाबा में 3 सेमी, मुंबई-सांताक्रुज में 2 सेमी, तेलंगाना के निजामाबाद में 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।