आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकतर हिस्सों में 120 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है। 
मौसम

कम दबाव का असर: अंडमान-निकोबार में 120 मिमी से अधिक बारिश, देशभर में मौसम का अपडेट

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और ऊंची चोटियों में बर्फबारी होने का अनुमान है।

Dayanidhi

उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार की वजह से पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तर अंडमान सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है

चक्रवाती प्रसार व कम दबाव के चलते आज, यानी 21 अक्टूबर को पूर्वी भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकतर हिस्सों में बिजली गिरने, गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, यहां 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, इस सप्ताह भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, लक्षद्वीप, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा वज्रपात के आसार हैं। इसी दौरान इस इलाके के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है।

वहीं आज, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे तथा कर्नाटक में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, इन सभी राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।

पश्चिम और मध्य भारत में मौसमी बदलाव की बात करें तो इन हिस्सों के कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बौछारें पड़ने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। वहीं अगले चार दिनों के दौरान शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि अगले तीन दिनों तक मौसम के शुष्क बने रहने का पूर्वानुमान है।

जबकि आज, मध्य भारत के विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, इन हिस्सों में बादलों के सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरसने के आसार हैं।

वहीं कल, यानी 20 अक्टूबर को सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, यहां 120 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई।

मौसम विभाग की मानें तो पूर्वोत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भारत में इस सप्ताह के दौरान मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है, यानी यहां भारी बारिश होने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। जबकि, उत्तर में राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर समेत कुछ हिस्सों में पारा अभी भी चरम पर बना हुआ है, इन हिस्सों में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है।

उत्तराखंड की ऊंची-ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में सर्दी बढ़ गई है। देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहेगा जबकि आंशिक बादल छाए रह सकते हैं।

पहाड़ी इलाकों के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और बर्फबारी होने का भी अनुमान है। आज, यानी 21 अक्टूबर को कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कई हिस्सों में बादल बरस सकते हैं। इन इलाकों में न्यूनतम तापमान में भी गिरावट देखी जा सकती है।

कम दबाव व चक्रवाती प्रसार के चलते एक बार फिर समुद्री इलाकों में हलचल बढ़ गई है, आज मध्य अरब सागर के मध्य भागों, अंडमान सागर, पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तेज तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं। तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने से परहेज करने की सलाह दी है।

तापमान में उतार चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग का अपडेट देखें तो कल, पश्चिम राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 20 अक्टूबर सौराष्ट्र और कच्छ के कई हिस्सों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों, पश्चिम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।