नवंबर का तीसरा हफ्ता गुजरने को है देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान अभी भी सामान्य से अधिक बना हुआ है, इसलिए मौसम में गर्मी जारी है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभों की कमी इसके पीछे की वजह है। भारत में पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाली एक अहम घटना है।
पश्चिमी हवाएं पश्चिमी विक्षोभ के लिए बारिश के पैटर्न को निर्धारित करती हैं, यह बारिश रबी की फसलों, जैसे कि गेहूं की फसल को उगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही पहाड़ी हिस्सों में बर्फबारी में भी इसका अहम योगदान रहता है।
हालांकि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर चक्रवाती प्रसार के रूप में लगातार सक्रिय है। इसकी वजह से पश्चिमी हिमालयी इलाकों का मौसम बदल सकता है, इन हिस्सों में बारिश तथा बर्फबारी हो सकती है।
साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत में समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 120 नॉट तक की गति की जेट स्ट्रीम हवाएं चलने लगी है, इनके चलते भी इनसे जुड़े हिस्सों में मौसमी बदलाव दिख सकता है।
देश के अधिकतर हिस्से कोहरे की जद में हैं, मौसम विभाग ने कहा है कि पंजाब, हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में 16 नवंबर की सुबह व रात के समय तक घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं।
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि उत्तर प्रदेश में आज सुबह से लेकर अगले कुछ दिनों तक घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। जबकि पश्चिमी राजस्थान में 17 नवंबर की सुबह तक कोहरा छाया रह सकता है।
वहीं हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 19 नवंबर की सुबह से लेकर रात तक घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा जताया गया है। उत्तराखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार और झारखंड 17 नवंबर तक कोहरे के चपेट में रहेगा।
कोहरे की वजह से आज सुबह के समय पंजाब के अमृतसर और पटियाला प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य रही, जबकि हरियाणा-चंडीगढ़ के अंबाला, चंडीगढ़ और हिसार में भी दृश्यता शून्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली में दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।
तापमान में उतार चढ़ाव
तापमान में उतार-चढ़ाव संबंधी मौसम विभाग का पूर्वानुमान देखें तो अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान है। जबकि इसी दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार नहीं हैं। अगले पांच दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना जताई गई है।
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में धीरे-धीरे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आने लगी है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 28 से 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा, जबकि अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से एक से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में सुबह के समय उत्तर-पश्चिम दिशाओं से चलने वाली हवाओं की रफ्तार आठ किमी प्रति घंटे से कम रहेगी। कुछ हिसो में धुंध व मध्यम से घना कोहरा छाया रहेगा। दोपहर के समय उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं गति 12 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। शाम और रात होते-होते हवाओं की रफ्तार के आठ किमी प्रति घंटे से कम होने के आसार हैं, जिसकी वजह से रात में धुंध व हल्के से मध्यम कोहरा छाए रहने की आशंका व्यक्त की गई है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग का अपडेट देखें तो कल, तटीय कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में दिल्ली के रिज में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
कहां होगी भारी बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण तमिलनाडु और उसके निचले स्तरों पर लगातार चक्रवाती प्रसार जारी है। इसकी वजह से आज, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे तथा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरने तथा गरज के साथ बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, इन राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 14 नवंबर को कोंकण और गोवा, तटीय और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, केरल और माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 14 नवंबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कोयंबटूर और अतिरामपट्टिनम प्रत्येक जगह 2 सेमी बारिश दर्ज की गई।