देश के कई हिस्सों में बारिश के चलते गर्मी से कुछ राहत मिली थी लेकिन एक बार फिर पारा चढ़ने लगा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि आज,15 अप्रैल, 2025 को पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में लू या हीटवेव का प्रकोप रहेगा।
वहीं 15 से 19 अप्रैल के दौरान पूर्वी राजस्थान में, 15 से 17 अप्रैल के दौरान गुजरात में, 16 से 18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी मध्य प्रदेश में गर्म हवाओं से छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं। वहीं 16 से 18 अप्रैल के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भीषण लू चलने का अंदेशा जताया गया है।
आज,15 अप्रैल को केरल और माहे में गर्म और उमस भरे मौसम के बने रहने के आसार हैं, 15 से 17 अप्रैल के दौरान गुजरात में भी गर्म और उमस भरे मौसम से राहत मिलती नहीं दिख रही है। 16 से 18 अप्रैल के दौरान पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में रात का मौसम गर्म रह सकता है, 17 और 18 अप्रैल को पूर्वी राजस्थान में भी रात के मौसम के गर्म रहने का अंदेशा जताया गया है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
तापमान में उतार-चढ़ाव संबंधी मौसम विभाग का पूर्वानुमान देखें तो अगले पांच से छह दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने के आसार जताए गए हैं।
वहीं, अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है, जबकि 15 से 18 अप्रैल के दौरान दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी, उसके बाद के दो दिनों के दौरान धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग की मानें तो अगले पांच दिनों के दौरान आंतरिक महाराष्ट्र में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है। 17 अप्रैल तक गुजरात में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि तथा उसके बाद के तीन दिनों के दौरान दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर में अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के नौगांव में न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कहां होगी बारिश, वज्रपात व ओलावृष्टि?
एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, दूसरा बांग्लादेश और तीसरा मन्नार की खाड़ी के निचले स्तरों पर जारी है। वहीं, हवाओं का एक ट्रफ पश्चिमी राजस्थान से मन्नार की खाड़ी तक बना हुआ है, दूसरा ट्रफ निचले स्तरों पर पश्चिमी मध्य प्रदेश से बांग्लादेश तक बना हुआ है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते अगले चार दिनों के दौरान पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, 15 अप्रैल को मध्य भारत और महाराष्ट्र के मैदानी इलाकों में वज्रपात होने तथा 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान है।
15 और 16 अप्रैल को ओडिशा में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, यहां 70 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है। वहीं, 16 से 18 अप्रैल के दौरान असम और मेघालय में, 17 अप्रैल को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है, इन राज्यों में भी 70 मिमी या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।
आज, यानी 15 अप्रैल, 2025 को पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों, बिहार तथा झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में आंधी तूफान का अंदेशा जताया गया है। वहीं आज, झारखंड के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि होने की भी आशंका जताई गई है।
दक्षिण भारत में कैसा रहेगा मौसम?
दक्षिण भारत में मौसमी बदलाव संबंधी मौसम विभाग के ताजा अपडेट में कहा गया है कि, अगले चार दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में बिजली गिरने तथा तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है।
वहीं, अगले दो दिनों के दौरान केरल और माहे में तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा वज्रपात होने की आशंका व्यक्त की गई है।
उत्तर-पश्चिम भारत में मौसमी बदलाव
उत्तर-पश्चिम भारत में कैसा रहेगा मौसम, इस बारे में मौसम विभाग ने कहा है कि 16 से 20 अप्रैल तक पश्चिमी हिमालयी इलाकों तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान है, जिसकी तीव्रता 18 और 19 अप्रैल को चरम पर होगी। इसकी वजह से 18 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में ओले गिर सकते हैं।
वहीं, 18 और 19 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी ओलावृष्टि होने का अंदेशा जताया गया है। जबकि, 18 से 20 अप्रैल, 2025 के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के आस-पास के मैदानी इलाकों में बिजली गिरने तथा गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी बौछारें?
कल, 14 अप्रैल को केरल और माहे के कई इलाकों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, झारखंड के कुछ हिस्सों, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों तथा असम और मेघालय के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 14 अप्रैल को केरल और माहे के कन्नूर हवाई अड्डे में 4 सेमी तथा पुनालुर में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।