तटीय कर्नाटक, केरल, माहे, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी से बहुत भारी बारिश (115.6–204.4 मिमी) ऑरेंज अलर्ट जारी।
असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और ओडिशा में गरज-चमक के साथ भारी बारिश (64.5–115.5 मिमी) के आसार येलो अलर्ट जारी।
उत्तर भारत में ठंड की समय से पहले दस्तक : पहाड़ों पर बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ के असर से सर्दी ने दी दस्तक।
अगले दो से तीन दिनों में मानसून के महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा सहित अधिकांश हिस्सों से लौटने की संभावना।
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय देश के अलग-अलग हिस्सों में कई ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार सक्रिय हैं, जिनका असर दक्षिण भारत, पूर्वोत्तर राज्यों और तटीय इलाकों में देखा जा रहा है। इन मौसमी गतिविधियों के कारण अगले तीन दिनों तक कई जगहों पर बारिश के दौर के जारी रहने का पूर्वानुमान है।
असम और उसके आसपास के इलाकों, दक्षिण बांग्लादेश और उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व अरब सागर, हरियाणा-उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के आस-पास भी अलग-अलग स्तरों पर प्रसार सक्रिय हैं। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा और आसपास के इलाकों तथा उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उससे सटे हिस्सों में एक चक्रवाती प्रसार के रूप में में सक्रिय है।
मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 11 अक्टूबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि, उपरोक्त मौसमी गतिविधियों की वजह से देश के दक्षिणी, तटीय और पूर्वोत्तर हिस्सों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग ने आज के लिए कई राज्यों में गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में तटीय कर्नाटक, केरल और माहे, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल शामिल हैं, जहां भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन राज्यों में 115.6 से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।
वहीं आज, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा तथा ओडिशा में भी गरज के साथ बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं। इन राज्यों में 64.5 से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल। विभाग ने यहां बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
बिजली गिरने तथा तूफानी हवाओं के आसार
विभाग की मानें तो आज, 11 अक्टूबर, 2025 को बारिश के साथ-साथ तटीय आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों और ओडिशा में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं व वज्रपात होने का अंदेशा भी जताया गया है।
उत्तर भारत में बदला मौसम का मिजाज
उत्तर भारत में मौसम ने अपना मिजाज बदलना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व इससे सटे एनसीआर में ठंड ने समय से पहले दस्तक दे दी है। मौसम विभाग की मानें तो पहाड़ों पर समय से पहले हुई बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी बढ़ रही है। दिल्ली में 10 अक्टूबर को पहली बार न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में 12 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे था और उस दिन तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जबकि 2023 में तीन अक्टूबर को ही दिल्ली का न्यूनतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं आज दिल्ली में अधिकतम तापमान के 31 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान के 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है।
दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत बारिश के चलते किसानों को सलाह
भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों को कई उपयोगी सलाह दी हैं ताकि फसलों और उपज को नुकसान से बचाया जा सके।
मौसम विभाग ने दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में मूंगफली, मक्का, काली मिर्च, इलायची, हल्दी और कॉफी की कटाई की हुई उपज को सूखे, ढकर और हवादार जगहों पर रखने का सुझाव दिया है। जबकि धान, मक्का, रागी, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली, केला, नारियल और सुपारी के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की सलाह दी है ताकि जलभराव न होने पाए।
वहीं तमिलनाडु में धान और मूंगफली की फसल को सुरक्षित स्थानों पर रखने को कहा गया है। धान, कपास, हल्दी और सब्जियों के खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया गया है।
केरल में धान, केला, नारियल, सुपारी और काली मिर्च की खेती वाले इलाकों से अतिरिक्त पानी निकालने, विभाग ने कहा है कि खेतों में जलभराव से जड़ों के सड़ने का खतरा रहता है, इसलिए उचित जल निकासी बहुत जरूरी है।
रायलसीमा में फलों और सब्जियों की फसलों को सुरक्षित जगहों पर रखने का सुझाव है। यहां भी धान, मूंगफली, कपास, हल्दी और सब्जियों के खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
विभाग ने तटीय आंध्र प्रदेश में धान, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली, हल्दी, सब्जियां और नारियल, सुपारी, केला, कॉफी तथा काली मिर्च के बागानों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी है। तटीय कर्नाटक में धान और नारियल-सुपारी की खेती वाले इलाकों से अतिरिक्त पानी तुरंत निकालें ताकि फसलों की जड़ें सड़ें नहीं।
असम और मेघालय की बात करें तो यहां किसानों को असम में पकी हुई सब्जियां जैसे टमाटर, खीरा, बैंगन आदि को तुरंत खेतों से निकालने को कहा गया है ताकि भारी बारिश से नुकसान न हो। साली धान, उड़द, मूंग और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने का भी सुझाव दिया गया है। वहीं, मेघालय में खड़ी फसलों, सब्जियों और फलों के बगीचों में पानी की निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।
मौसम विभाग ने ओडिशा में धान, मक्का, मूंग, उड़द, मूंगफली, कपास और सब्जियों के खेतों में जलभराव न होने देने की सलाह दी है। विभाग ने यह भी कहा है कि जिन खेतों में जलभराव हो गया है, वहां तुरंत नालियां बनाकर पानी बाहर निकालें।
मानसून की वापसी की प्रक्रिया हुई तेज
मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अब धीरे-धीरे देश से विदा ले रहा है। आने वाले दो से तीन दिनों में मानसून के महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के शेष हिस्सों से भी लौटने की संभावना है।
इसके साथ ही झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ हिस्सों से भी मानसून की वापसी की स्थिति बन रही है। इससे यह स्पष्ट है कि अक्टूबर के मध्य तक देश के ज्यादातर हिस्सों से मानसून पूरी तरह विदाई ले लेगा।
11 अक्टूबर 2025 को देश के दक्षिणी, तटीय और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसमी गतिविधि काफी सक्रिय रहेगी। कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश, तेज हवाएं और गरज-चमक के दौर देखने को मिल सकते हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 10 अक्टूबर, 2025 को तमिलनाडु के मदुरै में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में हिमाचल प्रदेश के मंडी में न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 10 अक्टूबर, 2025 को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, असम और मेघालय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, केरल और माहे के अधिकतर इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई।
वहीं कल, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख, छत्तीसगढ़, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा रायलसीमा के कई इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 10 अक्टूबर, 2025 को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 सेमी, बेंगलुरु एचएएल में 2 सेमी, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों के कोलकाता-अलीपुर में 7 सेमी, हल्दिया में 6 सेमी, डायमंड हार्बर में 5 सेमी, कोलकाता-दम दम में 3 सेमी, दीघा में 2 सेमी, कोंकण और गोवा के पंजिम में 6 सेमी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में 4 सेमी बारिश दर्ज की गई।
वहीं कल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अगरतला में 3 सेमी, इंफाल और आइजोल-लेंगपुई प्रत्येक जगह 2 सेमी, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कवली में 3 सेमी, अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में 2 सेमी, लक्षद्वीप के अमिनदिवी में 2 सेमी, असम और मेघालय के सिलचर, शिलांग और चेरापूंजी प्रत्येक जगह 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।