दो से चार मार्च को ओडिशा में तीन और चार अप्रैल को झारखंड, एक से तीन मार्च को उत्तर आंतरिक कर्नाटक तथा तीन अप्रैल को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में ओले गिरने की आशंका व्यक्त की गई है।  
मौसम

मौसम अलर्ट: सात से ज्यादा राज्यों में आंधी-तूफान, बारिश व ओलावृष्टि के आसार

तीन अप्रैल, 2025 से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होकर पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम में बदलाव करने का अनुमान है।

Dayanidhi

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, एक अप्रैल, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि फिलहाल उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम के शुष्क बने रहने का अनुमान है, साथ ही पारा भी उछाल मारते देखा जा सकता है। वहीं, तीन अप्रैल, 2025 से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होकर पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम में बदलाव करने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कई तरह की मौसमी गतिविधियों का जिक्र किया है। जिनमें निचले स्तरों पर मराठवाड़ा और उससे सटे इलाकों में एक चक्रवाती प्रसार के जारी रहने।

आंतरिक कर्नाटक से होते हुए उत्तर तमिलनाडु तक निचले स्तरों पर चक्रवाती प्रसार में हवाओं का एक ट्रफ का बन जाना। इन मौसमी प्रणालियों के चलते निचले स्तरों में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारी नमी आने तथा हवाओं के आपस में मिलना शामिल है।

उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र में आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने तथा बौछारें पड़ने के आसार हैं।

वहीं एक से चार अप्रैल, 2025 के दौरान छत्तीसगढ़, ओडिशा, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, आंतरिक कर्नाटक तथा एक और दो अप्रैल को गुजरात, दो से चार अप्रैल, 2025 के दौरान पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, झारखंड तथा रायलसीमा में तूफानी हवाएं चलने, बौछारें पड़ने तथा वज्रपात होने का अंदेशा जताया गया है

मौसम विभाग के मानें तो मौसमी गतिविधियों का असर केवल आंधी, बिजली व बारिश तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक से चार अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश और विदर्भ में ओलावृष्टि होने के आसार जताए गए हैं

वहीं आज और कल, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, दो और तीन अप्रैल को छत्तीसगढ़, तेलंगाना में, दो से चार मार्च को ओडिशा में तीन और चार अप्रैल को झारखंड, एक से तीन मार्च को उत्तर आंतरिक कर्नाटक तथा तीन अप्रैल को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में ओले गिरने की आशंका व्यक्त की गई है।

मौसम विभाग की चेतावनी व सुझाव

मौसम विभाग ने आंधी-तूफान व ओलावृष्टि के चलते बागान, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान होने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि ओलों की वजह से खुली जगहों पर लोगों और मवेशियों को चोट लग सकती है।

तेज हवाओं के कारण कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान हो सकता है। कच्चे घरों व दीवारों और झोपड़ियों को मामूली नुकसान हो सकता है। ढीली वस्तुओं के उड़ने की भी आशंका जताई गई है।

इन मौसमी गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों को घर के अंदर रहने, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने और यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचने का सुझाव दिया है।

साथ ही सुरक्षित आश्रय लेने तथा पेड़ों के नीचे शरण न लेने, कंक्रीट के फर्श पर न लेटने और कंक्रीट की दीवारों से न सटने का भी सुझाव दिया गया है। साथ ही बिजली व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करने, जल निकायों से तुरंत बाहर निकलने और बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग के द्वारा मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ, तटीय और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में पकी हुई फसलों, फलों और सब्जियों की तुरंत कटाई करने और कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने या संभावित ओलावृष्टि के प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए खेतों में उपज को तिरपाल की चादरों से ढकने का सुझाव दिया गया है।

ओलावृष्टि के कारण बगीचों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए ओलावृष्टि जाल और ओला कैप का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के मुताबिक, एक और दो अप्रैल के दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है। इसी दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।

वहीं, दो अप्रैल तक मध्य भारत और भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, ओडिशा के झारसुगुड़ा में अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कहां रहेगा गर्म व उमस भरा मौसम, कहां चलेगी हीटवेव?

लगातार बढ़ते तापमान के चलते आज, एक अप्रैल, 2025 को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में हीटवेव या लू चलने की आशंका जताई गई है

वहीं आज, असम के कुछ स्थानों हिस्सों में गर्म और उमस भरे मौसम के बने रहने के आसार हैं। जबकि, एक से तीन अप्रैल के दौरान त्रिपुरा में, एक से चार अप्रैल के दौरान गुजरात में लोगों को गर्म और उमस भरे मौसम से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं

लगातार बढ़ते तापमान के चलते आज, एक अप्रैल, 2025 को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में हीटवेव या लू चलने की आशंका जताई गई है।

कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी बौछारें?

कल 31 मार्च को उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी। वहीं कल, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के बेलगाम 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।