उत्तराखंड में 30 व 31 दिसंबर, हिमाचल प्रदेश में 31 दिसंबर तथा जम्मू और कश्मीर में 30 दिसंबर को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है  
मौसम

पश्चिमी विक्षोभ, शीतलहर व कोहरे के बीच बदलता मौसम, उत्तर से समुद्री क्षेत्रों तक असर

मौसम विभाग के द्वारा 27 दिसंबर, 2025 को जारी अपडेट के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पहाड़ों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में शीतलहर, कोहरा और समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाएं

Dayanidhi

  • पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है।

  • उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में घना कोहरा, शीतलहर और शीत दिवस की स्थिति से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

  • उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में तापमान में गिरावट के साथ ठंड और अधिक तेज होने के आसार हैं।

  • दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा, ठंडी हवाएं और गंभीर प्रदूषण की स्थिति से लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं।

  • अंडमान-निकोबार और मन्नार की खाड़ी में गरज-चमक, तेज हवाएं और समुद्री गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव की चेतावनी जारी है।

देश के विभिन्न हिस्सों में इन दिनों मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, घना कोहरा और शीतलहर लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रही है। वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने इन सभी मौसमी गतिविधियों के पीछे मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ और उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम की सक्रियता मानी है।

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 27 दिसंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय है। इसके साथ ही, उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम उत्तर-पूर्व भारत के ऊपर प्रभावी बनी हुई है, जिसमें हवा की गति लगभग 125 नॉट है और यह 12.6 किमी की ऊंचाई पर बह रही है।

मौसम विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि 30 दिसंबर 2025 से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम में बदलाव करेगा। इसके कारण आने वाले दिनों में पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।

उत्तराखंड में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?

उत्तराखंड में 30 और 31 दिसंबर को 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। विशेष रूप से उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में बर्फ गिरने की संभावना है। निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही, पर्यटकों के लिए यह बर्फबारी आकर्षण का केंद्र बन सकती है।

हालांकि मैदानी जिलों में घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है। हरिद्वार, उधम सिंह नगर, देहरादून, पौड़ी के मैदानी क्षेत्र, नैनीताल और चंपावत के निचले हिस्सों में सुबह से घना कोहरा देखा गया है। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने कोहरे और गंभीर शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश में बढ़ती ठंड

हिमाचल प्रदेश के अधिकतर इलाकों में मौसम शुष्क बना हुआ है, लेकिन ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। 30 दिसंबर को राज्य के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 31 दिसंबर और एक जनवरी को भी एक-दो ऊंचाई वाले जगहों पर बहुत हल्की बर्फबारी हो सकती है।

तापमान की बात करें तो ऊना और हमीरपुर में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि राज्य में सबसे कम तापमान ताबो में माइनस 3.8 डिग्री सेल्सियस रहा। निचले पहाड़ी इलाकों और मैदानी क्षेत्रों में 27 से 30 दिसंबर के बीच सुबह और रात के समय घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा है। इसके लिए 29 दिसंबर तक ऑरेंज अलर्ट और 30 दिसंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

जम्मू और कश्मीर में मौसम परिवर्तन

मौसम विभाग के अनुसार, 30 दिसंबर से जम्मू और कश्मीर के मौसम में बदलाव आने की संभावना है। एक जनवरी तक कुछ क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। बर्फबारी के कारण शीतलहर का प्रकोप बढ़ सकता है।

इस समय लेह, कारगिल, पहलगाम और गुलमर्ग में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालांकि कल राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ रहा, लेकिन ठंड का असर बना रहा। कश्मीर घाटी में तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

दिल्ली-एनसीआर में ठंड, कोहरा और प्रदूषण

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 27 और 28 दिसंबर के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान घना कोहरा, ठंडी हवाएं और गंभीर शीत परिस्थितियां बनी रह सकती हैं।

दिल्ली में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। पिछले 24 घंटों में पूरे दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा छाया रहा। कई इलाकों में ठंडी हवाएं चलीं, हालांकि अब हवा की गति घटकर लगभग 13 किमी प्रति घंटा रह गई है।

27 से 31 दिसंबर के बीच अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। इसके साथ ही, प्रदूषण की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है और फिलहाल इससे राहत मिलने के आसार कम हैं।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग की मानें तो अगले चार से पांच दिनों तक उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद अगले तीन दिनों में इसमें दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है। देश के बाकी हिस्सों में अगले एक हफ्ते तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 26 दिसंबर, 2025 को केरल के कोट्टायम और कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के राजगढ़ में न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शीतलहर, शीत दिवस व कोहरे का कहर

आज, झारखंड के कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की आशंका जताई गई है। साथ ही बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीत दिवस (कोल्ड डे) की स्थिति रहने की बहुत आशंका है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों में भीषण शीत दिवस का अंदेशा जताया गया है, विभाग ने उत्तर प्रदेश में कोहरे व ठंड को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।

अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाने के आसार। बिहार, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर घने से बहुत घना कोहरा छाने का अंदेशा जताया गया है।

समुद्री और द्वीपीय क्षेत्रों में मौसम

देश के समुद्री और द्वीपीय क्षेत्रों में भी मौसम सक्रिय बना हुआ है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश, बिजली चमकने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अंदेशा जताया गया है।

वहीं, मन्नार की खाड़ी में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका है। इससे समुद्री गतिविधियों पर असर पड़ सकता है।

कुल मिलाकर, देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और शीतलहर, तथा समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाएं लोगों के रोजमर्रा के जीवन, यातायात और पर्यटन को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करना और सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते मौसम में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।