उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप, पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे और नदियां-झरने जमने लगे। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, पृथ्वीराज धंग
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चक्रवात ‘दित्वाह’ के कारण तमिलनाडु-पुडुचेरी में भीषण बारिश, उत्तर में धुंध, शीतलहर

उत्तर के पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंचा, नदियां, नाले और झरने जमे, कड़ाके की सर्दी का प्रकोप जारी, दक्षिण में चक्रवाती बारिश

Dayanidhi

  • उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप, पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे और नदियां-झरने जमने लगे।

  • दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर के कई राज्यों में घने कोहरे की चेतावनी, दृश्यता घटने की आशंका।

  • दक्षिण भारत में चक्रवात ‘दित्वाह’ के असर से तमिलनाडु-पुडुचेरी में भीषण बारिश, कई जगह रेड अलर्ट।

  • अंडमान-निकोबार, केरल और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश और तेज हवाओं का पूर्वानुमान।

  • कन्याकुमारी, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में फ्लैश फ्लड का खतरा, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।

भारत के अधिकांश हिस्सों में इस समय मौसम में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कहीं उत्तर के पर्वतीय इलाकों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित है, तो कहीं दक्षिण भारत में चक्रवाती तूफान के कारण बहुत भारी बारिश का दौर जारी है।

तापमान, कोहरा, बारिश और चक्रवात-चारों ही इस समय देश के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। मौसम विभाग के द्वारा आज, 28 नवंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में विभिन्न राज्यों में मौसम में भारी बदलाव दिखने की बात कही है।

उत्तर भारत: ठंड, कोहरा और तापमान में उतार-चढ़ाव

उत्तर भारत में तापमान में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में आने वाले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद तापमान में फिर से दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे रातें ठंडी रहने के पूरे आसार हैं।

उत्तर भारत की पहाड़ियां पहले ही भीषण ठंड की चपेट में हैं। उत्तराखंड के ऊपरी हिमालयी इलाकों में कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। गंगोत्री धाम, नेलांग घाटी, गौमुख ट्रैक और आदि कैलाश जैसे क्षेत्रों में तापमान लगातार शून्य से नीचे गिर रहा है। भीषण ठंड के कारण नदियां, नाले और झरने जम गए हैं। मौसम शुष्क रहने से पहाड़ी इलाकों में जल संकट की स्थिति भी सामने आ रही है।

हिमाचल प्रदेश में मौसम साफ और धूप वाला रहेगा, लेकिन पहाड़ी इलाकों में रातें बेहद ठंडी होंगी। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान शून्य या उससे नीचे पहुंच सकता है। राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान लगभग 13 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में भी ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कश्मीर घाटी में कई जगहों पर रात का तापमान जमाव बिंदु से नीचे जा चुका है। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 4.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। गुलमर्ग में तापमान माइनस एक डिग्री सेल्सियस और शोपियां में माइनस 6.5 डिग्री तक गिर गया। लद्दाख में तो सामान्य दिनों की तरह ही कड़ाके की सर्दी बनी हुई है।

दिल्ली-एनसीआर में दिन धूप भरे लेकिन रातें ठंडी बनी हुई हैं। न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। साथ ही राजधानी में कोहरा छाने लगा है, जिससे दृश्यता में कमी आ सकती है

कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी भी जारी की है। 28 नवंबर से एक दिसंबर तक दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में घना कोहरा पड़ सकता है। पूर्वी राजस्थान में भी 30 नवंबर से एक दिसंबर के बीच कोहरा छाने का अंदेशा जताया गया है। पंजाब में 28 और 29 नवंबर को कई स्थानों पर शीतलहर चलने का अनुमान है। राजस्थान के कई हिस्सों में तीन से चार दिसंबर के बीच शीतलहर की स्थिति बन सकती है।

मध्य, पूर्वी और पश्चिम भारत: तापमान में बदलाव का दौर

मध्य भारत में अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इस दौरान रातें ठंडी रहेंगी, हालांकि इसके बाद तापमान में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।

पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके बाद मौसम स्थिर रहने की संभावना है।

वहीं पश्चिम भारत में अगले 24 घंटों तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखेगा। इसके बाद आने वाले चार दिनों में न्यूनतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस गिर सकता है। इससे गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाकों में ठंड और बढ़ सकती है।

उत्तर-पूर्वी भारत में मौसम स्थिर रहेगा और अगले पांच दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

दक्षिण भारत: चक्रवात ‘दित्वाह’ या 'Ditwah' का खतरा और भारी बारिश

दक्षिण भारत इन दिनों चक्रवात दित्वाह की वजह से सक्रिय मौसम का सामना कर रहा है। यह चक्रवाती तूफान वर्तमान में श्रीलंका के तटीय क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित है। पिछले छह घंटों में इसने लगभग आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अपनी स्थिति बदली है।

यह 30 नवंबर की सुबह तक उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंच सकता है। तूफान के प्रभाव से दक्षिण भारत के कई इलाकों में भीषण बारिश होने की आशंका जताई गई है।

चक्रवात दित्वाह पर नजर

एक अन्य मौसम प्रणाली, पूर्ववर्ती चक्रवात 'सेंयार' का अवशेष,मलक्का जलडमरूमध्य और मलेशिया के पास एक डीप डिप्रेशन क्षेत्र के रूप में मौजूद है। इसके कमजोर होकर कम दबाव के क्षेत्र में बदलने के आसार हैं।

बारिश का पूर्वानुमान और अलर्ट

उपरोक्त चक्रवाती गतिविधियों के चलते आज, 28 नवंबर, 2025 को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने का अंदेशा जताया गया है। विभाग ने इन राज्यों में बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 204.5 मिमी से अधिक बरस सकते हैं बादल।

वहीं आज, आंध्र प्रदेश, केरल और माहे में भी बादलों के जमकर बरसने की चेतावनी जारी की गई है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक पानी बरस सकता है। इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गरज-चमक और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की आशंका है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में भी बिजली गिरने की आशंका जताई गई है

अचानक बाढ़ के आसार

फ्लैश फ्लड यानी अचानक आने वाली बाढ़ का खतरा भी कुछ जिलों - कन्याकुमारी, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में बना हुआ है। यहां अगले 24 घंटों में हल्के से मध्यम स्तर के बाढ़ खतरा हो सकता है।

समुद्र में भी मौसम खराब रहने वाला है। दक्षिण केरल तट, लक्षद्वीप, कोमोरिन क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में हवा की गति 35 से 45 किमी प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

कुल मिलाकर, देश के उत्तरी क्षेत्रों में ठंड और कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है, जबकि दक्षिण भारत में चक्रवात के कारण भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है। तापमान में लगातार बदलाव और विभिन्न मौसमी गतिविधियों के सक्रिय रहने से आने वाले दिनों में मौसम और अधिक प्रभावित हो सकता है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा अपडेट और अलर्ट से जुड़े रहें और आवश्यक सावधानियां बरतें।