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तीन साल से अटका दिल्ली के जलाशयों का मामला, एनजीटी ने बताया कानून का उल्लंघन

ट्रिब्यूनल का कहना है आदेश के बावजूद अतिक्रमण हटाने और बहाली की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • दिल्ली के मुंडका गांव में जलाशयों की बहाली के मामले में तीन साल से कोई प्रगति नहीं हुई है। एनजीटी ने इसे कानून का उल्लंघन बताते हुए अधिकारियों को जलाशयों से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं।

  • अगली सुनवाई 3 नवंबर 2025 को होगी, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

  • वहीं अन्य मामले में जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का निर्माण रोक दिया गया है।

  • राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि यह निर्माण जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार की सीमा के अंदर हो रहा था, जिस पर मामला दर्ज होने के बाद काम बंद कर दिया गया है।

दिल्ली के मुंडका गांव में स्थित पांच जलाशयों को बचाने और पुनर्जीवित करने से जुड़ी अर्जी पर तीन साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने इसे “कानून के उल्लंघन” करार दिया है। अदालत के मुताबिक एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 18(3) के अनुसार किसी मामले का निपटारा छह महीने में होना चाहिए।

इस मामले में 29 अप्रैल 2022 को अर्जी दायर की गई थी। अदालत का कहना है कि अधिकारियों को पहले ही आदेश दिए गए थे कि वे जलाशयों से अतिक्रमण हटाने और उन्हें बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें, लेकिन अब तक उन्होंने इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

एनजीटी का यह भी कहना है, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण ने भी 30 अक्टूबर 2024 को संबंधित विभागों को जलाशयों से अतिक्रमण हटाने और उन्हें बहाल करने के आदेश दिए थे, लेकिन न तो कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही उसकी जानकारी अदालत को दी गई।

इस पर एनजीटी ने 24 सितंबर 2025 को कड़ा रुख अपनाते हुए अगली सुनवाई पर कई वरिष्ठ अधिकारियों की व्यक्तिगत तौर पर मौजूद होने का आदेश दिया है। इनमें राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण के सदस्य सचिव, डीडीए के उपाध्यक्ष, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के प्रबंध निदेशक और पश्चिमी दिल्ली के जिलाधिकारी शामिल हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 3 नवंबर 2025 को होनी है। 

अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह भी रिकॉर्ड पेश करें कि जलाशयों पर अतिक्रमण की पहचान और उन्हें हटाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और जलाशयों को बहाल करने की दिशा में क्या काम हुआ है।

बलिया: जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार की सीमा में बन रहे विश्वविद्यालय के निर्माण पर लगी रोक

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का निर्माण रोक दिया गया है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि यह निर्माण जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार की सीमा के अंदर हो रहा था, जिस पर मामला दर्ज होने के बाद काम बंद कर दिया गया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 19 सितंबर 2025 को धर्मेंद्र कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में बलिया के सुरहा ताल क्षेत्र में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय और सीवेज निपटान केंद्र के निर्माण को चुनौती दी गई थी।

याचिकाकर्ता का कहना है कि बलिया जिले के वसंतपुर में स्थित जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार (सुरहा ताल) गंगा नदी से बना एक संरक्षित पक्षी विहार है। यह 4.5 किलोमीटर लंबा है और इसका क्षेत्रफल 34.32 वर्ग किलोमीटर है, जो मानसून में और भी फैल जाता है।

सुरहा ताल पक्षियों की विविधता के लिए ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध है और यह उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पक्षी विहार भी है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय और कचरा निपटान केंद्र का निर्माण सुरहा ताल में पानी आने के प्राकृतिक मार्ग को बाधित करेगा और पक्षियों के आवास को नुकसान पहुंचाएगा।

उत्तर प्रदेश के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गूगल अर्थ से प्राप्त तस्वीरों और स्थानीय जांच से पता चला है कि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार की सीमा के भीतर हो रहा है। वन विभाग ने 3 अप्रैल 2022 को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और ठेकेदार शिवम सिंह, डीएस एंटरप्राइजेज के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

अदालत को बताया गया कि मामला दर्ज होने के बाद से (रेंज केस नंबर 01/2022-23) विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य रुक गया है और आज तक बंद ही है।

एनजीटी ने विश्वविद्यालय की जमीन को पक्षी विहार की सीमा से बाहर करने की याचिका पर भी सुनवाई की। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय ने जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2025 को होगी।