यह शोध अल्ट्रा-टिकाऊ ग्लास कोटिंग्स बनाने के लिए एक सरल लेकिन व्यावहारिक समाधान पर प्रकाश डालता है।  फोटो साभार: आईस्टॉक
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने खोजा अदृश्य कवच, बारिश में चश्मे व विंडशील्ड को बचाएगा

पानी से चलने वाली ये प्रक्रियाएं, हालांकि अक्सर अदृश्य होती हैं, लेकिन कांच के छिपे हुए दुश्मन हैं, जो इसकी ताकत, जीवनकाल और विश्वसनीयता को कम करते हैं।

Dayanidhi

क्या आपने कभी गौर किया है कि चश्मे से बारिश की बूंदें साफ करना, कार की विंडशील्ड पोंछना या कांच की टेबल के ऊपर से गिरा पानी हटाना जैसी साधारण चीजें भी गंदे निशान छोड़ सकती हैं? ये रोजमर्रा की परिस्थितियां कांच की कमजोरी को सामने लाती हैं, जो अपनी पारदर्शिता और कार्यक्षमता के बावजूद, नियमित उपयोग के दौरान सतह को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

नमी के रूप में हमारे आस-पास का पानी चीजों को और भी बदतर बना देता है। उदाहरण के लिए, बारिश में गाड़ी चलते समय धूल भरे कांच को साफ करने वाले विंडशील्ड वाइपर सतह पर छोटी-छोटी गंदगी के घिसने के कारण खरोंच लगा सकते हैं।

इसी तरह, नम कपड़े से कांच की टेबल या आईवियर लेंस को साफ करना नुकसान रहित लग सकता है, लेकिन पानी के अणु सूक्ष्म खरोंचों को बढ़ा सकते हैं और उनमें रिस सकते हैं, जिससे आणविक स्तर पर कांच खराब हो सकता है। पानी से चलने वाली ये प्रक्रियाएं, हालांकि अक्सर अदृश्य होती हैं, लेकिन कांच के छिपे हुए दुश्मन हैं, जो इसकी ताकत, जीवनकाल और विश्वसनीयता को कम करते हैं।

इस चुनौती का समाधान करने की दिशा में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि लगभग एक नैनोमीटर मोटा ग्रेफीन, अपने असाधारण रासायनिक तौर पर बचाने और यांत्रिक शक्ति के कारण पानी के संपर्क में आने वाले कांच के स्थायित्व में बहुत अधिक सुधार कर सकता है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया कि नैनोस्केल पर किए गए बार-बार खरोंच के परीक्षणों से पता चला है कि ग्राफीन की कुछ परतें ही नाजुक सिलिका ग्लास को पानी में गंभीर रूप से घिसने से रोककर नुकसान प्रतिरोधी सतह में बदल सकती हैं।

दिलचस्प बात यह है कि कठोर हीरे और प्रतिक्रियाशील सिलिकॉन दोनों से खरोंचने पर कोई घिसाव नहीं देखा गया, जबकि बाद वाला ग्लास के लिए आक्रामक रूप से सख्त होता है।

आणविक सिमुलेशन ग्राफीन की प्रभावशीलता के पीछे के रहस्य को सामने लाते हैं, यह पानी की उपस्थिति में फिसलने वाले प्रतिक्रियाशील निकायों पर कांच के रासायनिक तरीके से ‘चिपकने’ को रोकता है। ग्राफीन की बचाने की यह क्षमता कांच को भौतिक और रासायनिक तौर से होने वाले नुकसान से बचाती है।

यह शोध अल्ट्रा-टिकाऊ ग्लास कोटिंग्स बनाने के लिए एक सरल लेकिन व्यावहारिक समाधान पर प्रकाश डालता है। विशेष रूप से नमी-संवेदनशील प्रयोगों के लिए, जैसे कि स्मार्टफोन स्क्रीन, कैमरा लेंस, ऑटोमोटिव विंडशील्ड, सौर पैनल और यहां तक कि नमी वाले या गीले वातावरण के संपर्क में आने वाले ऑप्टिकल उपकरण भी इसमें शामिल हैं। यह शोध पत्र स्मॉल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।