प्रदूषण

केरल के कोझिकोड की हवा-नदी खतरे में: फैक्ट्री प्रदूषण पर एनजीटी का कड़ा रुख

दुर्गंध व दूषित जल से जुड़ी शिकायतों के बाद ट्रिब्यूनल ने केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीएम और सीपीसीबी सहित कई अधिकारियों को नोटिस भेजे हैं

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कोझिकोड में फैक्ट्री से फैल रहे प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए कई सरकारी एजेंसियों को नोटिस जारी किया है।

  • आरोप है कि वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाली दुर्गंध और दूषित पानी ने स्थानीय नदी को प्रदूषित कर दिया है, जिससे लोगों में बीमारियां फैल रही हैं।

  • अब सभी विभागों को रिपोर्ट पेश करनी होगी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2 दिसंबर 2025 को केरल के कोझिकोड जिले में स्थित 'फ्रेश कट ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड' के वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से फैल रहे प्रदूषण के मामले में संज्ञान लिया। यह प्लांट काट्टिप्परा पंचायत के अंबयाथोडे क्षेत्र में है।

आरोप है कि यहां से निकलने वाली दुर्गंध से स्थानीय लोगों का जीवन दूभर हो गया है। इतना ही नहीं जिस मुख्य नदी का पानी पीने के लिए उपयोग किया जाता है वो भी यूनिट से निकलने वाले दूषित पानी से मैली हो गई है। नतीजन इलाके में त्वचा संबंधी बीमारियां और एलर्जी आम हो गई है।

अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कोझिकोड के जिला मजिस्ट्रेट, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इन सभी संबंधित पक्षों को अपने जवाब एनजीटी की दक्षिणी पीठ के सामने पेश करने होंगे।

गौरतलब है कि दि हिंदू में 7 नवंबर 2025 को प्रकाशित एक खबर के आधार पर एनजीटी ने इस मामले को स्वतः संज्ञान में लिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक करीब 22 करोड़ रुपए की यह फैक्ट्री पोल्ट्री कचरे को प्रोसेस कर पालतू जानवरों के खाने बदलती है, जिसकी क्षमता 25 टन प्रतिदिन है।

आरोप है कि फैक्ट्री से उठने वाली तीखी बदबू ने स्थानीय लोगों का जीवन दुश्वार कर दिया है। वहीं, इलाके की मुख्य नदी, जो लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराती है, वो भी फैक्ट्री के अपशिष्ट से प्रदूषित हो रही है। इसके कारण लोगों में त्वचा सम्बन्धी रोग और एलर्जी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।

यूनिट का पक्ष और अधिकारियों की स्थिति

फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि वे सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। हालांकि, बढ़ते विरोध के कारण फिलहाल यूनिट बंद है। जिला-स्तरीय फैसिलिटेशन कमेटी ने केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच के आधार पर इसे संचालन की अनुमति दी थी।

हालांकि आवेदन में कहा गया है कि यूनिट को दोबारा शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह सभी मानकों का पूरी तरह पालन कर रही है। साथ ही, क्षेत्र में अब भी प्रदूषण बना हुआ है, इसलिए वहां सफाई और सुधार के कदम उठाना आवश्यक है।

एनजीटी के इस निर्देश के बाद अब सभी संबंधित विभागों को अपनी-अपनी रिपोर्ट पेश करनी है, जिसके आधार पर अगली सुनवाई में आगे की कार्रवाई तय होगी।