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खारी नदी पर संकट: एनजीटी ने खनन साइट की जांच के दिए आदेश

एनजीटी ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को खनन पट्टा क्षेत्र का दौरा कर यह जांच करने के निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण मंजूरी, संचालन की अनुमति और पर्यावरण संबंधी मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।

Susan Chacko, Lalit Maurya

  • राजस्थान के केकड़ी जिले में खारी नदी पर अवैध खनन को लेकर एनजीटी ने सख्त कदम उठाए हैं।

  • ट्रिब्यूनल ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को खनन पट्टा क्षेत्र का दौरा कर यह जांच करने के निर्देश दिए कि पर्यावरण मंजूरी, संचालन की अनुमति और पर्यावरण मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। साथ ही अधिकारी को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपने को कहा गया है।

  • सुनवाई के दौरान एनजीटी ने यह भी दर्ज किया कि खारी नदी के प्रवाह में बनाई गई रुकावट अब हटा दी गई है।

  • खननकर्ता ने ट्रिब्यूनल को भरोसा दिलाया है कि आगे खनन कार्य पर्यावरण मंजूरी, सीटीओ की शर्तों, खनन योजना और सभी पर्यावरणीय नियमों के तहत ही किया जाएगा।

राजस्थान के केकड़ी जिले के सावर ब्लॉक स्थित गुलगांव ग्राम पंचायत क्षेत्र में खनन गतिविधियों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है।

19 दिसंबर 2025 को ट्रिब्यूनल ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी को खनन पट्टा क्षेत्र का दौरा कर यह जांच करने के निर्देश दिए कि पर्यावरण मंजूरी (ईसी), संचालन की अनुमति (सीटीओ) और पर्यावरण मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। साथ ही अधिकारी को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपने को कहा गया है।

सुनवाई के दौरान एनजीटी ने यह भी दर्ज किया कि खारी नदी के प्रवाह में बनाई गई रुकावट अब हटा दी गई है। खननकर्ता ने ट्रिब्यूनल को भरोसा दिलाया है कि आगे खनन कार्य पर्यावरण मंजूरी, सीटीओ की शर्तों, खनन योजना और सभी पर्यावरणीय नियमों के तहत ही किया जाएगा।

यह मामला लंबे समय से ट्रिब्यूनल के समक्ष है। इससे पहले 19 नवंबर 2024 को एनजीटी ने एक संयुक्त समिति गठित कर खनन पट्टाधारकों द्वारा पर्यावरण मंजूरी और सहमति शर्तों के पालन की जांच का आदेश दिया था।

क्या है पूरा मामला

समिति रिपोर्ट में पर्यावरणीय उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया। इसके बाद तीन जुलाई 2025 को एनजीटी ने एहतियाती सिद्धांत अपनाते हुए खनन पट्टे और आसपास के इलाके में खनन पर रोक लगा दी। साथ ही केकड़ी के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया था कि अगले आदेश तक किसी भी तरह का खनन न होने दिया जाए।

इसके बाद 8 सितंबर 2025 को एनजीटी ने संबंधित अधिकारियों को संयुक्त समिति की सिफारिशों को तुरंत लागू करने और पर्यावरण नियमों व शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

वहीं, 8 दिसंबर 2025 के आदेश में एनजीटी ने अधिकारियों और खननकर्ता को खारी नदी के रास्ते में बाधा बने बोल्डरों को हटाने और नदी में रुकावट को लेकर दर्ज एफआईआर की जांच की स्थिति पर अतिरिक्त जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था। अब एनजीटी की नजर इस पर है कि क्या खनन वास्तव में पर्यावरण नियमों के दायरे में होगा, या खारी नदी और आसपास के इलाकों को फिर खतरे में डाला जाएगा।

ट्रिब्यूनल द्वारा गठित संयुक्त समिति ने अपनी 18 जनवरी 2025 की रिपोर्ट में खारी नदी के प्राकृतिक मार्ग में स्पष्ट रुकावटों की पुष्टि की थी।

इसके बाद खनन एवं भू-विज्ञान के निदेशक, केकड़ी के जिला कलेक्टर और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने जवाब दाखिल कर दावा किया कि रुकावटें हटा दी गई हैं। हालांकि, आवेदक ने अदालत को बताया कि नदी का मार्ग अभी भी रुका हुआ है।