कोविड-19 महामारी ने दिखाया कि कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली समाज अर्थव्यवस्था और विकास पर गहरा प्रभाव डालती है
पर्यावरण विनाश, जंगलों के काटे जाने और जैव विविधता ह्रास से मनुष्य पशु संपर्क बढ़ता है जिससे नई बीमारियों का खतरा
वन हेल्थ नजरिया मानव पशु पौधे स्वास्थ्य और पर्यावरण को जोड़कर महामारी रोकथाम को मजबूत बनाता है समन्वित और टिकाऊ
अंतरराष्ट्रीय सहयोग समावेशी नीतियां और महिलाओं की भागीदारी महामारी प्रबंधन और आपात प्रतिक्रिया को प्रभावी बनाती हैं
हर साल 27 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस पहली बार 2020 में मनाया गया, जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के गंभीर प्रभावों से जूझ रही थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना, जानकारी और वैज्ञानिक ज्ञान का आदान-प्रदान करना, तथा भविष्य में आने वाली महामारियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तैयारी को मजबूत करना है।
कोविड-19 महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि संक्रामक रोग केवल स्वास्थ्य संकट नहीं होते, बल्कि वे समाज, अर्थव्यवस्था और विकास को भी गहरे स्तर पर प्रभावित करते हैं। इस महामारी ने लाखों लोगों की जान ली, स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव डाला, रोजगार और शिक्षा को बाधित किया और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को नुकसान पहुंचाया। इसका सबसे अधिक प्रभाव गरीब देशों, महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों पर पड़ा।
महामारी और पर्यावरण का संबंध
महामारियों को रोकने और उनसे बचाव के लिए पर्यावरण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज दुनिया में बढ़ती बीमारियों के पीछे कई बार पर्यावरणीय कारण होते हैं। जंगलों के काटे जाने, जैव विविधता का नुकसान, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अनियोजित शहरीकरण के कारण मनुष्य और जंगली जानवरों के बीच संपर्क बढ़ रहा है। इससे पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों (जूनोटिक रोगों) का खतरा बढ़ जाता है।
जब जंगल नष्ट होते हैं और प्राकृतिक आवास खत्म होते हैं, तो जंगली जानवर इंसानी बस्तियों के करीब आने लगते हैं। इससे नए वायरस और बैक्टीरिया इंसानों तक पहुंच सकते हैं। कोविड-19 जैसी कई महामारियों ने यह दिखाया है कि पर्यावरण की अनदेखी भविष्य में और भी गंभीर संकट पैदा कर सकती है।
“वन हेल्थ” नजरिया
भविष्य की महामारियों से बचाव के लिए “वन हेल्थ” नजरिए को अपनाना बहुत जरूरी है। इसका मतलब है कि मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, पौधों का स्वास्थ्य और पर्यावरण सभी को एक साथ जोड़कर देखा जाए। यदि हम केवल अस्पतालों और दवाओं पर ध्यान देंगे, लेकिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते रहेंगे, तो महामारियों को रोकना संभव नहीं होगा।
वन हेल्थ नजरिया हमें बीमारी के स्रोत तक पहुंचने, जोखिम को पहले ही पहचानने और समय पर कदम उठाने में मदद करता है। इससे स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होती हैं और आपात स्थितियों में आवश्यक सेवाओं को जारी रखा जा सकता है।
मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की आवश्यकता
महामारी से निपटने के लिए मजबूत और लचीली स्वास्थ्य प्रणालियां होना बेहद आवश्यक है। ऐसी प्रणालियां जो हर व्यक्ति तक पहुंच सकें, खासकर उन लोगों तक जो कमजोर स्थिति में हैं। महामारी के समय कई देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई, जिससे यह साफ हो गया कि तैयारी में कमी थी।
इसलिए जागरूकता बढ़ाना, शिक्षा देना, वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देना और बेहतर योजना बनाना बहुत जरूरी है। यदि समय रहते तैयारी की जाए, तो किसी भी नई महामारी का प्रभाव कम किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त प्रयास
महामारियां किसी एक देश तक सीमित नहीं रहतीं। इसलिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षीय प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र और विशेष रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भूमिका अहम है। ये संस्थाएं देशों को जानकारी, तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे अपने नागरिकों की सुरक्षा करें, लेकिन इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है। खासकर महिलाओं, जो दुनिया भर में स्वास्थ्य कर्मियों का बड़ा हिस्सा हैं, उनकी भूमिका को पहचानना और समर्थन देना आवश्यक है।
समावेशी और समान भागीदारी
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने यह संकल्प लिया है कि महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया में समावेशी, समान और भेदभाव रहित भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विशेष ध्यान उन लोगों पर दिया जाएगा जो संक्रमण के सबसे अधिक जोखिम में हैं।
महामारी तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भविष्य की महामारियों से बचाव केवल दवाओं और अस्पतालों से संभव नहीं है। पर्यावरण की रक्षा, वैश्विक सहयोग, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां और वन हेल्थ नजरिया ये सभी मिलकर ही हमें सुरक्षित भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। यदि हम आज सही कदम उठाएं, तो आने वाली पीढ़ियों को बड़े स्वास्थ्य संकटों से बचाया जा सकता है।