आज की दुनिया में संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदाओं के कारण 30 करोड़ से अधिक लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं। ऐसे हालात में केवल भोजन, पानी और आश्रय ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक सहयोग भी उतना ही जरूरी है।
किसी युद्ध, बाढ़ या भूकंप जैसी आपदा के बाद लोग गहरे तनाव, चिंता, अवसाद और आघात का सामना करते हैं। समय पर सही सहयोग न मिलने पर यह समस्या और गहरी हो जाती है।
📘 डब्ल्यूएचओ की पहल: न्यूनतम सेवा पैकेज
इस बढ़ती जरूरत को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर एक अहम कदम उठाया है। जिसके तहत एक मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक सहयोग न्यूनतम सेवा पैकेज (एमएसपी) तैयार किया।
यह पैकेज मानवीय संकटों में तुरंत उठाए जाने वाले जरूरी कदमों और सेवाओं की सूची प्रदान करता है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्य तेजी से और सही दिशा में किया जा सके। न्यूनतम सेवा पैकेज विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं को यह समझने में मदद करता है कि किस तरह की मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं किस परिस्थिति में दी जानी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि आपदा के समय तुरंत निर्णय और वित्तीय संसाधनों का आवंटन जरूरी होता है। न्यूनतम सेवा पैकेज यह बताता है कि पहले मुख्य काम कौन-से होने चाहिए ताकि सहायता सीधे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।
न्यूनतम सेवा पैकेज (एमएसपी) केवल सैद्धांतिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि इसमें व्यवहारिक मार्गदर्शन और उपकरण दिए गए हैं जिन्हें फील्ड स्तर पर आजमाया जा चुका है। इसमें सात प्रमुख संसाधन शामिल हैं:
1. न्यूनतम सेवा पैकेज (एमएसपी) : यह आसान मार्गदर्शिका है जिसमें आपदा के समय तुरंत लागू करने योग्य मानसिक स्वास्थ्य गतिविधियों का विवरण है। इसमें वैश्विक सर्वोत्तम मानक और उपकरण शामिल हैं।
2. कार्यशाला पैकेज : प्रशिक्षण सामग्री, प्रस्तुति और अभ्यास शामिल हैं। इसका उद्देश्य कार्यकर्ताओं की क्षमता और जागरूकता बढ़ाना है।
3. क्षेत्र-विशेष त्वरित मार्गदर्शिका: अलग-अलग मानवीय क्षेत्रों (स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा आदि) के लिए विशेष दिशानिर्देश। इससे सभी क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल हो पाता है।
4. निगरानी और मूल्यांकन संकेतक बैंक : इसमें ऐसे मानक संकेतक दिए गए हैं जिनसे यह पता चलता है कि सेवाएं कितनी प्रभावी और व्यापक हैं। यह योजना बनाने और प्रस्ताव तैयार करने में मदद करता है।
5. बहु-क्षेत्रीय मूल्यांकन टूलकिट : जरूरतों की पहचान, सर्वेक्षण और परिस्थितियों का विश्लेषण करने के उपकरण। इससे आपदा प्रतिक्रिया अधिक तथ्य-आधारित होती है।
6. आकलन रिपोर्ट संग्रह : यह एक वैश्विक डेटाबेस है जिसमें पहले से किए गए मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण और रिपोर्ट उपलब्ध हैं। इससे नए कार्यक्रमों की योजना और जानकारी साझा करने में मदद मिलती है।
7. प्रशिक्षण डाटाबेस : एक वैश्विक सूची, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण अवसरों की जानकारी शामिल है। इसमें भाषा, समयावधि और पद्धति के आधार पर प्रशिक्षण खोजा जा सकता है।
📘 न्यूनतम सेवा पैकेज (एमएसपी) क्यों जरूरी है?
समय की बचत: आपातकाल में तुरंत निर्णय लेना आसान बनाता है।
सहयोग और समन्वय: स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ता है।
गुणवत्ता सुनिश्चित करना: सेवाओं को मापने और सुधारने का तरीका देता है।
दुनिया तक पहुंच: उपकरण, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन हर किसी के लिए उपलब्ध करता है।
आपदा या संकट की घड़ी में केवल शारीरिक सहायता ही पर्याप्त नहीं होती। प्रभावित लोगों को मानसिक सहारा और मनो-सामाजिक सहयोग देना उतना ही आवश्यक है। न्यूनतम सेवा पैकेज (एमएसपी) की पहल से अब दुनिया भर में आपदा के समय मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं अधिक तेज, प्रभावी और संगठित रूप से पहुंचाई जा सकती हैं।
यह पैकेज न केवल आपदा-पीड़ितों को राहत देता है, बल्कि उनके जीवन को दोबारा सामान्य बनाने में भी सहायक साबित होता है।