जापान में इन्फ्लूएंजा को राष्ट्रीय महामारी घोषित: औसत मामले 2.0 प्रति अस्पताल, जो तय सीमा 1.0 से ऊपर।
135 से अधिक स्कूल और चाइल्ड केयर सेंटर बंद : खासकर टोक्यो, ओकिनावा और कागोशिमा में।
ओकिनावा सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र: औसतन 12.18 मामले प्रति संस्था।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वैक्सीनेशन की अपील: बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को प्राथमिकता देने की सलाह।
विदेशी पर्यटकों के लिए भी चेतावनी : साफ-सफाई, हैंड वॉश और मास्क का पालन करने की सिफारिश।
जापान में एक बार फिर इन्फ्लूएंजा (फ्लू) ने तेजी से पैर पसार लिए हैं। जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर की शुरुआत में इन्फ्लूएंजा को महामारी घोषित किया है। यह फैसला तब लिया गया जब देश भर के करीब 3,000 चिन्हित अस्पतालों से औसतन दो मरीज प्रति संस्था (6,000) की रिपोर्ट सामने आई, जबकि महामारी घोषित करने की सीमा 1.00 होती है।
कहां-कहां है सबसे ज्यादा असर?
पूरे जापान में फैल रहे इस संक्रमण का असर 47 में से 28 प्रान्तों में देखा जा रहा है, लेकिन ओकिनावा, टोक्यो और कागोशिमा जैसे इलाकों में हालात सबसे गंभीर हैं। ओकिनावा में हर अस्पताल में औसतन 12.18 मरीज दर्ज किए गए हैं, जो देश में सबसे ज्यादा है। टोक्यो और कागोशिमा में भी इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।
स्कूलों में भी असर, कई बंद
इस बार इन्फ्लूएंजा का असर सिर्फ अस्पतालों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका सीधा असर स्कूलों और बच्चों की देखभाल केंद्रों पर भी पड़ा है। 135 से अधिक स्कूल, किंडरगार्टन और चाइल्ड केयर सेंटर को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है।
यह संख्या पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक है। यामागाता प्रान्त के एक प्राथमिक विद्यालय में, 36 में से 22 बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण पाए जाने के बाद स्कूल को तत्काल बंद कर दिया गया।
महामारी के पीछे क्या कारण हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार इन्फ्लूएंजा का इतना जल्दी और तेजी से फैलना कई कारणों का परिणाम है।
सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है कोविड-19 महामारी के बाद पर्यटन का दोबारा शुरू होना, जिससे देश के अंदर और बाहर से लोगों की आवाजाही बहुत अधिक बढ़ गई है। इस बढ़ी हुई आवाजाही के चलते वायरस भी तेजी से एक जगह से दूसरी जगह फैल रहा है।
क्या करें – क्या न करें?
टोक्यो विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, अगर आप स्वस्थ हैं, तो फ्लू जानलेवा नहीं होगा, लेकिन यह काफी असहज कर सकता है। खासकर बच्चे, बुजुर्ग, और पहले से बीमार लोग जरूर वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कुछ सामान्य लेकिन जरूरी सावधानियों की सलाह भी दी है -
समय पर फ्लू वैक्सीन लगवाएं
नियमित रूप से हाथ धोएं
भीड़ भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें
घर और कार्यस्थल को हवादार रखें
जरूरत पड़ने पर मास्क पहनें
क्या विदेशी पर्यटकों को चिंता करनी चाहिए?
जापान में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं। इस साल भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। ट्रैवल मार्केटिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि जापान में फैल रहा फ्लू का स्ट्रेन वही है जो अन्य देशों में है या नहीं। इसलिए जापान आने से पहले ली गई वैक्सीन कितनी प्रभावी होगी, यह कहना मुश्किल है।
हालांकि उन्होंने यात्रा करते समय सावधानी बरतने, नियमित हाथ धोते रहने, अच्छे वेंटिलेशन वाले स्थानों पर रहने तथा अगर अस्वस्थ महसूस करें, तो सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें की सलाह दी है।
जापान में इन्फ्लूएंजा की यह महामारी समय से पहले और तेजी से फैली है। स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन यदि सावधानी न बरती गई तो यह और गंभीर रूप ले सकती है। सरकार, स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों की सलाह है कि सभी लोग, खासकर कमजोर वर्ग, समय पर वैक्सीन लगवाएं और बुनियादी स्वच्छता नियमों का पालन करें।
इन्फ्लूएंजा को लेकर क्या कहता है डब्ल्यूएचओ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तीव्र सांस संबंधी संक्रमण है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है और दुनिया के सभी हिस्सों में फैलता है। ज्यादातर लोग बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के एक हफ्ते के भीतर बुखार और अन्य लक्षणों से ठीक हो जाते हैं।
हालांकि इन्फ्लूएंजा गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण बन सकता है, खासकर भारी खतरे वाले समूहों में, जिनमें बहुत छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और गंभीर चिकित्सा स्थितियों वाले लोग शामिल हैं।