एफएसएसएआई ने पहले ही यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए हैं कि कैंसर पैदा करने वाला इस्तेमाल किया हुआ कुकिंग ऑयल खाद्य श्रृंखला में दोबारा इस्तेमाल न नहीं किया जा सकता है।  
स्वास्थ्य

संसद में सरकार ने कहा, युवा दंपतियों में बांझपन 16 फीसदी, लेकिन महिलाओं व बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का पता नहीं

30 जून 2024 तक देश भर में डेंगू के कुल 32,091 मामले सामने आए हैं, जबकि 2023 की इसी अवधि के दौरान देश में डेंगू के कुल 18,391 मामले सामने आए थे।

Madhumita Paul, Dayanidhi

भारत में युवा पीढ़ी में बांझपन

दो अगस्त को सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि देश में दंपतियों में बांझपन की घटना लगभग 14 से 16 फीसदी है। इसके लिए जिम्मेदार कारणों में देरी से विवाह, बढ़ती उम्र, मोटापा, थायरॉयड रोग, मधुमेह, धूम्रपान, शराब का सेवन, प्रदूषण और रासायनिक खतरे आदि शामिल हैं।

महिलाओं और बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में ऑडिट नहीं किया है। इसके अलावा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से मिली जानकारी में बताया गया है कि उन्होंने भी महिलाओं और बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में ऑडिट नहीं किया है।

हालांकि दिसंबर 2023 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को प्रस्तुत तीसरे राष्ट्रीय संचार (टीएनसी) के अनुसार, महिलाएं, विशेष रूप से निम्न आर्थिक पृष्ठभूमि वाली महिलाएं, जलवायु परिवर्तन के कुछ सबसे गंभीर प्रभावों का सामना करती हैं। दुनिया भर में अब इस बात को स्वीकार किया जाता है कि जलवायु संकट और इसके प्रभाव हर किसी पर पड़ते हैं।

देश में डेंगू के मामलों में लगभग दो गुणा बढ़ोतरी

देश में डेंगू के मामलों को लेकर सदन में उठे एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) के अनुसार, 30 जून 2024 तक देश भर में डेंगू के कुल 32,091 मामले सामने आए हैं, जबकि 2023 की इसी अवधि के दौरान देश में डेंगू के कुल 18,391 मामले सामने आए थे।

भारत में स्वास्थ्य पर खर्च

सदन में आज स्वास्थ्य व्यय को लेकर पूछे गए एक अहम सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 का हवाला देते हुए बताया कि स्वास्थ्य में सार्वजनिक निवेश 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 फीसदी तक पहुंचने की परिकल्पना की गई। नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, पिछले तीन वर्षों यानी 2021-22, 2022-23 (संशोधित अनुमान) और 2023-24 (बजट अनुमान) के लिए सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 फीसदी है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने स्वास्थ्य बजट में आवंटन बढ़ाने के प्रयास किए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन 2017-18 (बजट अनुमान) में 47,353 करोड़ रुपये से 85 फीसदी बढ़कर 2024-25 (बजट अनुमान) में 87,657 करोड़ रुपये हो गया है।

15वें वित्त आयोग ने स्थानीय सरकार के माध्यम से स्वास्थ्य के लिए 70,051 करोड़ रुपये का अनुदान भी प्रदान किया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे स्वास्थ्य क्षेत्र को आवंटन को प्राथमिकता दें तथा अपने स्वास्थ्य बजट में कम से कम आठ फीसदी की वृद्धि करें, ताकि निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचा जा सके।

खाद्य श्रृंखला में कुकिंग ऑयल के दोबारा इस्तेमाल पर प्रतिबंध

आज सदन में उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पहले ही यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए हैं कि कैंसर पैदा करने वाला इस्तेमाल किया हुआ कुकिंग ऑयल खाद्य श्रृंखला में दोबारा इस्तेमाल न करें।

पटेल ने कहा, एफएसएसएआई ने यूसीओ को बायोडीजल या साबुन बनाने में उपयोग करने के लिए रीपर्पस यूज्ड कुकिंग ऑयल (आरयूसीओ) पहल भी शुरू की है। इससे यूसीओ को खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करने से रोकने में मदद मिलती है। एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध) संशोधन विनियम, 2020 के तहत 25 फीसदी से अधिक कुल ध्रुवीय यौगिक विकसित करने वाले वनस्पति तेल या वसा के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है।

देश में हीट स्ट्रोक से मृत्यु

आज सदन में उठाए गए एक और सवाल के जवाब में, राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश साल 2023 से एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल पर हीट स्ट्रोक के मामलों और मौतों के आंकड़ों को दर्ज कर रहे हैं। 01.03.2023 से 25.07.2024 तक देश में हीट स्ट्रोक के कुल 2521 मामले और हीट स्ट्रोक के कारण 102 लोगों की मौतें दर्ज की गई हैं।

राजस्थान में वाटरशेड परियोजनाओं के लिए आवंटन

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने राज्यसभा में बताया कि भूमि संसाधन विभाग ने साल 2009-10 से 2014-15 के दौरान 28 राज्यों (गोवा को छोड़कर) में 8214 वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह लगभग 39.07 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती हैं, जिनमंं राजस्थान में 5.764 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने वाली 1025 परियोजनाएं शामिल हैं, जो मुख्य रूप से वर्षा सिंचित और अवक्रमित क्षेत्रों के विकास के लिए एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) के तहत आते हैं।