पहली बार डब्ल्यूएचओ द्वारा आधिकारिक रूप से 17 नवंबर को विश्व नवजात शिशु समयपूर्व जन्म दिवस मनाया गया।
कांगारू मदर केयर (केएमसी) जन्म के तुरंत बाद समयपूर्व और कम वजन वाले बच्चों के जीवन रक्षक उपाय के रूप में अपनाई जाती है।
मां के अलावा पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी केएमसी प्रदान कर सकते हैं, जिससे बच्चे को निरंतर देखभाल और भावनात्मक समर्थन मिलता है।
2025 की थीम: ‘समयपूर्व जन्मे बच्चों को एक मजबूत शुरुआत दें, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो’ - नन्हें बच्चों को मजबूत शुरुआत देने पर जोर।
समयपूर्व जन्मे बच्चों के लिए विशेष देखभाल, प्रशिक्षित स्टाफ, आवश्यक दवाइयां और सुरक्षित वातावरण अनिवार्य हैं।
हर साल दुनियाभर में लगभग 1.5 करोड़ बच्चे समय से पहले यानी गर्भावस्था के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले जन्म लेते हैं। ऐसे बच्चों को जीवित रहने और स्वस्थ रहने के लिए सामान्य शिशुओं की तुलना में अधिक देखभाल और चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है।
इस चुनौती को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार 17 नवंबर को आधिकारिक रूप से विश्व नवजात शिशु समयपूर्व जन्म दिवस के रूप में मान्यता दी है। इसका उद्देश्य समयपूर्व जन्म से जुड़े खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इन बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना है।
कांगारू मदर केयर: जीवन रक्षक उपाय
इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ ने कांगारू मदर केयर (केएमसी) के लिए एक नया वैश्विक दिशानिर्देश जारी किया है। यह एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जो समयपूर्व या कम वजन वाले बच्चों के जीवन बचाने में बेहद कारगर साबित हुआ है। केएमसी में मां या देखभाल करने वाला व्यक्ति शिशु को सीने से लगाकर त्वचा से त्वचा का संपर्क बनाए रखता है, जिससे बच्चे को गर्माहट, सुरक्षा और बेहतर सांस लेने में मदद मिलती है।
डब्ल्यूएचओ के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर समयपूर्व या कम वजन वाले शिशु को जन्म के तुरंत बाद केएमसी शुरू कराना चाहिए। इसे केवल उन मामलों में कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, जब बच्चा स्वयं सांस नहीं ले पा रहा हो या उसका रक्तचाप अत्यंत कम हो। केएमसी के फायदे अनेक हैं - यह शिशु का तापमान नियंत्रित रखता है, मां के दूध का उत्पादन बढ़ाता है, संक्रमण के खतरे को कम करता है और शिशु के विकास में तेजी लाता है।
परिवार की अहम भूमिका
हालांकि केएमसी आमतौर पर मां द्वारा ही कराया जाता है, लेकिन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यदि किसी कारणवश मां ऐसा नहीं कर पाती, तो पिता या परिवार का कोई अन्य सदस्य भी यह जिम्मेदारी निभा सकता है। इससे न केवल बच्चे को लगातार देखभाल मिलती है, बल्कि परिवार भी भावनात्मक रूप से अधिक जुड़ाव महसूस करता है।
यह पद्धति किसी भी स्वास्थ्य सुविधा में अपनाई जा सकती है,चाहे वह लेबर रूम हो, ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट-नेटल वार्ड या विशेष नवजात देखभाल इकाई। बच्चे की स्थिति स्थिर होने के बाद घर पर भी केएमसी जारी रखी जा सकती है। दिशानिर्देशों में यह भी बताया गया है कि सादे कपड़े, इलास्टिक बेल्ट या विशेष डिजाइन किए गए केएमसी कपड़ों का उपयोग करके बच्चे को सुरक्षित तरीके से सीने से बांधा जा सकता है।
2025 की थीम: ‘नन्हे कदम, मजबूत शुरुआत’
विश्व नवजात शिशु समयपूर्व जन्म दिवस 2025 की थीम " समयपूर्व जन्मे बच्चों को एक मजबूत शुरुआत दें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो।” है
यह थीम हमें याद दिलाती है कि छोटे-छोटे कदम, जैसे - शुरुआती त्वचा से त्वचा का संपर्क, मां के दूध की शुरुआत और संक्रमण का समय पर इलाज, समयपूर्व जन्मे बच्चों के लिए जीवनभर का आधार बन सकते हैं।
छोटे और बीमार नवजातों के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता
डब्ल्यूएचओ ने इस दिन सरकारों, स्वास्थ्य संस्थानों और नीतिगत साझेदारों से आग्रह किया है कि समयपूर्व और कम वजन वाले बच्चों की देखभाल को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए जरूरी है कि अस्पतालों में विशेष नवजात वार्ड, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ, आवश्यक दवाएं और आधुनिक उपकरण उपलब्ध हों।
समय से पहले जन्म लेने के कारण बच्चों के कई अंग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते। इससे उन्हें सांस लेने, तापमान नियंत्रित करने, संक्रमण से लड़ने और दिल की धड़कन को नियंत्रित रखने में कठिनाई होती है। ऐसे बच्चे संक्रमण, निमोनिया, हाइपोथर्मिया, सांस संबंधी बीमारियों और अन्य जटिलताओं का ज्यादा शिकार होते हैं। इसलिए उनकी नियमित निगरानी और समय पर उपचार बेहद जरूरी है।
विश्व नवजात शिशु समयपूर्व जन्म दिवस केवल एक जागरूकता दिवस नहीं, बल्कि एक वैश्विक आह्वान है। यह हमें याद दिलाता है कि हर बच्चा, चाहे वह समय से पहले पैदा हुआ हो या कम वजन का हो, जीवन, स्वास्थ्य और प्यार का अधिकार रखता है। कांगारू मदर केयर जैसे सरल और सस्ते उपाय इन नन्हें जीवनों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सभी सरकार, स्वास्थ्य संस्थाएं, परिवार और समाज यदि मिलकर इन बच्चों के लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण तैयार करें, तो हर समयपूर्व जन्मा बच्चा जीवन की दौड़ में मजबूती से कदम बढ़ा सकता है।