शोध के मुताबिक, ब्राजील में मूल निवासी सबसे वंचित समूह हैं, जिनमें से 33 फीसदी गरीबी रेखा से नीचे यहां रहते हैं।  फोटो साभार: आईस्टॉक
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भूमि संरक्षण के चलते अमेजन में जंगलों को काटे जाने में 83 फीसदी की आई कमी : शोध

Dayanidhi

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए एक नए विश्लेषण से पता चलता है कि ब्राजीलियन लीगल अमेजन (बीएलए) जो दुनिया का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन वाला इलाका और जैव विविधता हॉटस्पॉट है। यहां अलग-अलग तरीकों से भूमि संरक्षण के चलते 2000 से 2010 के बीच जंगलों को काटे जाने में 83 फीसदी तक की कमी आई है।

ऐसे प्रभावशाली परिणाम जरूरी लक्ष्यों को हासिल करने में भूमि संरक्षण नीतियों की अहम भूमिका को सामने लाते हैं। साल 2030 तक धरती की सतह के 30 फीसदी हिस्से की रक्षा करना संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता का भी लक्ष्य है।

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करते हुए अमेजन में जैव विविधता के नुकसान को कम करना ब्राजील और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रमुख प्राथमिकता के रूप में मान्यता हासिल की है, लेकिन आने वाले सालों में अधिक महत्वाकांक्षी समाधानों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि हाल ही में ब्राजील के अमेजन में जंगलों को काटे जाने की दर में गिरावट आई है, फिर भी इस क्षेत्र में 2023 में 5,000 वर्ग किलोमीटर वर्षावन गायब हो गए है, जो कि ग्रेटर लंदन के आकार के तीन गुणा के बराबर है।

नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित शोध में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अमेजन में रहने वाले स्वदेशी समुदायों के लिए भूमि संरक्षण के साथ छिपी हुई सामाजिक-आर्थिक समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।

अध्ययन से पता चला है कि स्वदेशी क्षेत्रों में आय अन्य भूमि उपयोगों की तुलना में 36 फीसदी तक कम है, जो वन संरक्षण परियोजनाओं की स्थापना और विस्तार करते समय निर्णयकर्ताओं को किस तरह के समझौतों पर विचार करना चाहिए, इस पर प्रकाश डालता है।

ब्रिटेन, ब्राजील, स्वीडन और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने इस तरह के समझौतों को सामने लाने के लिए तीन प्रकार की संरक्षण व्यवस्थाओं पर गौर किया - स्वदेशी क्षेत्र (आईटी) जो स्वदेशी लोगों को उनकी पैतृक भूमि और संसाधन लौटाते हैं, सख्त संरक्षित क्षेत्र (एसपीए) जो हल्के मानवीय व्यवधान को छोड़कर हर चीज से सुरक्षित होते हैं और सतत उपयोग संरक्षित क्षेत्र (एसयूपीए) जो प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की अनुमति देते हैं जबकि क्षेत्र को बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन से बचाते हैं।

शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा कि कृषि और खनन के लिए उपयोग किए जाने वाले संरक्षित और असुरक्षित क्षेत्रों में पर्यावरणीय और सामाजिक-आर्थिक परिणामों की तुलना करके, विश्लेषण लोगों और पर्यावरण दोनों पर नीतिगत प्रभावों की अधिक जानकारी को उजागर करते हैं।

शोध के मुताबिक, ब्राजील में मूल निवासी सबसे वंचित समूह हैं, जिनमें से 33 फीसदी गरीबी रेखा से नीचे यहां रहते हैं। जैसा कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन पर आधारित एक शोध में जोर दिया है, हमें सामाजिक सुरक्षा या वैकल्पिक सहायता कार्यक्रमों की कमी के कारण मूल निवासियों को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए।

भूमि से संबंधित अधिकारों को सुरक्षित करने के प्रयासों के साथ-साथ अतिरिक्त पहल भी की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये समुदाय सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित न हों, जैसे कि मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और अन्य प्रकार के समर्थन तक पहुंच की बाधाओं को दूर करना है।

शोधकर्ता ने शोध में कहा, हमारा शोध दर्शाता है कि मूल निवासियों के लिए भूमि और संसाधनों पर अधिकार जरूरी हैं, लेकिन संरक्षण और विकास के बीच पुल बनाने के लिए ये संभवतः काफी नहीं हैं।

इस समस्या को सामने लाने से, हम आशा करते हैं कि इससे इस बारे में वर्तमान समझ में सुधार आएगा कि किस प्रकार विभिन्न भूमि उपयोग प्रबंधन निर्णयों के अनुसार संरक्षण और विकास एक दूसरे के विरुद्ध हैं, जिसमें संरक्षित क्षेत्रों के अलग-अलग रूप भी शामिल हैं।

हाल ही में हुए अध्ययनों में दावा किया गया है कि आईटी जंगलों को काटे जाने और अन्य पारिस्थितिक रूप से विनाशकारी प्रथाओं को रोका जा सकता है। हालांकि विभिन्न भूमि उपयोग विकल्पों के फायदों और कमियों का सही तरीके से मूल्यांकन करने से नीति निर्माताओं को संरक्षण और विकास दोनों लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में बढ़ोतरी करने में मदद मिल सकती है।

शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा कि हम जैव विविधता की रक्षा के लिए स्वदेशी क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डालते हैं, जो ब्राजील के सर्वोच्च न्यायालय में चल रही बहस को देखते हुए समयानुकूल है, जो न केवल अमेजन में, बल्कि पूरे देश में भूमि के लिए स्वदेशी लोगों के दावे को सीमित कर सकता है।

शोधकर्ता ने आगे कहा कि संरक्षित क्षेत्र और स्वदेशी क्षेत्र अमेजन के जंगलों के काटे जाने को कम करने में अत्यधिक प्रभावी हैं। जंगलों को बड़े कृषि-व्यवसाय और खनन के लिए खोलने की तुलना में जंगलों की रक्षा करना स्थानीय लोगों की आजीविका और कल्याण के लिए अधिक सहायक है, साथ ही जलवायु और जैव विविधता संबंधी आपात स्थितियों का समाधान भी करता है।