अधिकांश देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढांचे में बदलाव पर निर्भर हैं। हालांकि पर्यावरण शोधकर्ताओं के बेन-गुरियन विश्वविद्यालय के एक नए मॉडल से पता चलता है कि यह पर्याप्त नहीं होगा और इसके पीछे के और अधिक कारणों पर विचार किया जाना चाहिए।
शोध के अनुसार, दुनिया भर में बढ़ती आबादी और उनकी बढ़ती खपत से इशारा मिलता है कि तकनीकी और बुनियादी ढांचे में बदलाव नाकाफी हैं।
तकनीकी और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश के बावजूद, जनसंख्या में वृद्धि और साथ ही बढ़ती व्यक्तिगत खपत हो सकता है कटौती की भरपाई न कर पाएं, जिससे देश अपने 2050 के लक्ष्यों को पूरा करने से चूक जाएंगे। दुनिया भर 2050 तक जनसंख्या में 20 फीसदी तक की वृद्धि होने की उम्मीद जताई गई है।
इजराइल एक विशेष रूप से दिलचस्प केस स्टडी है क्योंकि देश में जनसंख्या में बहुत अधिक वृद्धि नहीं होती है। हालांकि यह मॉडल सभी देशों पर लागू होता है।
मॉडल ने जनसंख्या वृद्धि, इजराइल में व्यक्तिगत उपभोग की आदतों में बदलाव और बिजली, यातायात, पानी, भोजन और निर्माण जैसे क्षेत्रों से संबंधित उत्सर्जन को कम करने के लिए तकनीकी विकास के कार्यान्वयन के अपेक्षित प्रभावों की जांच-पड़ताल की।
शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि तकनीकी और बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश के बावजूद, स्वीकृत कदमों से प्रति व्यक्ति उत्सर्जन में 65 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है, लेकिन निरंतर जनसंख्या वृद्धि के कारण, इजराइल का कार्बन पदचिह्न केवल 33 फीसदी कम होगा जबकि पानी और भूमि उपयोग में वृद्धि होगी।
शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि तकनीक और बुनियादी ढांचे में बहुत अधिक उपलब्धियों के बावजूद, अपेक्षित जनसंख्या वृद्धि और व्यक्तिगत खपत में वृद्धि उत्सर्जन में कमी को बेअसर कर सकती है।
मॉडल दिखाता है कि नवीकरणीय स्रोतों से 100 फीसदी बिजली उत्पादन हासिल करना एक जरूरी कदम है, लेकिन खाद्य उत्पादन जैसी अन्य क्षेत्रों को भी तुरंत हल किया जाना चाहिए।
इसके अलावा मॉडल से पता चलता है कि जनसांख्यिकीय प्रक्रियाएं इस युग में विदेशों से खाद्य आयात पर इजराइल की निर्भरता को बढ़ाएंगी जब अधिकांश भोजन पहले से ही बाहरी स्रोतों से आता है और दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा के बावजूद, जो अन्य चीजों के अलावा जलवायु संकट के कारण बढ़ रही है।
ये परिणाम नए तरीके से खेती करने की जरूरत पर जोर देते हैं जो उत्सर्जन को कम करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेंगे, ऐसे लक्ष्य जिन्हें इजराइल ने अतीत में हासिल किया है। यह शोध नेचर सस्टेनेबिलिटी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।