देशभर में 15 फीसदी अधिक बारिश: सितंबर में औसत 193.6 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य से काफी अधिक रही।
पूर्वोत्तर भारत में सूखा: पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से 30 फीसदी कम, 1901 के बाद छठा सबसे कम।
भारी बारिश और आपदाएं: बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से 170 से अधिक मौतें, सबसे अधिक उत्तराखंड और हिमाचल में।
रिकॉर्ड तापमान: औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद पांचवां सबसे अधिक, पूर्वोत्तर भारत में तीसरा सबसे गर्म सितंबर।
मानसून की जल्दी वापसी: दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी सामान्य तिथि 17 सितंबर से तीन दिन पहले, यानी 14 सितंबर से शुरू हुई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी मासिक जलवायु रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में देशभर में औसतन 193.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो दीर्घकालीन औसत (एलपीए) के 167.9 मिमी से लगभग 15 फीसदी अधिक रही। यह आंकड़ा साल 2001 के बाद सातवां सबसे अधिक और 1901 से अब तक 37वां सबसे ज्यादा है।
क्षेत्रवार बारिश की स्थिति
उत्तर-पश्चिम भारत में 134.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 30.7 फीसदी अधिक थी।
मध्य भारत में 255.3 मिमी वर्षा हुई, यह सामान्य से 43.7 फीसदी अधिक और 2001 के बाद पांचवां सबसे अधिक आंकड़ा है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में 179.0 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 11.8 फीसदी अधिक रही।
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में केवल 195.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, यह सामान्य से 30.7 फीसदी कम, यानी अत्यधिक कमी रही। यह क्षेत्र के लिए 1901 के बाद छठा सबसे कम बारिश वाला सितंबर रहा।
कुल मिलाकर, देश के 11 उप-विभागों में बहुत अधिक बारिश, आठ में अधिक, 10 में सामान्य और सात में कम बारिश रिकॉर्ड की गई।
मानसून की वापसी सामान्य समय से पहले
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 14 सितंबर 2025 को पश्चिमी राजस्थान और कच्छ से शुरू हुई, जबकि सामान्यत: इसकी शुरुआत 17 सितंबर को होती है। बारिश में कमी और निचले वायुमंडल में एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने के कारण यह वापसी पहले शुरू हो गई।
भारी बारिश और बाढ़ की घटनाएं
सितंबर 2025 में कई राज्यों में भीषण बारिश और बाढ़ की घटनाएं हुई। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 1770 भारी बारिश की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से
40 अत्यधिक भीषण बारिश (204.4 मिमी से अधिक)
453 भारी से बहुत भारी बारिश (115.6 से 204.4 मिमी)
1277 भारी बारिश (64.5 से 115.5 मिमी) रहीं।
सितंबर में हुई मुख्य घटनाएं
तेलंगाना (11 से 15 सितंबर) के दौरान लगातार भयंकर बारिश के कारण स्थानीय बाढ़ और जलभराव हुआ।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश (13 से 18 सितंबर) के बीच भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई। सड़कों को नुकसान और कई जिलों में जनहानि हुई।
देहरादून (15 और 16 सितंबर) में सहस्त्रधारा-टपकेश्वर क्षेत्र में बादल फटने से 13 लोगों की मौत और 16 लोग लापता हुए।
कोलकाता (23 सितंबर) में 24 घंटे में 251.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसमें मात्र एक घंटे में 98 मिमी बारिश हुई।
कई स्थानों पर 24 घंटे में रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई, जैसे बिलासपुर (104.6 मिमी), मेडाक (196 मिमी), सोलन (187 मिमी) और तिरुपत्तूर (167.2 मिमी) में पुराने रिकॉर्ड टूटे।
मुख्य मौसमी प्रणालियां
सितंबर में चार कम दाब प्रणालियां (लो प्रेशर एरिया) बनीं।
जिनमें से एक गहरा अवदाब (डीप डिप्रेशन) 6 से 11 सितंबर के बीच बना।
एक दबाव 26 और 27 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बना।
दो अन्य कम दाब क्षेत्र 12 से 15 और 22 से 24 सितंबर को बने।
इसके अलावा तीन पश्चिमी विक्षोभ 5 से 8, 11 से 13 और 19 से 22 सितंबर के बीच देश के मौसम को प्रभावित करते रहे।
कैसा रहा तापमान?
सितंबर 2025 में देश भर का औसत अधिकतम तापमान 31.58 डिग्री सेल्सियस, औसत न्यूनतम 23.44 डिग्री सेल्सियस और औसत माध्य 27.51 डिग्री सेल्सियस रहा। यह क्रमशः सामान्य से 0.15 डिग्री, 0.63 डिग्री, और 0.39 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। देशभर में औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद पांचवां सबसे अधिक और माध्य तापमान सातवां सबसे अधिक रहा।
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत
यहां औसत अधिकतम तापमान 32.31 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 24.52 डिग्री सेल्सियस और माध्य 28.42 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद तीसरा सबसे गर्म सितंबर रहा।
कई स्थानों पर नए तापमान रिकॉर्ड बने
सिलचर (39.6 डिग्री सेल्सियस), कोरापुट (37.4 डिग्री सेल्सियस) और कन्याकुमारी (36 डिग्री सेल्सियस) मंं अब तक के सबसे अधिक तापमान दर्ज हुए। वहीं बीड़ (14.7 डिग्री सेल्सियस), दुर्ग (18.6 डिग्री सेल्सियस) जैसे स्थानों पर सबसे कम तापमान दर्ज हुआ।
प्रमुख मौसम संबंधी आपदाएं और नुकसान
सितंबर 2025 में देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से 170 से अधिक लोगों की मौत और 45 से ज्यादा घायल हुए। ये मौतें, मुख्य रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई। बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत (महाराष्ट्र और राजस्थान में) रिकॉर्ड की गई।
कई राज्यों में कृषि फसलों, संपत्तियों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ। असम और मेघालय, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के कई जिलों में भारी जानमाल का नुकसान दर्ज किया गया।
सितंबर 2025 का महीना औसत से अधिक बारिश, रिकॉर्ड तापमान और भारी मौसम आपदाओं वाला रहा। जहां एक ओर मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून बेहद सक्रिय रहा, वहीं पूर्वोत्तर भारत में बारिश की भारी कमी देखी गई।
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के बीच, यह महीना एक बार फिर यह दर्शाता है कि भारत में चरम मौसम घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इनके प्रभावों से निपटने के लिए पूर्व चेतावनी, जल प्रबंधन और आपदा तैयारी प्रणाली को और सशक्त करने की आवश्यकता है।