एक नए अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में खासकर उत्तरी अमेरिका और उप-सहारा अफ्रीका में लोगों को कम कार्बन वाली जीवनशैली अपनाने से जलवायु में बदलाव को कम किया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि धरती को गर्म करने वाले कार्बन डाइऑक्साइड का दुनिया भर में घरेलू उत्सर्जन में दो से पांचवें हिस्से तक की कटौती करने में मदद मिल सकती है।
शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने 21 कार्बन को कम करने वाली कार्रवाइयों की पहचान की है, जिन्हें यदि दुनिया भर के उत्सर्जकों के शीर्ष 23.7 फीसदी द्वारा अपनाया जाता है, तो वैश्विक कार्बन पदचिह्नों को 10.4 गीगाटन सीओ2 के बराबर तक कम किया जा सकता है। शोध में 116 देशों में घरेलू उपभोग पर आधारित उत्सर्जन का लगभग 40.1 फीसदी का विश्लेषण किया गया।
कार्बन के स्तर को कम करने के लिए घर जो कदम उठा सकते हैं, उनमें व्यावसायिक सेवाओं के उपयोग में कमी लाने से कार्बन उत्सर्जन में लगभग 10.9 फीसदी की कमी आएगी। स्वस्थ शाकाहारी आहार की ओर बढ़ना, पशु-आधारित भोजन, चीनी और अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की खपत में कमी लाने से उत्सर्जन में 8.3 फीसदी की कमी आ सकती है।
ऊर्जा-कुशल भवन मानकों को लागू करना जिनसे उत्सर्जन में छह फीसदी की कमी आने की संभावना है। निजी वाहनों से सार्वजनिक यातायात के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में 3.6 फीसदी की कमी आ सकती है। घरेलू उपकरणों को साझा करना और उनकी मरम्मत करने से तीन फीसदी की कमी आने की संभावना है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने बताया कि यातायात या गतिशीलता और सेवाओं से संबंधित उपभोग पैटर्न में बदलाव करने से 11.8 फीसदी और 10.2 फीसदी उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तरी अमेरिका में कार्बन उत्सर्जन में कमी की पर्याप्त संभावना है, जबकि कुछ उप-सहारा अफ्रीकी देश - जैसे मॉरीशस, नामीबिया और चाड में भी जलवायु में बदलाव को कम करने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि कम कार्बन वाली जीवनशैली अपनाना जलवायु परिवर्तन को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है। अधिक उत्सर्जन वाले घरों को चुन करके, कार्बन में भारी कटौती हासिल की जा सकती है और अपने वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के करीब पहुंचा जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने के लिए आवश्यक वैश्विक प्रति-व्यक्ति औसत से अधिक घरों को चुनते हुए घरेलू खर्च के आंकड़ों का विश्लेषण किया, अलग-अलग कम कार्बन वाले कामों की कार्बन कमी क्षमता का व्यापक विश्लेषण प्रदान किया।
शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि जलवायु में बदलाव को कम करने के लिए उपभोग-आधारित कम कार्बन रणनीतियों को अपनाना आवश्यक है। शोध के निष्कर्ष जलवायु परिवर्तन से निपटने में उपभोक्ताओं को शामिल करने के महत्व को सामने लाते हैं, जो बहुत ज्यादा उत्सर्जकों को चुनने वाले न्यायसंगत उपायों को उजागर करते हैं।
यह शोध कार्बन पदचिह्नों को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव की क्षमता के बारे में अहम जानकारी प्रदान करता है। नीति निर्माताओं के लिए इन निष्कर्षों पर विचार करना और ऐसी रणनीतियों को लागू करना जरूरी है जो टिकाऊ उपभोग पैटर्न को प्रोत्साहित करती हैं।