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जलवायु

कॉप-30: ऊर्जा ढांचे में बदलाव का संकल्प, अरबों डॉलर के वैश्विक निवेश का ऐलान

अक्षय ऊर्जा को रफ्तार देने और ग्रिड-स्टोरेज से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए कॉप-30 में खुली फंडिंग की नई खिड़की

Puja Das, Lalit Maurya

  • कॉप-30 सम्मेलन में वैश्विक ऊर्जा ढांचे में बदलाव की दिशा में अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा की गई है।

  • यूटिलिटीज फॉर नेट जीरो अलायंस ने हर साल 148 अरब डॉलर खर्च करने का संकल्प लिया है, जिससे ग्रिड और ऊर्जा भंडारण को बढ़ावा मिलेगा।

  • इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी बाधाओं को दूर करना है।

  • एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और आसियान देशों ने मिलकर आसियान पावर ग्रिड फाइनेंसिंग इनिशिएटिव के तहत 12 अरब डॉलर से अधिक फंडिंग की घोषणा की है।

ब्राजील के बेलेम शहर में चल रहे कॉप-30 सम्मेलन ने दुनिया को स्पष्ट संकेत दिया है कि अब बिजली ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में बड़े बदलाव बेहद जरुरी हैं। 18 नवंबर 2025 को दुनिया भर की सरकारों, डेवलपमेंट बैंकों और उद्योग जगत ने अरबों डॉलर की नई प्रतिबद्धताएं की हैं। इनका मकसद उस “सबसे बड़ी रुकावट” को दूर करना है, जिसे वैश्विक नेता स्वच्छ ऊर्जा बदलाव की राह में मौजूद सबसे बड़ी चुनौती बता रहे हैं।

एक ट्रिलियन डॉलर के निवेश की खुली राह

इस दिशा में सबसे बड़ा ऐलान यूटिलिटीज फॉर नेट जीरो अलायंस की ओर से आया है, जिसने हर साल 148 अरब डॉलर खर्च करने की घोषणा की है। यह एक ऐसा कदम है जिससे ग्रिड और ऊर्जा भंडारण को बढ़ाने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर के निवेश के द्वार खुल जाएंगे।

इसके बाद कई बड़े बहुपक्षीय वादे भी किए गए। एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और आसियान देशों ने मिलकर आसियान पावर ग्रिड फाइनेंसिंग इनिशिएटिव के तहत 12 अरब डॉलर से अधिक फंडिंग की घोषणा की है।

लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के लिए एक नया पावर ट्रांसमिशन एक्सीलरेशन प्लेटफार्म शुरू किया गया, जिसे जर्मनी ने 15 मिलियन यूरो की मदद से इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक ग्रुप के जरिए समर्थन दिया है।

इसके अलावा, ब्रिटेन की बड़ी बिजली यूटिलिटी कंपनी एसएसई पीएलसी ने देश की बिजली व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए 33 अरब पाउंड के निवेश की पंचवर्षीय योजना की घोषणा की है।

सामाजिक हित में काम करने वाले संगठनों ने भी आगे बढ़कर सहयोग किया है। इस वर्ष शुरू हुए संगठन ग्लोबल ग्रिड्स कैटलिस्ट ने, जिसे शुरुआती 50 मिलियन डॉलर मिले थे, घोषणा की है कि वह 2026 में 70 लाख डॉलर तक जुटाकर बड़े निवेश को आकर्षित करेगा। इसके अलावा, 20 लाख डॉलर का एक इनोवेशन इनक्यूबेशन फंड भी बनाया जाएगा।

इसके कार्यकारी निदेशक आनंद आर गोपाल ने कहा, जलवायु से जुड़ी परमार्थ संस्थाएं अब समझ गई हैं कि उत्सर्जन को तेजी से घटाने में सबसे बड़ी रुकावट बिजली ग्रिड है… हम ग्रिड और स्टोरेज प्रतिज्ञा में नए देशों के शामिल होने का स्वागत करते हैं, लेकिन हम अभी भी कॉप-29 के लक्ष्य की राह पर नहीं हैं। इसलिए काम को और तेजी से लागू करने की जरूरत है।“

राजनीतिक समर्थन भी मजबूत

इसके साथ ही राजनीतिक समर्थन भी बढ़ा है। कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूजॉम ने आधिकारिक रूप से कॉप-29 ग्लोबल एनर्जी स्टोरेज और ग्रिड्स संकल्प का समर्थन किया है। उनके साथ ब्राजील के पांच राज्य रियो ग्रांडे डो नॉर्टे, पराइबा, पर्नाम्बूको, सिएरा और एस्पिरितो सान्तो भी इस पहल में शामिल हो गए।

कॉप-30 की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एना टोनी ने, अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) और ब्रिटेन व जर्मनी की सरकारों के साथ मिलकर ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव के क्लाइमेट फाइनेंस सिद्धांतों को मंजूरी दी है। इन सिद्धांतों का मकसद सार्वजनिक और निजी निवेश को बिजली ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को आधुनिक बनाने में लगाना है।

ब्राजील ने अपनी बिजली ग्रिड के विस्तार और मजबूती के लिए ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव के साथ मिलकर एक नई उच्च-स्तरीय समन्वय परिषद की घोषणा की है। यह कदम देश में तेजी से बढ़ रही अक्षय ऊर्जा को समर्थन देने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

“ग्रिड नहीं, तो अक्षय ऊर्जा बेकार”— जर्मनी

ये घोषणाएं जर्मन सरकार और ग्लोबल रिन्यूएबल्स एलायंस द्वारा आयोजित एक मंत्री-स्तरीय कार्यक्रम में की गईं। इसमें जर्मनी, अजरबैजान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कोरिया और ब्राजील के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और बताया कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेजी से बड़े कदम उठाने की जरूरत है।

जर्मनी के पर्यावरण मंत्री कार्स्टन श्नाइडर ने बैठक में कहा, “बिजली ग्रिड और ऊर्जा भंडारण क्षमता ही वैश्विक ऊर्जा बदलाव की कुंजी है। बिना दक्ष ग्रिड के अक्षय ऊर्जा के गीगावॉट उत्पादन होने के बाद भी उसका इस्तेमाल नहीं हो पाता।“

उन्होंने कहा कि जर्मनी तकनीकी और वित्तीय सहायता को बढ़ाएगा ताकि देश तेजी से बड़े पैमाने पर निवेश कर सकें और सप्लाई चेन के विकास में तेजी आए।

अजरबैजान के पर्यावरण मंत्री और कॉप29 अध्यक्ष मुख्तार बाबायेव ने चेताया, “अगर ऊर्जा भंडारण की दिशा में प्रगति धीमी रही, तो जलवायु कार्यों की रफ्तार अटक सकती है।"

उनके अनुसार सही ग्रिड और स्टोरेज के बिना ऊर्जा बदलाव संभव नहीं है। इसमें होने वाली देरी अक्षय ऊर्जा की लहर को रोक सकती है। उन्होंने कॉप-29 में की उस प्रतिज्ञा को दोहराया, जिसमें 2030 तक वैश्विक ऊर्जा भंडारण क्षमता को छह गुना बढ़ाने की बात कही गई है।

कम पड़ रहा निवेश

कई घोषणाओं के बावजूद, ग्लोबल रिन्यूएबल्स अलायंस ने चेतावनी दी है कि खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में निवेश की कमी अब भी बनी हुई है।

अलायंस के मुख्य कार्यकारी ब्रूस डगलस ने कहा, “जो रकम चाहिए और जो निवेश अभी हो रहा है, उसके बीच बड़ा अंतर है। हमें सरकारों और विकास बैंकों से और निर्णायक कदमों की जरूरत है, ताकि वित्त जुटाना आसान हो और ग्रिड व स्टोरेज के स्पष्ट लक्ष्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय योजनाओं में शामिल किए जा सकें। तभी हम वह मजबूत और अक्षय ऊर्जा आधारित व्यवस्था बना पाएंगे जिसकी दुनिया को जरूरत है।“

दुनिया में अक्षय ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में ग्रिड और स्टोरेज पर कॉप-30 का जोर इस सम्मेलन की सबसे अहम बातों में से एक रहा। यह साफ माना गया कि जब तक बिजली ग्रिड और बैटरियों को आधुनिक नहीं बनाया जाता, तब तक डीकार्बोनाइजेशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती, क्योंकि यही वह आधार है जो पूरी ऊर्जा व्यवस्था को संभालकर रखता है।