उत्तर प्रदेश के हापुड़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 पर पहुंच गया है, जो इसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है।
हापुड़ की हवा में पीएम2.5 के महीन कण हावी हैं, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है। दूसरी ओर, अरियालुर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई केवल 13 है।
विश्लेषण से पता चला है कि 24 नवंबर 2025 को देश में हापुड़ की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 416 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि 23 नवंबर को हापुड़ में एक्यूआई 420 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में चार अंकों का सुधार आया है।
इसके बावजूद हापुड़ में अभी भी स्थिति ‘गंभीर’ बनी हुई है और वहां गैस-चैम्बर जैसे हालत हैं। रुझानों में सामने आया है कि हापुड़ की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
हापुड़ से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में अरियालुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 13 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हापुड़ की तुलना अरियालुर से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा खराब है।
गौरतलब है कि कल (23 नवंबर) को देश में गाजियाबाद की स्थिति सबसे खराब थी जब एक्यूआई 437 दर्ज किया गया था, हालांकि 24 नवंबर को उसमें 41 अंकों का सुधार आया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ बनी हुई है, जहां प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानकों से 2,400 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 नवंबर, 2025 को 241 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 13.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 19 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 67.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
वहीं साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 13.5 फीसदी की गिरावट आई है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इन शहरों में कल से करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 12 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (397) दूसरे जबकि गाजियाबाद (396) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 382 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-चरखी दादरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 382 और 366 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बुलंदशहर (356) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में मेरठ (350), मानेसर (342) और बागपत (330) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात शहर (हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ, बागपत) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि हापुड़, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, चरखी दादरी, बुलंदशहर, मानेसर, बागपत, सिंगरौली, अंगुल, मुजफ्फरनगर, भिवानी, सोनीपत, धारूहेड़ा, टोंक, बहादुरगढ़, देवास, कटक, मंडीदीप, भिवाड़ी, खुर्जा, जींद, गुरुग्राम, बालासोर, यमुना नगर, अंकलेश्वर, नंदेसरी, भुवनेश्वर, बारबिल, ब्यासनगर, हल्दिया, तालचेर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, बारीपदा, फरीदाबाद, बोइसर, आसनसोल, करनाल, हाजीपुर, कोटा, नारनौल, विरार, जयपुर, बेलापुर, लखनऊ, राजसमंद, पंचकुला, हावड़ा, ग्वालियर, डूंगरपुर, सीकर, कोलकाता, मुंगेर, कानपुर, मंडी गोबिंदगढ़, सागर, कैथल, लुधियाना, झालावाड़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, भोपाल, श्री गंगानगर, बीकानेर, झुंझुनू, रतलाम, सूरत, चुरू, मुंबई, गया, जालोर, अहमदाबाद, हिसार, सासाराम, धनबाद, भरतपुर, क्योंझर, पटियाला, आगरा, जैसलमेर, नागौर, चंद्रपुर, इंदौर, पटना, वाराणसी, वृंदावन, सवाई माधोपुर, अजमेर, बिलीपाड़ा, बदलापुर, जालंधर, टेन्सा, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, खन्ना, बाड़मेर, सिरोही, राउरकेला, ठाणे, पुणे, नांदेड़, पिंपरी-चिंचवाड़, नयागढ़, गांधीनगर, नासिक, तुमिडीह, कोल्हापुर, मैहर, जलगांव, किशनगंज, परभणी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 13.3 फीसदी यानी महज 32 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, करूर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नागांव, नाहरलागुन, ऊटी, पेरुंदुरई, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 46 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, बागलकोट, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडीखेड़ा, नलबाड़ी, पलवल, रायपुर, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पानीपत, परभणी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
आंकड़ोंमेंयहभीसामनेआयाहैकिआजदेशके37 शहरोंमेंवायुगुणवत्ताखराबहै।इनशहरोंमेंअंबाला, अंकलेश्वर, आसनसोल, बहादुरगढ़, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोइसर, ब्यासनगर, कटक, देवास, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, जयपुर, जींद, करनाल, खुर्जा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मंडीदीप, नंदेसरी, नारनौल, पंचकुला, राजसमंद, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, विरार, यमुना नगर शामिलहैं।
इसी तरह आज देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बागपत, भिवानी, बुलंदशहर, चरखी दादरी, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, सिंगरौली, सोनीपत शामिल हैं। वहीं हापुड़ (420) में स्थिति गंभीर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 241 में से महज 32 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 46 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 42 दर्ज किया गया था।
110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज हापुड़ (416) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल हापुड़ में सूचकांक 420 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में चार अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद हापुड़ में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 382 पर पहुंच गया। इसी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां पांच अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 232 पर पहुंच गया।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 24 नवंबर को दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (397) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (396) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 198, गाजियाबाद में 396, गुवाहाटी में 63, गुरूग्राम में 286, नोएडा में 397, ग्रेटर नोएडा में 382 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 174 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 208, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 152, हैदराबाद में 83, जयपुर में 209 और पटना में 145 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 32 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर, अरियालुर, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, करूर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नागांव, नाहरलागुन, ऊटी, पेरुंदुरई, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, बागलकोट, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडीखेड़ा, नलबाड़ी, पलवल, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, समस्तीपुर, सतना, सिलचर, सिरसा, सिवान, सोलापुर, थूथुकुडी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 46 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:
दिल्ली-एनसीआर में दम घोंटू हवा: गाजियाबाद में 437, दिल्ली में 391 पर पहुंचा एक्यूआई