वायु गुणवत्ता और जलवायु संकट को अलग-अलग समझने की भूल नहीं की जा सकती; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक 
वायु

वायु प्रदूषण में टॉप पर ओडिशा का बालासोर, तालचेर-हल्दिया में भी स्थिति 'बेहद खराब'

बालासोर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।

Lalit Maurya

  • बालासोर में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जहां एक्यूआई 338 तक पहुंच गया है। तालचेर और हल्दिया में भी स्थिति चिंताजनक है।

  • बालासोर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।

  • दिल्ली में कल से प्रदूषण में 37 अंकों का सुधार आया है। दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि कल वहां एक्यूआई 271 दर्ज किया गया था, जो आज घटकर 234 पर पहुंच गया

  • 239 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33.1 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 62.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में तालचेर (320) दूसरे जबकि हल्दिया (316) तीसरे स्थान पर है।

  • इसी तरह 311 अंकों के साथ रूपनगर चौथे स्थान पर है। विशाखापत्तनम-बारीपदा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 303 और 301 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • गुम्मिडीपूंडी (297) सातवें स्थान पर हैं। दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (283), गाजियाबाद (280) और पंचकुला (278) भी शामिल हैं। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के तीन शहर (बालासोर, तालचेर, बारीपदा) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 25 दिसंबर 2025 को देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 338 रिकॉर्ड किया गया। कल बालासोर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 274 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 64 अंकों का उछाल आया है।

इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। रुझानों में सामने आया है कि बालासोर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बालासोर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बालासोर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है।

कल देश में रोहतक की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 237 अंकों के भारी सुधार के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 103 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जहां कल से प्रदूषण में 37 अंकों का सुधार आया है। दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 271 दर्ज किया गया था, जो आज घटकर 234 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।     

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 दिसंबर, 2025 को 239 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 33.1 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 62.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में 8.4 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में कल से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में तालचेर (320) दूसरे जबकि हल्दिया (316) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 311 अंकों के साथ रूपनगर चौथे स्थान पर है। विशाखापत्तनम-बारीपदा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 303 और 301 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

गुम्मिडीपूंडी (297) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (283), गाजियाबाद (280) और पंचकुला (278) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के तीन शहर (बालासोर, तालचेर, बारीपदा) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि बालासोर, तालचेर, हल्दिया, विशाखापत्तनम, बारीपदा, गुम्मिडीपूंडी, बद्दी, गाजियाबाद, पंचकुला, सोनीपत, अंगुल, मुजफ्फरनगर, पानीपत, ग्रेटर नोएडा, चित्तौड़गढ़, बल्लभगढ़, कटक, कोल्लम, बागपत, ब्यासनगर, हावड़ा, हाजीपुर, अररिया, भुवनेश्वर, गुरुग्राम, मेरठ, नारनौल, दिल्ली, राजमहेंद्रवरम, आरा, तिरुमाला, धारूहेड़ा, हापुड़, फरीदाबाद, भिवाड़ी, बैरकपुर, बिहार शरीफ, देहरादून, पूर्णिया, बुलंदशहर, कोलकाता, पुणे, खुर्जा, चंडीगढ़, चरखी दादरी, कटिहार, आसनसोल, राउरकेला, पटना, झालावाड़, पिंपरी-चिंचवाड़, लखनऊ, छपरा आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं रूपनगर, किशनगंज, मंडीदीप, जैसलमेर, सीकर, बीकानेर, चूरू, धनबाद, टोंक, श्री गंगानगर, सहरसा, अमरावती (आंध्रप्रदेश), फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, उल्हासनगर, नागौर, कल्याण, मंगुराहा, औरंगाबाद (बिहार), क्योंझर, झुंझुनू, जालंधर, हिसार, लुधियाना, भिवंडी, आगरा, बदलापुर, कैथल, रतलाम, अंकलेश्वर, बेलापुर, बिलीपाड़ा, गांधीनगर, सुआकाती, बोइसर, सांगली, सोलापुर, सिलीगुड़ी, जालोर, सासाराम, सवाई माधोपुर, कटनी, मंडी गोबिंदगढ़, नांदेड़, नयागढ़, दौसा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 4.6 फीसदी यानी महज 11 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में दमोह, झांसी, पलवल, पंपोर, शिलांग, श्री विजया पुरम, श्रीनगर आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 79 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंद्रपुर, छाल, कोयंबटूर, देवास, धौलपुर, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जोधपुर, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलागुन, नासिक, पाली आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बारबिल, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोइसर, बुलंदशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चूरू, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, कडप्पा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विरार शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 34 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अंगुल, अररिया, आरा, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बैरकपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्यासनगर, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हाजीपुर, हापुड़, हावड़ा, कोल्लम, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नारनौल, नोएडा, पंचकुला, पानीपत, राजमहेंद्रवरम, सोनीपत, तिरुमाला शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बालासोर, बारीपदा, हल्दिया, रूपनगर, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 239 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 24 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 61 दर्ज किया गया था।

109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज बालासोर (338) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही बालासोर में आज वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है।  

गौरतलब है कि कल देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 237 अंकों के भारी सुधार के साथ रोहतक में वायु गुणवत्ता गंभीर से ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गई है। 

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में 37 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 234 पर पहुंच गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 215 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।   

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 25 दिसंबर को रूपनगर चौथे स्थान पर है, वहीं तालचेर (320) दूसरे, जबकि हल्दिया (316) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 134, गाजियाबाद में 280, गुवाहाटी में 60, गुरूग्राम में 239, नोएडा में 256, ग्रेटर नोएडा में 268 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 104 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 163, चेन्नई में 150, चंडीगढ़ में 186, हैदराबाद में 99, जयपुर में 116 और पटना में 172 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, झांसी, पलवल, पंपोर, शिलांग, श्री विजया पुरम, श्रीनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंद्रपुर, छाल, कोयंबटूर, देवास, धौलपुर, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जोधपुर, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलागुन, नासिक, पाली, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, रायपुर, राजगीर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमडीह, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषण का हाल: दिल्ली-नोएडा में सुधरी हवा, रोहतक बना देश का सबसे प्रदूषित शहर