वायु

प्रदूषित शहरों में टॉप पर नोएडा, दिल्ली में बढ़कर 400 के पार पहुंचा एक्यूआई

29 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 410 रिकॉर्ड किया गया

Lalit Maurya

  • नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 410 पर पहुंच गया है, जो इसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। नोएडा की हवा में पीएम2.5 के महीन कण हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।

  • नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।

  • राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 11 अंकों का उछाल आया है। दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता एक बार फिर 'बेहद खराब' से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 390 दर्ज किया गया था, जो आज बढ़कर 401 पर पहुंच गया है।

  • 29 दिसंबर, 2025 को 231 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 27.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 69.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 29 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 410 रिकॉर्ड किया गया। कल नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों की गिरावट आई है।

इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।

कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 78 अंकों के सुधार के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब हो गई है।       

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 11 अंकों का उछाल आया है। दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता एक बार फिर 'बेहद खराब' से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 390 दर्ज किया गया था, जो आज बढ़कर 401 पर पहुंच गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।     

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 दिसंबर, 2025 को 231 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 27.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 69.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में 4.3 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में 33 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 253 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (401) दूसरे जबकि गाजियाबाद (393) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 356 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। भिवाड़ी-धारूहेड़ा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 350 और 341 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

तालचेर (331) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरुग्राम (318), मेरठ (316) और बद्दी (314) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के दो शहर (धारूहेड़ा, गुरुग्राम) और उत्तर प्रदेश के चार शहर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, धारूहेड़ा, तालचेर, गुरुग्राम, मेरठ, बद्दी, विशाखापत्तनम, बालासोर, चरखी दादरी, नारनौल, अंगुल, गुम्मिडीपूंडी, भुवनेश्वर, बारिपदा, बल्लभगढ़, देहरादून, ब्यासनगर, बागपत, हल्दिया, चंडीगढ़, फरीदाबाद, तिरुमाला, राजमहेंद्रवरम, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़, टोंक, हापुड़, रूपनगर, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, काशीपुर, मुजफ्फरनगर, बैरकपुर, चित्तूर, हावड़ा, जींद, बूंदी, बारबिल, कैथल, झालावाड़, करनाल, कोटा, सीकर, खुर्जा, पूर्णिया, कोलकाता, अंकलेश्वर, रोहतक, चित्तौड़गढ़, जालोर, बुलंदशहर, चेन्नई, भीलवाड़ा, ग्वालियर, हाजीपुर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), नागांव, नागपुर, वातवा, भिवानी, पटियाला, पाली, पुडुचेरी, मुरादाबाद, उल्हासनगर, अंबाला, कोल्हापुर, ऋषिकेश, आसनसोल, कुड्डालोर, मंडीखेड़ा, वापी, लखनऊ, मुंबई आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं गाजियाबाद, भिवाड़ी, भोपाल, मंडीदीप, बीकानेर, आगरा, जयपुर, श्री गंगानगर, बेगूसराय, कल्याण, फतेहाबाद, झुंझुनू, जैसलमेर, राउरकेला, चूरू, जोधपुर, नागौर, अहमदाबाद, धनबाद, प्रयागराज, हनुमानगढ़, बिलाईपाड़ा, किशनगंज, नवी मुंबई, अलवर, सोलापुर, भिवंडी, बदलापुर, मीरा-भायंदर, सागर, औरंगाबाद बिहार), नांदेड़, धुले, लुधियाना, ब्रजराजनगर, नासिक, अजमेर, विरार, जालंधर, तुमडीह, कानपुर, ठाणे, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बोइसर, तिरुवनंतपुरम, अमरावती (महाराष्ट्र), बारां, गांधीनगर, रतलाम, बेलापुर, चंद्रपुर, पलवल, फिरोजाबाद, पंपोर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के तीन फीसदी यानी महज सात शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कुंजेमुरा, मदिकेरी आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 63 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अकोला, अमृतसर, अनंतपुर, आरा, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, देवास, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, पंचगांव, पटना, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायपुर, राजगीर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 120 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बिलाईपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंपोर, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सोलापुर, श्री गंगानगर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 27 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अंगुल, बागपत, बल्लभगढ़, बारिपदा, बैरकपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चित्तूर, कटक, देहरादून, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, काशीपुर, कुरुक्षेत्र, मुजफ्फरनगर, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सोनीपत, तिरुमाला, टोंक शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बद्दी, बालासोर, भिवाड़ी, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, मेरठ, नारनौल, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। देश में आज नोएडा (410) और दिल्ली (401) में स्थिति गंभीर है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से महज सात शहरों में हवा 'बेहतर' है। 63 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 28 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 58 दर्ज किया गया था।

120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (410) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही नोएडा में आज भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।  

गौरतलब है कि कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 78 अंकों के सुधार के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 दर्ज किया गया। इसके साथ ही नोएडा में आज वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 11 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 401 पर पहुंच गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता एक बार फिर बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। दूसरी तरह फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 253 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।   

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 29 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (401) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (393) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 168, गाजियाबाद में 393, गुवाहाटी में 55, गुरूग्राम में 318, नोएडा में 410, ग्रेटर नोएडा में 356 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 136 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 136, चेन्नई में 171, चंडीगढ़ में 253, हैदराबाद में 96, जयपुर में 166 और पटना में 88 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन सात शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कुंजेमुरा, मदिकेरी शामिल हैं।

वहीं अकोला, अमृतसर, अनंतपुर, आरा, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, देवास, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, पंचगांव, पटना, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायपुर, राजगीर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, श्रीनगर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, त्रिशूर, वाराणसी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

हवा में जहर: ग्रेटर नोएडा में 434 पर पहुंचा एक्यूआई, नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति गंभीर